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सत्ता बदलते ही राज्य में बदली कई चीजें, कभी दिन-रात व्यस्त रहने वाला LED स्क्रीन, अब चिढ़ा रहा मुंह - सत्ता बदलते ही झारखंड में बदली कई चीजें

झारखंड में सरकार बदलते ही उपलब्धियों का बखान करने वाला एलइडी स्क्रीन अब बंद हो गया है. लोहरदगा सहित कई जिलों में सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और प्रचार के लिए उपयोग में लाई जाने वाली एलइडी स्क्रीन अब धूल फांक रहा है. रघुवर सरकार में इसका खूब इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन सत्ता बदलते ही चीजें बदल गई.

LED screen purchased in Raghuvar government is ruined in lohardaga
एलइडी लाइट हो रहा बर्बाद
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Published : Nov 7, 2020, 4:31 PM IST

लोहरदगा: सरकार बदलते ही कई व्यवस्थाएं भी बदल गई. राज्य की पिछली सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए अमूमन हर जिले में एलइडी स्क्रीन चौक-चौराहों में लगाए गए थे. जिसमें सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को बताया जाता था. पिछले 8 महीने से यह एलइडी स्क्रीन खामोश पड़े हुए हैं. इनका उपयोग नहीं हो रहा है. देखरेख के अभाव में यह कबाड़ होते जा रहे हैं. लोहरदगा में भी इसी प्रकार से एलइडी स्क्रीन की स्थिति दिखाई दे रही है, न तो प्रशासनिक अधिकारी इस पर कोई ध्यान दे रहे हैं और ना ही जिला जनसंपर्क विभाग की कोई चिंता है.

18 घंटे चलता रहता था एलइडी स्क्रीन

लोहरदगा के बरवाटोली चौक स्थित अजय उद्यान के समीप जनसंपर्क विभाग की ओर से एलइडी स्क्रीन रघुवर दास सरकार के समय में लगाया गया था. एलइडी स्क्रीन के माध्यम से 18 घंटे सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को बताया जाता था. प्रसारण के दौरान ज्यादातर रघुवर दास सरकार की उपलब्धियां, जिसमें एक रुपए में जमीन की रजिस्ट्री, मुख्यमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना सहित अन्य योजनाओं के बारे में बताया जाता था. जैसे ही रघुवर दास की सरकार बदली और हेमंत सरकार सरकार सत्ता में आई, वैसे ही एलइडी स्क्रीन खामोश हो गई. हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में आने के बाद एक महीने तक इस एलइडी स्क्रीन के माध्यम से हेमंत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को दिखाया गया. उसके बाद धीरे-धीरे यह बंद पड़ गया. पिछले 8 महीने से यह खामोश पड़ा हुआ है. अब तो एलइडी स्क्रीन के सामने एक सजावटी पेड़ भी खड़ा हो चुका है. वहां से गुजरने वाले लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि क्या सरकार बदलने के साथ ही एलइडी स्क्रीन भी खामोश हो गई. आखिर इसकी उपयोगिता क्या है. इतने पैसे आखिर क्यों खर्च किए गए थे.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में 30 नवंबर तक नहीं खुलेंगे स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और सिनेमा हॉल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

इन सवालों का जवाब देने के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं है. सरकार की उपलब्धियों ने भले ही आम आदमी को लाभांवित किया हो या ना किया हो पर उपलब्धियों का बखान करने के लिए पैसे जरूर खर्च किए गए. आज यहां एलइडी स्क्रीन लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है. सत्ता बदलते ही कई चीजें बदल जाती हैं. लोहरदगा में इसकी तस्वीर भी देखने को मिल रही है. रघुवर दास सरकार की योजनाओं का बखान करने के लिए लगाया गया एलइडी स्क्रीन खामोश पड़ा हुआ है. पिछले 8 महीने से स्क्रीन के माध्यम से प्रसारण बंद है.

लोहरदगा: सरकार बदलते ही कई व्यवस्थाएं भी बदल गई. राज्य की पिछली सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए अमूमन हर जिले में एलइडी स्क्रीन चौक-चौराहों में लगाए गए थे. जिसमें सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को बताया जाता था. पिछले 8 महीने से यह एलइडी स्क्रीन खामोश पड़े हुए हैं. इनका उपयोग नहीं हो रहा है. देखरेख के अभाव में यह कबाड़ होते जा रहे हैं. लोहरदगा में भी इसी प्रकार से एलइडी स्क्रीन की स्थिति दिखाई दे रही है, न तो प्रशासनिक अधिकारी इस पर कोई ध्यान दे रहे हैं और ना ही जिला जनसंपर्क विभाग की कोई चिंता है.

18 घंटे चलता रहता था एलइडी स्क्रीन

लोहरदगा के बरवाटोली चौक स्थित अजय उद्यान के समीप जनसंपर्क विभाग की ओर से एलइडी स्क्रीन रघुवर दास सरकार के समय में लगाया गया था. एलइडी स्क्रीन के माध्यम से 18 घंटे सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को बताया जाता था. प्रसारण के दौरान ज्यादातर रघुवर दास सरकार की उपलब्धियां, जिसमें एक रुपए में जमीन की रजिस्ट्री, मुख्यमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना सहित अन्य योजनाओं के बारे में बताया जाता था. जैसे ही रघुवर दास की सरकार बदली और हेमंत सरकार सरकार सत्ता में आई, वैसे ही एलइडी स्क्रीन खामोश हो गई. हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में आने के बाद एक महीने तक इस एलइडी स्क्रीन के माध्यम से हेमंत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को दिखाया गया. उसके बाद धीरे-धीरे यह बंद पड़ गया. पिछले 8 महीने से यह खामोश पड़ा हुआ है. अब तो एलइडी स्क्रीन के सामने एक सजावटी पेड़ भी खड़ा हो चुका है. वहां से गुजरने वाले लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि क्या सरकार बदलने के साथ ही एलइडी स्क्रीन भी खामोश हो गई. आखिर इसकी उपयोगिता क्या है. इतने पैसे आखिर क्यों खर्च किए गए थे.

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इन सवालों का जवाब देने के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं है. सरकार की उपलब्धियों ने भले ही आम आदमी को लाभांवित किया हो या ना किया हो पर उपलब्धियों का बखान करने के लिए पैसे जरूर खर्च किए गए. आज यहां एलइडी स्क्रीन लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है. सत्ता बदलते ही कई चीजें बदल जाती हैं. लोहरदगा में इसकी तस्वीर भी देखने को मिल रही है. रघुवर दास सरकार की योजनाओं का बखान करने के लिए लगाया गया एलइडी स्क्रीन खामोश पड़ा हुआ है. पिछले 8 महीने से स्क्रीन के माध्यम से प्रसारण बंद है.

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