लोहरदगा: जिले में लैंड माइंस विस्फोट की घटना में सेट-3 के एक जवान के शहीद होने के बाद पुलिस मुख्यालय गंभीर हो चुका है. पुलिस की ओर से नक्सलियों को करारा जवाब देने को लेकर पहल तेज कर दी गई है. खुद राज्य पुलिस के मुखिया लोहरदगा पहुंचे. इस दौरान डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज करने का निर्देश दिया है. हालांकि उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान का खुलासा नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि नक्सलियों को माकूल जवाब दिया जाएगा.
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हेलीकॉप्टर से पहुंचे डीजीपी
नक्सली घटना के बाद बुधवार को पुलिस महानिदेशक नीरज कुमार सिन्हा लोहरदगा पहुंचे. उनके साथ एडीजी आप्रेशन नवीन कुमार सिंह और आईजी साकेत कुमार सिंह मौजूद थे. पुलिस के वरीय अधिकारियों ने सेरेंगदाग थाना परिसर में एक बैठक की और नक्सलियों के धर-पकड़ को लेकर योजना बनाई. बैठक के दौरान डीजीपी ने घटनास्थल के आसपास और सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से पुलिसिया कार्रवाई की रणनीति तैयार की है.
नक्सलियों के कायरतापूर्ण कार्रवाई से जवान हुए शहीद
डीजीपी ने बैठक के बाद कहा कि घटना बेहद दुखद और नक्सलियों की कायरतापूर्ण कारवाई है, पुलिस मामले को लेकर गंभीर है, नक्सलियों को माकूल जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिस फिलहाल अभियान और योजना को लेकर कोई खुलासा नहीं कर सकती है, शहीद जवान के आश्रित में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 45 लाख रुपये के बीमा की राशि, 25 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान, सेवाकाल के वेतन में से तीस लाख रुपये सहित कुल एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि दी जाएगी.
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आईईडी ब्लास्ट में सैट-3 के जवान हुए थे शहीद
लोहरदगा के सुदूरवर्ती उग्रवाद प्रभावित सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के जुड़वानी-चपाल के बीच लोहरदगा-गुमला जिले के सीमावर्ती चपाल जंगल में आइईडी ब्लास्ट में सैट-3 के जवान दुलेश्वर परास शहीद हो गए थे, जिसके बाद पुलिस महकमा पूरी तरह सक्रिय हो गया है. डीजीपी बुधवार को लोहरदगा पहुंचे, जहां उन्होंने कई वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.