लोहरदगा: सामूहिक दुष्कर्म के मामले में लोहरदगा सिविल कोर्ट (Lohardaga Civil Court) के अधीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने इस मामले में तीनों दोषियों को सजा सुनाया है. साथ ही उनपर जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले में महज एक साल के भीतर ही अदालत का फैसला सामने आया है. फिलहाल तीनों दोषी जेल में बंद हैं. यह घटना एक नाबालिग के साथ हुई थी. जिसमें अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है.
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दो भाइयों सहित तीन ने दिया था घटना को अंजाम: महिला थाना कांड संख्या 26/21 में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने तीन आरोपियों को सजा सुनाई है. घटना 2 अगस्त 2021 की है. जिसमें भादवि की धारा 376 डीए और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था. मामले में सेन्हा थाना क्षेत्र के अरु पतराटोली निवासी बिजला उरांव के पुत्र ज्ञानचंद्र उरांव और नरेश उरांव के अलावा बगडू थाना क्षेत्र के अरेया टंगरा टोली निवासी ललकु मुंडा के पुत्र सनोज मुंडा को सजा सुनाई गई है. ज्ञानचंद्र उरांव और नरेश उरांव दोनों भाई हैं. तीनों ने मिलकर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
आजीवन कारावास की सजा: अदालत ने इस मामले में तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना का फैसला सुनाया है. इस मामले में पुलिस अवर निरीक्षक नीलिमा तिर्की ने अनुसंधान किया था जबकि, सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी मनोज कुमार झा ने दलीलें पेश की है. एक नाबालिक के साथ दुष्कर्म (Gang rape with minor) की घटना को अंजाम देने वाले तीन दोषियों को अब पूरी जिंदगी जेल में बितानी होगी.