लोहरदगा: जिले में सोमवार को हरितालिका तीज की पूजा भक्ति भाव के साथ की गई. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में महिलाओं ने पुरोहित की उपस्थिति में पूजा अर्चना की. इस दौरान तीज की कथा भी सुनाई गई. हरितालिका तीज के मौके पर जगह-जगह पर महिलाएं सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना में शामिल हुई.
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लोहरदगा में सोमवार की सुबह से ही तीज को लेकर महिलाओं में उत्साह नजर आया. महिलाओं ने खास रूप से सोलह शृंगार करते हुए पूजा अर्चना की. महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना को लेकर पूजा-अर्चना करने पहुंची. पुरोहितों द्वारा विभिन्न स्थानों में सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना संपन्न कराया गया. महिलाओं ने भगवान से अपने पति की लंबी आयु, सुख और शांति के लिए प्रार्थना की. इस दौरान महिलाएं खास अंदाज में पारंपरिक पोशाक के साथ पूजा-अर्चना के लिए पहुंची हुई थीं.
नवविवाहिताओं के लिए तीज सबसे खास: तीज का त्योहार महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. सुहागिन महिलाएं इस त्योहार के मौके पर निर्जला उपवास रखकर पूजा-अर्चना करती हैं. विशेष तौर पर उन महिलाओं के लिए तीज का त्योहार सबसे खास होता है, जिनकी हाल में ही शादी हुई हो. पहली बार तीज का त्योहार कर रही नवविवाहिता के लिए यह किसी उपहार से कम नहीं होता. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया. कई स्थानों पर पारंपरिक रूप से पूजा-अर्चना का आयोजन करते हुए सभी के लिए पूजा की विशेष तैयारी की गई.
इस दौरान पारंपरिक रूप से गुजिया या कहें कि पिडुकिया का प्रसाद तैयार कर भगवान को भोग लगाया गया. पूजा को लेकर महिलाएं कई दिनों से तैयारी कर रही थीं. पुरोहितों ने कथा के दौरान तीज के महत्व के बारे में जानकारी दी. साथ ही बताया कि तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण होता है.