लोहरदगा: झारखंड सरकार ने लोहरदगा में अभी तक किसी भी बालू घाट की नीलामी को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया है. इसके बावजूद लोहरदगा में बालू का अवैध खनन हो रहा (Illegal sand mining in Lohardaga) है. इसमें लूट नजर आ रही है. जिला के किसी भी बालू घाट में चले जाइए, आपको हर समय दर्जनों ट्रैक्टर के माध्यम से खुलेआम बालू का उठाव और परिवहन करते हुए देखा जा सकता है. पुलिस प्रशासन की सुस्त कार्य व्यवस्था की वजह से बालू के अवैध कारोबारियों का हौसला बढ़ा हुआ है.
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बेखौफ रूप से होता है उठाव और परिवहनः लोहरदगा जिला में कुल 11 बालू घाट कोयल और शंख नदी में स्थित है. यहां से दिन के उजाले में भी बेखौफ रूप से बालू का उठाव होता (Smuggling of sand in Koyal and Shankh river) है. कोयल और शंख नदी के अलग-अलग बालू घाट से बिना किसी डर और भय के बालू माफिया सैकड़ों ट्रैक्टर की मदद से बालू का उठाव करते हैं. आलम ऐसा है कि जब जिला मुख्यालय और डीसी कार्यालय के सामने से अवैध बालू लेकर बालू माफिया दिन भर आते-जाते रहते हैं. इसके बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है.
जिला में बेखौफ बालू माफियाः माफिया की ऐसी कारस्तानी को लेकर ऐसा लगता है जैसे इन लोगों को किसी का समर्थन प्राप्त है या फिर इन्हें कानून का कोई डर ही नहीं है. लोहरदगा में हर दिन लाखों रुपए के बालू का अवैध कारोबार हो रहा है. कहा जा रहा है कि लोहरदगा से बालू दूसरे प्रदेशों में भी भेजा जाता है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा माइनिंग टास्क फोर्स की मदद से लगातार कार्रवाई की बात कही जा रही है. खुद अनुमंडल पदाधिकारी इस मामले में गंभीरता की बात कहते हैं, विभिन्न पुलिस टीम द्वारा भी कार्रवाई की जा रही है. इसके बावजूद नदियों में बालू की चोरी का हाल देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ दिखावा है.
सरकार को राजस्व का चूनाः लोहरदगा में झारखंड सरकार को राजस्व का चूना लगाते हुए बालू माफिया खुलेआम बालू की चोरी कर रहे (Lohardaga Illegal mining of sand from rivers) हैं. रात के अंधेरे के साथ-साथ दिन के उजाले में भी सैकड़ों ट्रैक्टर की मदद से बालू का उठाव और परिवहन किया जाता है. पुलिस प्रशासन का डर इनके चेहरे पर नजर नहीं आता. खुलेआम बालू की चोरी से सरकार को राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है. इसके अलावा पुलिस प्रशासन के लिए भी इन्होंने चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है.