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दहशत में कई गांवों के लोग, हर तरफ दिख रहा मौत का मंजर! शाम होते ही खुद को घर में कर ले रहे कैद

लोहरदगा में रसेल वाइपर का खौफ है. जिले के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण रसेल वाइपर के खौफ के साये में जी रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में सांप के काटने से तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 12 से ज्यादा इनके शिकार हो चुके हैं. इसलिए डर के कारण ग्रामीण शाम होते ही अपने घरों में दुबक जाते हैं. Russell Viper in many villages of Lohardaga

Russell Viper in many villages of Lohardaga
Russell Viper in many villages of Lohardaga
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 1, 2023, 5:43 PM IST

लोहरदगा में रसेल वाइपर का खौफ

लोहरदगा: हर तरफ मौत घूम रही है. घर में मौत, घर के बाहर मौत, खेतों में मौत, खौफ का ऐसा मंजर आपने शायद ही कभी देखा हो. लोहरदगा के आधा दर्जन गांवों में खतरनाक रसेल वाइपर मौत बनकर घूम रहा है. डर के मारे ग्रामीण अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते. फसल काटने के लिए खेतों में नहीं जा रहे हैं. शाम होते ही वे घर में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं. गांव में सन्नाटा पसरा रहता है.

यह भी पढ़ें: Python Found in Lohardaga: अजगर के साथ सेल्फी या मौत से खिलवाड़! जानिए, क्या है माजरा

लोहरदगा जिले के सदर थाना क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में खतरनाक जहरीले रसेल वाइपर का खौफ है. सदर थाना क्षेत्र के हेजल, कुंजी, कुरसे आदि गांवों में रसेल वाइपर ने एक माह में तीन लोगों की जान ले ली है. जबकि कई लोग इसके शिकार हो चुके हैं. रसेल वाइपर कहीं भी दिख जाता है. ऐसा लगता है मानो सांप मौत बनकर घूम रहे हो. डर के मारे ग्रामीण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ग्रामीणों में डर इस कदर है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे हैं.

शाम होते ही घर के अंदर बंद हो जाते हैं ग्रामीण: ग्रामीणों का कहना है कि पता नहीं कब कहां से सांप निकल आए. डर के कारण ग्रामीण शाम होते ही अपनी दुकानें बंद कर घर चले जाते हैं. वे घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. एक नहीं, दो नहीं बल्कि एक दर्जन गांवों में ऐसी ही स्थिति है. ग्रामीण समझ नहीं पा रहे हैं कि अचानक इतने सारे रसेल वाइपर कहां से आ गए. खेत में मक्का और धान की फसल लगी हुई है. मक्के की फसल तैयार हैं, लेकिन डर के कारण ग्रामीण खेतों में नहीं जा रहे हैं. धान के खेतों से खरपतवार साफ करने का समय आ गया है. ग्रामीण डर के कारण खेतों के अंदर नहीं जा रहे हैं. उन्हें झाड़ियों और खेतों में मौत नजर आ रही है.

नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद: इस डर को दूर करने के लिए अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. पिछले एक माह से एक दर्जन गांवों के लोग इसी खौफ में जीने को मजबूर हैं. गांव की महिलाएं पानी भरने के लिए कुएं पर भी नहीं जा रही हैं. मामले को लेकर जब वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के बाद वन विभाग सांप को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ देगा. साथ ही जिन लोगों की मौत हुई है, उनके आश्रितों को आपदा प्रबंधन विभाग से मदद मुहैया करायी जायेगी. इसके अलावा फिलहाल कुछ नहीं हो सकता.

लोहरदगा में रसेल वाइपर का खौफ

लोहरदगा: हर तरफ मौत घूम रही है. घर में मौत, घर के बाहर मौत, खेतों में मौत, खौफ का ऐसा मंजर आपने शायद ही कभी देखा हो. लोहरदगा के आधा दर्जन गांवों में खतरनाक रसेल वाइपर मौत बनकर घूम रहा है. डर के मारे ग्रामीण अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते. फसल काटने के लिए खेतों में नहीं जा रहे हैं. शाम होते ही वे घर में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं. गांव में सन्नाटा पसरा रहता है.

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लोहरदगा जिले के सदर थाना क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में खतरनाक जहरीले रसेल वाइपर का खौफ है. सदर थाना क्षेत्र के हेजल, कुंजी, कुरसे आदि गांवों में रसेल वाइपर ने एक माह में तीन लोगों की जान ले ली है. जबकि कई लोग इसके शिकार हो चुके हैं. रसेल वाइपर कहीं भी दिख जाता है. ऐसा लगता है मानो सांप मौत बनकर घूम रहे हो. डर के मारे ग्रामीण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ग्रामीणों में डर इस कदर है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे हैं.

शाम होते ही घर के अंदर बंद हो जाते हैं ग्रामीण: ग्रामीणों का कहना है कि पता नहीं कब कहां से सांप निकल आए. डर के कारण ग्रामीण शाम होते ही अपनी दुकानें बंद कर घर चले जाते हैं. वे घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. एक नहीं, दो नहीं बल्कि एक दर्जन गांवों में ऐसी ही स्थिति है. ग्रामीण समझ नहीं पा रहे हैं कि अचानक इतने सारे रसेल वाइपर कहां से आ गए. खेत में मक्का और धान की फसल लगी हुई है. मक्के की फसल तैयार हैं, लेकिन डर के कारण ग्रामीण खेतों में नहीं जा रहे हैं. धान के खेतों से खरपतवार साफ करने का समय आ गया है. ग्रामीण डर के कारण खेतों के अंदर नहीं जा रहे हैं. उन्हें झाड़ियों और खेतों में मौत नजर आ रही है.

नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद: इस डर को दूर करने के लिए अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. पिछले एक माह से एक दर्जन गांवों के लोग इसी खौफ में जीने को मजबूर हैं. गांव की महिलाएं पानी भरने के लिए कुएं पर भी नहीं जा रही हैं. मामले को लेकर जब वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के बाद वन विभाग सांप को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ देगा. साथ ही जिन लोगों की मौत हुई है, उनके आश्रितों को आपदा प्रबंधन विभाग से मदद मुहैया करायी जायेगी. इसके अलावा फिलहाल कुछ नहीं हो सकता.

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