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लोहरदगा: लापता मजदूरों के परिजनों से मिले मंत्री और सांसद, बांटा दर्द

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद आई प्राकृतिक आपदा में लापता लोहरदगा के 9 मजदूरों के परिजनों से झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के साथ लोहरदगा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मुलाकात की. इस दौरान मंत्री और सांसद ने लापता मजदूरों के परिजनों से बात करते हुए उनका दर्द बांटने की कोशिश की.

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Published : Feb 14, 2021, 11:59 PM IST

Updated : Feb 15, 2021, 4:16 AM IST

Ministers and MP meet relatives of missing laborers in lohardaga
मंत्री और सांसद

लोहरदगा: उत्तराखंड के चमोली में आई प्राकृतिक आपदा में लोहरदगा के 9 मजदूर अब तक लापता है. उनके परिजनों के साथ मंत्री-सांसद के साथ प्रशासन भी खड़ा दिखाई दे रहा है. रविवार को प्रदेश के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के साथ लोहरदगा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने परिजनों से मुलाकात की. मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान परिजनों का दर्द छलक गया. परिजनों ने मंत्री और सांसद से लापता मजदूरों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग की. जिस पर फिलहाल मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- उत्तराखंड में लोहरदगा के 9 मजदूर हैं लापता, परिजन मांग रहे सलामती की दुआ



गांव पहुंचकर मंत्री ने की मुलाकात
झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, डीसी दिलीप कुमार टोप्पो, डीडीसी अखौरी शशांक कुमार सिन्हा सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड के बेटहट गांव में पहुंचकर लापता मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान परिजनों ने मंत्री से लापता मजदूरों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है, जल्द ही इस पर निर्णय लिए जाएंगे.

परिजनों का छलका दर्द

इस मुलाकात के दौरान लापता मजदूर के परिजनों का दर्द छलक कर सामने आ गया. लापता मजदूर नेमहस और सुशील की मां ने कहा कि जब यहां पर रोजगार मिलता तो हमारे बच्चे दूसरे प्रदेश में क्यों जाते. सरकार रोजगार की व्यवस्था क्यों नहीं करती है. परिजनों के सवालों का मंत्री और सांसद के पास कोई जवाब नजर नहीं आया. हालांकि सांसद और मंत्री परिजनों के सवाल को लेकर गंभीर जरूर दिखाई दिए. दोनों ने कहा कि सरकार स्थानीय तौर पर रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर प्रयास कर रही है. यहां पर रोजगार उपलब्ध कराते हुए पलायन की समस्या को खत्म किया जाएगा. जहां तक मुआवजा और सरकारी नौकरी की बात है तो लापता मजदूरों के बारे में अंतिम पुष्टि होने के साथ ही सरकार कोई निर्णय लेगी.

इसे भी पढ़ें- लोहरदगा में डेड उपकरणों के भरोसे अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था, आग लगने पर हो सकता है बड़ा हादसा

मंत्री-सांसद ने की आर्थिक मदद

इस मुलाकात के दौरान मंत्री और सांसद ने अपनी ओर से आर्थिक सहायता भी प्रदान की. साथ ही लापता मजदूर के परिजनों के लिए अंबेडकर आवास योजना का लाभ देने की बात भी कही. ग्रामीणों ने मंत्री और सांसद से क्षेत्र के विकास को लेकर सड़क, गार्डवाल सहित कई योजनाओं से अवगत भी कराया. इससे पहले मंत्री के आगमन को लेकर जब किस्को प्रखंड विकास पदाधिकारी परिजनों को बुलाने के लिए पहुंचे तो परिजनों ने वहां पर जाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी हाथ जोड़कर परिजनों से विनती करते हुए भी नजर आए. परिजनों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि यहां पर हर दिन कोई ना कोई आ रहा है, लेकिन लापता मजदूरों के बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा है.

लोहरदगा: उत्तराखंड के चमोली में आई प्राकृतिक आपदा में लोहरदगा के 9 मजदूर अब तक लापता है. उनके परिजनों के साथ मंत्री-सांसद के साथ प्रशासन भी खड़ा दिखाई दे रहा है. रविवार को प्रदेश के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के साथ लोहरदगा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने परिजनों से मुलाकात की. मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान परिजनों का दर्द छलक गया. परिजनों ने मंत्री और सांसद से लापता मजदूरों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग की. जिस पर फिलहाल मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया है.

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गांव पहुंचकर मंत्री ने की मुलाकात
झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, डीसी दिलीप कुमार टोप्पो, डीडीसी अखौरी शशांक कुमार सिन्हा सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड के बेटहट गांव में पहुंचकर लापता मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान परिजनों ने मंत्री से लापता मजदूरों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है, जल्द ही इस पर निर्णय लिए जाएंगे.

परिजनों का छलका दर्द

इस मुलाकात के दौरान लापता मजदूर के परिजनों का दर्द छलक कर सामने आ गया. लापता मजदूर नेमहस और सुशील की मां ने कहा कि जब यहां पर रोजगार मिलता तो हमारे बच्चे दूसरे प्रदेश में क्यों जाते. सरकार रोजगार की व्यवस्था क्यों नहीं करती है. परिजनों के सवालों का मंत्री और सांसद के पास कोई जवाब नजर नहीं आया. हालांकि सांसद और मंत्री परिजनों के सवाल को लेकर गंभीर जरूर दिखाई दिए. दोनों ने कहा कि सरकार स्थानीय तौर पर रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर प्रयास कर रही है. यहां पर रोजगार उपलब्ध कराते हुए पलायन की समस्या को खत्म किया जाएगा. जहां तक मुआवजा और सरकारी नौकरी की बात है तो लापता मजदूरों के बारे में अंतिम पुष्टि होने के साथ ही सरकार कोई निर्णय लेगी.

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मंत्री-सांसद ने की आर्थिक मदद

इस मुलाकात के दौरान मंत्री और सांसद ने अपनी ओर से आर्थिक सहायता भी प्रदान की. साथ ही लापता मजदूर के परिजनों के लिए अंबेडकर आवास योजना का लाभ देने की बात भी कही. ग्रामीणों ने मंत्री और सांसद से क्षेत्र के विकास को लेकर सड़क, गार्डवाल सहित कई योजनाओं से अवगत भी कराया. इससे पहले मंत्री के आगमन को लेकर जब किस्को प्रखंड विकास पदाधिकारी परिजनों को बुलाने के लिए पहुंचे तो परिजनों ने वहां पर जाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी हाथ जोड़कर परिजनों से विनती करते हुए भी नजर आए. परिजनों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि यहां पर हर दिन कोई ना कोई आ रहा है, लेकिन लापता मजदूरों के बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा है.

Last Updated : Feb 15, 2021, 4:16 AM IST
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