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अमेरिका में डॉक्टर कर रहा ट्रेनिंग, लोहरदगा में उसके नाम से कोई और कर रहा इलाज

लोहरदगा में डेंटल क्लीनिक के नाम पर गड़बड़ी सामने आई है. डेंटिस्ट अमेरिका में ट्रेनिंग कर रहा है. जबकि उनके नाम पर लोहरदगा में कोई और क्लीनिक चला रहा है. यही नहीं इलाज के दौरान लापरवाही की भी बात सामने आ रही है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले में कार्रवाई की बात कही है.

dental clinic in lohardaga
dental clinic in lohardaga
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Published : Jun 7, 2022, 5:13 PM IST

Updated : Jun 7, 2022, 5:54 PM IST

लोहरदगा: इलाज के नाम पर मरीजों के साथ धोखाधड़ी सामान्य बात हो गई है. अक्सर ऐसी खबेंर आती हैं कि झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के नाम पर किसी मरीज की जान ली. ऐसी खबरें भी आती रहती हैं जिसमें निजी अस्पताल ने इलाज के नाम पर मरीजों से ज्यादा पैसे वसूले. लेकिन हद ये है कि डॉक्टर अमेरिका में ट्रेनिंग कर रहा है और उनके नाम पर लोहरदगा में क्लीनिक चल रहा है. एक दंत चिकित्सक ने लोहरदगा में ऐसा ही कुछ किया है. जैसे ही मामले की जानकारी मिली स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और जांच के आदेश दे दिए. विभाग का कहना है कि मामले में जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: पलामू में झोला छाप डॉक्टर ने ली महिला की जान, घटना के बाद क्लिनिक बंद कर हुआ फरार


इलाज के दौरान दांत के अंदर छोड़ दिया मेटल: रांची जिले के मांडर की रहने वाली श्वेता रंजन लोहरदगा शहरी क्षेत्र के नावाडीपाड़ा स्थित अपने मायके में आई हुई थी. जहां पर उन्हें दांत में दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद वे शहर के अपर बाजार में डॉ. रुचि अग्रवाल के क्लीनिक पर गईं. जहां एक डॉक्टर ने उनका इलाज किया, लेकिन इलाज के बाद श्वेता का दर्द और बढ़ गया. इसके बाद जब उन्होंने दूसरे डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि रुचि अग्रवाल की क्लीनिक में जिस डॉक्टर ने इनका इलाज किया था उसने मेटल दांत के अंदर ही छोड़ दिया था.

देखें वीडियो

जब मामले की पड़ताल हुई तो पता चला कि जिस डॉक्टर रुचि अग्रवाल के नाम पर यह क्लीनिक है, वह तो यूएस में ट्रेनिंग कर रहा है. उनके स्थान पर लोहरदगा में प्रेम कुमार नाम का व्यक्ति इलाज कर रहा है. हालांकि प्रेम कुमार खुद को डॉक्टर बताते हैं. इस मामले में पीड़ित श्वेता ने मुआवजे की मांग की है. रुचि अग्रवाल के क्लीनिक ने मुआवजा देने के लिए सहमति भी जता दी है, लेकिन पूरे मामले में टालमटोल जारी है.

इस मामले को लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है. सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार सुबोध का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है. किसी दूसरे डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर किसी दूसरे डॉक्टर द्वारा इलाज किया जाना गंभीर विषय है. इस मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए एक टीम का गठन किया जाएगा.

लोहरदगा: इलाज के नाम पर मरीजों के साथ धोखाधड़ी सामान्य बात हो गई है. अक्सर ऐसी खबेंर आती हैं कि झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के नाम पर किसी मरीज की जान ली. ऐसी खबरें भी आती रहती हैं जिसमें निजी अस्पताल ने इलाज के नाम पर मरीजों से ज्यादा पैसे वसूले. लेकिन हद ये है कि डॉक्टर अमेरिका में ट्रेनिंग कर रहा है और उनके नाम पर लोहरदगा में क्लीनिक चल रहा है. एक दंत चिकित्सक ने लोहरदगा में ऐसा ही कुछ किया है. जैसे ही मामले की जानकारी मिली स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और जांच के आदेश दे दिए. विभाग का कहना है कि मामले में जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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इलाज के दौरान दांत के अंदर छोड़ दिया मेटल: रांची जिले के मांडर की रहने वाली श्वेता रंजन लोहरदगा शहरी क्षेत्र के नावाडीपाड़ा स्थित अपने मायके में आई हुई थी. जहां पर उन्हें दांत में दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद वे शहर के अपर बाजार में डॉ. रुचि अग्रवाल के क्लीनिक पर गईं. जहां एक डॉक्टर ने उनका इलाज किया, लेकिन इलाज के बाद श्वेता का दर्द और बढ़ गया. इसके बाद जब उन्होंने दूसरे डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि रुचि अग्रवाल की क्लीनिक में जिस डॉक्टर ने इनका इलाज किया था उसने मेटल दांत के अंदर ही छोड़ दिया था.

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जब मामले की पड़ताल हुई तो पता चला कि जिस डॉक्टर रुचि अग्रवाल के नाम पर यह क्लीनिक है, वह तो यूएस में ट्रेनिंग कर रहा है. उनके स्थान पर लोहरदगा में प्रेम कुमार नाम का व्यक्ति इलाज कर रहा है. हालांकि प्रेम कुमार खुद को डॉक्टर बताते हैं. इस मामले में पीड़ित श्वेता ने मुआवजे की मांग की है. रुचि अग्रवाल के क्लीनिक ने मुआवजा देने के लिए सहमति भी जता दी है, लेकिन पूरे मामले में टालमटोल जारी है.

इस मामले को लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है. सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार सुबोध का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है. किसी दूसरे डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर किसी दूसरे डॉक्टर द्वारा इलाज किया जाना गंभीर विषय है. इस मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए एक टीम का गठन किया जाएगा.

Last Updated : Jun 7, 2022, 5:54 PM IST
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