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मरीज से ज्यादा लोहरदगा के इस अस्पताल को है इलाज की जरूरत, लगा है कूड़े का अंबार

लोहरदगा सदर अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. जिसके कारण अस्पताल का हाल बद से बदतर हो गया है. साफ-सफाई का पूरा जिम्मा आउटसोर्सिंग कर्मचारी के पास ही है. अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए नगर निगम से मदद लेने की सिफारिश जरूर की है.

अस्पताल में कचड़े का अंबार
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Published : Aug 4, 2019, 8:53 PM IST

लोहरदगा: जिले के सदर अस्पताल में लोग बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं, लेकिन इस अस्पताल की हालत इतनी खराब है कि यहां आए मरीजों को कोई और बीमारी होने का डर सताने लगा है. अस्पताल में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है. जिससे अस्पताल पहुंचने में भी लोगों परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचना अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालने के समान नजर आ रहा है. जहां- तहां गंदगी पसरी पड़ी है. दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल है. हालात ऐसे हैं कि पूरा अस्पताल परिसर एक कूड़ेदान में तब्दील हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग का इस ओर कोई भी ध्यान नहीं है.

इसे भी पढ़ें:- आउटसोर्सिंग कर्मचारी गए हड़ताल पर, स्वास्थ्य व्यवस्था हुई ठप

कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से हाल बेहाल
अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से अस्पताल में साफ-सफाई नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के माध्यम से साफ सफाई सहित कई आवश्यक सेवाओं को विगत एक वर्ष से जारी रखा था. अपनी कई मांगों को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. आउटसोर्सिंग एजेंसी ने 285 कर्मियों में से डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार ने बताया कि नगर परिषद से सफाई को लेकर सहयोग लिया जाएगा. इसे लेकर उन्होंने नगर परिषद को पत्राचार भी किया है.

लोहरदगा: जिले के सदर अस्पताल में लोग बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं, लेकिन इस अस्पताल की हालत इतनी खराब है कि यहां आए मरीजों को कोई और बीमारी होने का डर सताने लगा है. अस्पताल में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है. जिससे अस्पताल पहुंचने में भी लोगों परेशानी हो रही है.

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सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचना अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालने के समान नजर आ रहा है. जहां- तहां गंदगी पसरी पड़ी है. दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल है. हालात ऐसे हैं कि पूरा अस्पताल परिसर एक कूड़ेदान में तब्दील हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग का इस ओर कोई भी ध्यान नहीं है.

इसे भी पढ़ें:- आउटसोर्सिंग कर्मचारी गए हड़ताल पर, स्वास्थ्य व्यवस्था हुई ठप

कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से हाल बेहाल
अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से अस्पताल में साफ-सफाई नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के माध्यम से साफ सफाई सहित कई आवश्यक सेवाओं को विगत एक वर्ष से जारी रखा था. अपनी कई मांगों को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. आउटसोर्सिंग एजेंसी ने 285 कर्मियों में से डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार ने बताया कि नगर परिषद से सफाई को लेकर सहयोग लिया जाएगा. इसे लेकर उन्होंने नगर परिषद को पत्राचार भी किया है.

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स्टोरी- कहीं बीमार ना कर दे यह अस्पताल, बन गया है कूड़े का ढेर
बाइट- इरशाद अंसारी, मरीज
बाइट- डॉ. विजय कुमार, सिविल सर्जन, लोहरदगा
एंकर- अस्पताल में लोग बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए पहुंचते हैं. इलाज कराकर स्वस्थ होना चाहते हैं, परंतु इस अस्पताल का क्या कहा जाए जो खुद ही बीमार नजर आ रहा है. मरीजों को डर सता रहा है कि कहीं अस्पताल उन्हें और बीमार ना कर दे. लोहरदगा जिले का सदर अस्पताल कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुका है. अस्पताल परिसर में घूमना या कहें कि इलाज के लिए पहुंचना अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालने के समान नजर आ रहा है. जहां- तहां गंदगी पसरी पड़ी है. मेडिकल कचरा इधर-उधर फेंका हुआ है. दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल है. हालत ऐसी की पूरा अस्पताल परिसर एक कूड़ेदान में तब्दील हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा.

इंट्रो- लोहरदगा सदर अस्पताल की वर्तमान हालत बेहद चिंताजनक है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से अस्पताल में साफ-सफाई नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के माध्यम से साफ सफाई सहित कई आवश्यक सेवाओं को विगत एक वर्ष से जारी रखा था. विगत दिनों अपनी कई मांगों को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. इसी बीच आउटसोर्सिंग एजेंसी ने 285 आउटसोर्सिंग कर्मियों में से डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. आउटसोर्सिंग एजेंसी स्वीकृत पद से ज्यादा कर्मी होने की बात कह रहा है. अब हालात ऐसे हैं कि सभी आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. परिस्थितियां विकट हो चुकी है. सदर अस्पताल में साफ-सफाई सहित कई सेवाएं ठप पड़ गई है. इनमें मुख्य रूप से ट्रॉली मैन का काम और साफ-सफाई ही शामिल है. गंदगी की वजह से मरीज परेशान हैं. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार कहते हैं कि वे नगर परिषद से सफाई को लेकर सहयोग लेंगे. इसे लेकर उन्होंने नगर परिषद को पत्राचार भी किया है.


Body:लोहरदगा सदर अस्पताल की वर्तमान हालत बेहद चिंताजनक है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से अस्पताल में साफ-सफाई नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के माध्यम से साफ सफाई सहित कई आवश्यक सेवाओं को विगत एक वर्ष से जारी रखा था. विगत दिनों अपनी कई मांगों को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. इसी बीच आउटसोर्सिंग एजेंसी ने 285 आउटसोर्सिंग कर्मियों में से डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. आउटसोर्सिंग एजेंसी स्वीकृत पद से ज्यादा कर्मी होने की बात कह रहा है. अब हालात ऐसे हैं कि सभी आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. परिस्थितियां विकट हो चुकी है. सदर अस्पताल में साफ-सफाई सहित कई सेवाएं ठप पड़ गई है. इनमें मुख्य रूप से ट्रॉली मैन का काम और साफ-सफाई ही शामिल है. गंदगी की वजह से मरीज परेशान हैं. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार कहते हैं कि वे नगर परिषद से सफाई को लेकर सहयोग लेंगे. इसे लेकर उन्होंने नगर परिषद को पत्राचार भी किया है.


Conclusion:सदर अस्पताल में सफाई की हालत बेहद खराब हो चुकी है. मरीजों के परिजनों को खुद बीमार पड़ने का खतरा सता रहा है.
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