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अस्पतालों में मरीजों की जान से खिलवाड़, यहां फर्जी डिग्री लेकर डॉक्टर कर रहे इलाज - फर्जी डिग्री

नर्सिंग होम और क्लिनिकों में इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. लोहरदगा में क्लिनिकल एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के कई निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है.

र्जी डिग्री लेकर डॉक्टर कर रहे इलाज
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Published : Aug 6, 2019, 6:17 PM IST

लोहरदगा: सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. शंभू नाथ चौधरी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, डीडीएम, अस्पताल प्रबंधक सहित कई सदस्यों की टीम ने लोहरदगा के कई निजी अस्पतालों में छापेमारी कर वहां स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की पड़ताल की.

देखें पूरी खबर


डॉक्टरों की डिग्री निकली फर्जी
छापेमारी के दौरान चौकानेवाले तथ्य निकलकर सामने आए हैं. डॉक्टरों की डिग्री तो आयुर्वेदिक चिकित्सा की है, लेकिन इलाज एलोपैथिक चिकित्सा का किया जा रहा है. यही नहीं ओपीडी रजिस्टर सहित कई आवश्यक कागजात भी नहीं मिले.


स्वास्थ्य विभाग भी हैरान
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जिंदगी के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है. उनका मानना है कि कमियां सभी अस्पतालों में हैं. डॉक्टरों की डिग्री ही जब फर्जी है तो वह इलाज भी वैसा करेंगे. जब डॉक्टरों से सवाल किया गया तो उन्होंने माफी मांगनी शुरू कर दी. फिलहाल इस छापेमारी से यह साफ हो गया कि डॉक्टरों के लिए मरीज सिर्फ पैसे कमाने का एक जरिया है.

लोहरदगा: सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. शंभू नाथ चौधरी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, डीडीएम, अस्पताल प्रबंधक सहित कई सदस्यों की टीम ने लोहरदगा के कई निजी अस्पतालों में छापेमारी कर वहां स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की पड़ताल की.

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डॉक्टरों की डिग्री निकली फर्जी
छापेमारी के दौरान चौकानेवाले तथ्य निकलकर सामने आए हैं. डॉक्टरों की डिग्री तो आयुर्वेदिक चिकित्सा की है, लेकिन इलाज एलोपैथिक चिकित्सा का किया जा रहा है. यही नहीं ओपीडी रजिस्टर सहित कई आवश्यक कागजात भी नहीं मिले.


स्वास्थ्य विभाग भी हैरान
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जिंदगी के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है. उनका मानना है कि कमियां सभी अस्पतालों में हैं. डॉक्टरों की डिग्री ही जब फर्जी है तो वह इलाज भी वैसा करेंगे. जब डॉक्टरों से सवाल किया गया तो उन्होंने माफी मांगनी शुरू कर दी. फिलहाल इस छापेमारी से यह साफ हो गया कि डॉक्टरों के लिए मरीज सिर्फ पैसे कमाने का एक जरिया है.

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स्टोरी- अस्पतालों में हुई ताबड़तोड़ छापेमारी, मिली कई कमियां
... आयुर्वेदिक की डिग्री लेकर एलोपैथिक का इलाज कर रहे चिकित्सक, अस्पतालों में सुविधाओं का भी घोर अभाव
बाइट- डॉ. ऐसी भद्रा, चिकित्सक, भद्रा क्लिनिक
बाइट- डॉ. शंभू नाथ चौधरी, डीएस, सदर अस्पताल
एंकर- डॉक्टर के क्लीनिक का बोर्ड और मरीजों की भीड़ देखकर किसी भी डॉक्टर के पास इलाज करा लेना खतरे से खाली नहीं है. क्या पता वह डॉक्टर जो इलाज कर रहा हो उसके पास उस इलाज की डिग्री भी ना हो. लोहरदगा में दो दर्जन से ज्यादा नर्सिंग होम और डॉक्टरों के क्लीनिक चल रहे हैं. इन नर्सिंग होम और क्लिनिको में इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. क्लिनिकल एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के कई निजी अस्पतालों और क्लीनिक में ताबड़तोड़ छापेमारी की है. जिसमें चौकानेवाले तथ्य निकलकर सामने आए हैं. निरीक्षण और छापेमारी के दौरान कुछ ऐसी बातें भी देखने को मिली जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि कैसे मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. डिग्री आयुर्वेदिक चिकित्सा की है और इलाज एलोपैथिक चिकित्सा का किया जा रहा है. यह नजारा लोहरदगा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शहर के कई निजी अस्पताल और क्लिनिको में छापेमारी के दौरान देखने को मिला है. स्वास्थ्य विभाग की टीम की छापेमारी से खलबली मची है.

इंट्रो- सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. शंभू नाथ चौधरी, सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, डीडीएम, अस्पताल प्रबंधक सहित कई सदस्यों की टीम ने लोहरदगा के कई निजी अस्पतालों में छापेमारी कर वहां स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की पड़ताल की. जांच के क्रम में यह सामने आया कि अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पतालों में पहुंची तो वहां चिकित्सक नदारद थे. यही नहीं ओपीडी रजिस्टर सहित कई आवश्यक कागजात भी नहीं मिले. दूसरे अस्पताल में पहुंचने पर पाया गया कि डॉक्टर के पास आयुर्वेदिक की डिग्री थी और वह इलाज एलोपैथिक का कर रहा था. इसी तरह का नजारा कई अस्पतालों में देखने को मिला. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी माना कि कमियां तो हैं वह अभी फिलहाल इस बारे में कुछ विशेष नहीं कह सकते हैं. उन्हें रिपोर्ट सौंपनी है. इधर जब किसी और डिग्री के होने के बाद किसी और चिकित्सा पद्दति से इलाज करते पकड़ में आए चिकित्सक डॉक्टर ऐसी भद्रा से पूछा गया तो उनका कहना था कि वह इसके लिए माफी मांग रहे हैं. मरीज को जरूरत थी तो उन्होंने दवाई लिख दी. हालांकि उनके क्लीनिक में एलोपैथिक दवाएं देखकर ही सारी स्थिति स्पष्ट हो गई. कुल मिलाकर टीम की जांच में कई खुलासे हुए हैं.


Body:सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. शंभू नाथ चौधरी, सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, डीडीएम, अस्पताल प्रबंधक सहित कई सदस्यों की टीम ने लोहरदगा के कई निजी अस्पतालों में छापेमारी कर वहां स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की पड़ताल की. जांच के क्रम में यह सामने आया कि अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पतालों में पहुंची तो वहां चिकित्सक नदारद थे. यही नहीं ओपीडी रजिस्टर सहित कई आवश्यक कागजात भी नहीं मिले. दूसरे अस्पताल में पहुंचने पर पाया गया कि डॉक्टर के पास आयुर्वेदिक की डिग्री थी और वह इलाज एलोपैथिक का कर रहा था. इसी तरह का नजारा कई अस्पतालों में देखने को मिला. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी माना कि कमियां तो हैं वह अभी फिलहाल इस बारे में कुछ विशेष नहीं कह सकते हैं. उन्हें रिपोर्ट सौंपनी है. इधर जब किसी और डिग्री के होने के बाद किसी और चिकित्सा पद्दति से इलाज करते पकड़ में आए चिकित्सक डॉक्टर ऐसी भद्रा से पूछा गया तो उनका कहना था कि वह इसके लिए माफी मांग रहे हैं. मरीज को जरूरत थी तो उन्होंने दवाई लिख दी. हालांकि उनके क्लीनिक में एलोपैथिक दवाएं देखकर ही सारी स्थिति स्पष्ट हो गई. कुल मिलाकर टीम की जांच में कई खुलासे हुए हैं.


Conclusion:स्वास्थ्य विभाग की टीम की जांच में कई खुलासे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मिले तथ्यों से हैरान है.
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