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प्रकृति की सुंदरता समेटे है लोहरदगा का पेशरार प्रखंड, सैर कर महसूस करेंगे तरोताजा - beautiful natural site

लोहरदगा जिले के सबसे नक्सल प्रभावित प्रखंड के रूप में कभी पेशरार की पहचान थी. महज 5 पंचायत, 74 गांव और 31 हजार की आबादी वाले इस प्रखंड में आदिम जनजाति और आदिवासी समुदाय के लोगों की बहुलता है. दो दशक पहले तक पर पेशरार को लोग नक्सलियों के गढ़ के रूप में जानते थे, लेकिन आज इसकी पहचान बेहद ही खूबसूरत प्राकृतिक स्थल के रूप में हो चुकी है.

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Published : Sep 27, 2019, 6:05 AM IST

लोहरदगा: जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेशरार प्रखंड में प्रकृति की अनुपम सुंदरता बिखरी पड़ी है. यहां जंगलों की हरियाली है तो कल-कल करती नदियों की धारा. स्वच्छ वातावरण है तो पर्वतों की श्रृंखलाएं भी हैं. प्रकृति ने पेशरार प्रखंड में अपनी सुंदर सुंदरता को बिखेर कर रख दिया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

खूबसूरत प्राकृतिक स्थल के रूप में पहचान
लोहरदगा जिले के सबसे नक्सल प्रभावित प्रखंड के रूप में कभी पेशरार की पहचान थी. महज 5 पंचायत, 74 गांव और 31 हजार की आबादी वाले इस प्रखंड में आदिम जनजाति और आदिवासी समुदाय के लोगों की बहुलता है. दो दशक पहले तक पर पेशरार को लोग नक्सलियों के गढ़ के रूप में जानते थे, लेकिन आज इसकी पहचान बेहद ही खूबसूरत प्राकृतिक स्थल के रूप में हो चुकी है.

सड़क के दोनों और पेड़ों की हरियाली
एक बार यदि आप पेशरार गए तो कुल्लू-मनाली तक को भूल जाएंगे. लातेहार, गुमला जिले को छूती हुई पेशरार की वादियां अपने आप में अद्वितीय है. कल-कल करते झरने जैसे यही बस कर रह जाने का संदेश देते हैं. केकरांग झरना और लावापानी झरना यहां के सबसे खास उपहार में से एक है. लावापानी पानी की तो बात ही निराली है. पहाड़ की ऊंचाई से 7 चरणों में गिरने वाला पानी कहीं और देखने को नहीं मिलेगा. सड़क के दोनों और पेड़ों की हरियाली के बीच से गुजरते वक्त ऐसा लगता है कि आप मनाली की वादियों से होकर गुजर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड बनेगा टूरिज्म का नया केंद्र, इटखोरी में बनेगा सबसे बड़ा स्तूप

पेशरार की सुंदरता की कोई तुलना ही नहीं है. यही वजह है कि तत्कालीन एसपी कार्तिक एस ने मानसून पेशरार का नाम दिया था. उन्होंने अपने प्रयास से पेशरार को एक नई पहचान दिलाई. आज पेशरार खिलखिलाकर हंस रहा है. पेशरार की वादियां लोगों को बुला रही है. पेशरार निश्चित रूप से आज एक बेहतर और प्रशंसनीय पर्यटक स्थल के रुप में स्थापित हो चुका है.

लोहरदगा: जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेशरार प्रखंड में प्रकृति की अनुपम सुंदरता बिखरी पड़ी है. यहां जंगलों की हरियाली है तो कल-कल करती नदियों की धारा. स्वच्छ वातावरण है तो पर्वतों की श्रृंखलाएं भी हैं. प्रकृति ने पेशरार प्रखंड में अपनी सुंदर सुंदरता को बिखेर कर रख दिया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

खूबसूरत प्राकृतिक स्थल के रूप में पहचान
लोहरदगा जिले के सबसे नक्सल प्रभावित प्रखंड के रूप में कभी पेशरार की पहचान थी. महज 5 पंचायत, 74 गांव और 31 हजार की आबादी वाले इस प्रखंड में आदिम जनजाति और आदिवासी समुदाय के लोगों की बहुलता है. दो दशक पहले तक पर पेशरार को लोग नक्सलियों के गढ़ के रूप में जानते थे, लेकिन आज इसकी पहचान बेहद ही खूबसूरत प्राकृतिक स्थल के रूप में हो चुकी है.

सड़क के दोनों और पेड़ों की हरियाली
एक बार यदि आप पेशरार गए तो कुल्लू-मनाली तक को भूल जाएंगे. लातेहार, गुमला जिले को छूती हुई पेशरार की वादियां अपने आप में अद्वितीय है. कल-कल करते झरने जैसे यही बस कर रह जाने का संदेश देते हैं. केकरांग झरना और लावापानी झरना यहां के सबसे खास उपहार में से एक है. लावापानी पानी की तो बात ही निराली है. पहाड़ की ऊंचाई से 7 चरणों में गिरने वाला पानी कहीं और देखने को नहीं मिलेगा. सड़क के दोनों और पेड़ों की हरियाली के बीच से गुजरते वक्त ऐसा लगता है कि आप मनाली की वादियों से होकर गुजर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड बनेगा टूरिज्म का नया केंद्र, इटखोरी में बनेगा सबसे बड़ा स्तूप

पेशरार की सुंदरता की कोई तुलना ही नहीं है. यही वजह है कि तत्कालीन एसपी कार्तिक एस ने मानसून पेशरार का नाम दिया था. उन्होंने अपने प्रयास से पेशरार को एक नई पहचान दिलाई. आज पेशरार खिलखिलाकर हंस रहा है. पेशरार की वादियां लोगों को बुला रही है. पेशरार निश्चित रूप से आज एक बेहतर और प्रशंसनीय पर्यटक स्थल के रुप में स्थापित हो चुका है.

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स्टोरी- लोहरदगा में तीन सड़क लुटेरे हुए गिरफ्तार, एके-47 का कारतूस और टैब मिलने से पुलिस हैरान
बाइट- अनिल कुमार तिवारी, थाना प्रभारी, कुडू थाना
एंकर- लोहरदगा पुलिस को फिर एक बार बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने तीन सड़क लुटेरों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने तीन देशी कट्टा, 6 थ्री फिफ्टिन का कारतूस, एक एके-47 का कारतूस, तीन मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार अपराधियों में सदर थाना क्षेत्र के हिरही गांव निवासी जावेद अंसारी, शहरी क्षेत्र के ब्लॉक कॉलोनी निवासी रोहित कुमार उर्फ विशाल कुमार और जगदीश उरांव शामिल है. पुलिस के समक्ष तीनों ने कई राज उगले हैं. पुलिस के लिए यह बड़ी सफलता है. हालांकि सड़क लुटेरों के पास से एके 47 का कारतूस और टैब मिलने से पुलिस हैरान है.

इंट्रो- एसपी प्रियदर्शी आलोक को गुप्त सूचना मिली थी कि लोहरदगा-चंदवा मुख्य पथ में कुडू थाना क्षेत्र के जरियो के समीप तीन सड़क लुटेरे हथियार के साथ घूम रहे हैं. जो किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. एसपी ने तत्काल कुडू थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी को छापेमारी करने का निर्देश दिया. कुडू थाना पुलिस जैसे ही जरियो के समीप पहुंची, पुलिस को देखकर अपराधी मोटरसाइकिल छोड़कर भागने लगे. पुलिस की टीम ने दौड़ाकर तीन अपराधियों को धर दबोचा. उनके पास से हथियार और कारतूस बरामद किया गया. पूछताछ में अपराधियों ने बताया कि वे सड़क लूट की घटना को अंजाम देने वाले थे. इसी को लेकर वह रेकी कर रहे थे. इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पुलिस इन अपराधियों के पुराने आपराधिक मामलों को खंगालने में भी जुटी हुई है. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि आखिर अपराधियों के पास एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार के कारतूस कहां से आए. अपराधी टैब का इस्तेमाल किस प्रकार से करते हैं. पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.Body:एसपी प्रियदर्शी आलोक को गुप्त सूचना मिली थी कि लोहरदगा-चंदवा मुख्य पथ में कुडू थाना क्षेत्र के जरियो के समीप तीन सड़क लुटेरे हथियार के साथ घूम रहे हैं. जो किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. एसपी ने तत्काल कुडू थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी को छापेमारी करने का निर्देश दिया. कुडू थाना पुलिस जैसे ही जरियो के समीप पहुंची, पुलिस को देखकर अपराधी मोटरसाइकिल छोड़कर भागने लगे. पुलिस की टीम ने दौड़ाकर तीन अपराधियों को धर दबोचा. उनके पास से हथियार और कारतूस बरामद किया गया. पूछताछ में अपराधियों ने बताया कि वे सड़क लूट की घटना को अंजाम देने वाले थे. इसी को लेकर वह रेकी कर रहे थे. इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पुलिस इन अपराधियों के पुराने आपराधिक मामलों को खंगालने में भी जुटी हुई है. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि आखिर अपराधियों के पास एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार के कारतूस कहां से आए. अपराधी टैब का इस्तेमाल किस प्रकार से करते हैं. पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.Conclusion:लोहरदगा पुलिस को तीन सड़क लुटेरों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है
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