लोहरदगा: एक लाख रुपये के इनामी जेजेएमपी उग्रवादी ललिंद्र महतो उर्फ ललिंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ललिंद्र बेहद खूंखार उग्रवादी है. इसने लोहरदगा और लातेहार जिले में कई घटनाओं को अंजाम दिया है. अचानक से यह साल 2009 के बाद गायब हो गया. पुलिस इसकी तलाश जंगलों में कर रही थी, परंतु शहर से ही इसकी गिरफ्तारी हुई है.
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पुलिस ने इस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था. इसके बावजूद यह पुलिस की पकड़ से दूर था. सबको लग रहा था कि या तो यह मर चुका है, या किसी दूसरे प्रदेश में जाकर रह रहा है. इसी बीच पुलिस को गुप्त सूचना मिली. पुलिस ने छापेमारी की और इनामी उग्रवादी शहर में ही पकड़ा गया. लोहरदगा पुलिस को पिछले 14 साल से फरार चल रहे ललिंद्र की किस्को थाना में कांड संख्या 65/2009, लातेहार जीआर संख्या 294ए/2006, बालूमाथ थाना कांड संख्या 54/03, लातेहार एसटी संख्या 173ए/2009 के मामले में पुलिस को तलाश थी.
सदर थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक अनिल उरांव को गुप्त सूचना मिली थी कि ललिंद्र यादव सदर थाना क्षेत्र के नवाड़ीपाड़ा के समीप छिप कर रह रहा है. वह लोहरदगा जिले के किस्को थाना क्षेत्र के सेमरडीह गांव निवासी स्वर्गीय लखन महतो का पुत्र है. जिसके बाद पुलिस निरीक्षक अनिल उरांव ने मामले की जानकारी एएसपी अभियान दीपक कुमार पांडे को दी. एएसपी अभियान ने पुलिस निरीक्षक अनिल उरांव के नेतृत्व में पुलिस अवर निरीक्षक पोलिकार्प टोप्पो, टीनू साव, संतोष कुमार यादव, कुलदीप कुमार राम, शशांक प्रियदर्शी, आरक्षी मुकेश कुमार सिंह को छापेमारी का निर्देश दिया. जिसके बाद पुलिस की टीम ने जेजेएमपी उग्रवादी को नवाड़ीपाड़ा में बूटी डॉक्टर के घर के पास घेराबंदी कर धर दबोचा.
ललिंद्र यादव कई सालों तक जेजेएमपी के साथ जुड़ा रहा था. जेजेएमपी का गठन भाकपा माओवादी नक्सली संगठन से अलग होकर कुछ नक्सलियों ने किया था. ललिंद्र ने उग्रवादी संजय यादव और मंजीत यादव के दस्ते में भी काम किया था. इसी दौरान वह कई उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहा था. पुलिस को लंबे समय से इसकी तलाश थी. यह लगातार छिपकर पुलिस की पकड़ से दूर था. आखिरकार पुलिस ने फरार चल रहे इस उग्रवादी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है.