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लोहरदगा में आमने- सामने दो गुट, शव दफनाने को लेकर हुआ विवाद

लोहरदगा मेें आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल पर दूसरे समुदाय की महिला का शव दफनाए जाने से विवाद उत्पन्न हो गया है. आदिवासी समुदाय शव को किसी अन्य जगहों पर दफनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं, मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी है.

दो समुदाय में विवाद
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Published : Apr 16, 2019, 1:56 PM IST

लोहरदगा: शहरी क्षेत्र के कचहरी मोड पर आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल पर दूसरे समुदाय की महिला का शव दफनाए जाने से विवाद उत्पन्न हो गया. मामले में जिला प्रशासन भी कोई फैसला नहीं कर पाई है जिसकी वजह से तनाव की स्थिति बनी हुई है.

देखें पूरी वीडियो, दो समुदाय में विवाद

आदिवासी समुदाय शव को किसी अन्य जगहों पर दफनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. वह लोग लगातार प्रशासन के सामने विरोध कर रहे हैं. लोगों का साफ कहना है कि वह किसी दूसरे धर्म को मानने वाली महिला का अंतिम संस्कार अपने स्थल पर नहीं होने देंगे.

मामले में एसडीपीओ जितेंद्र कुमार सिंह ने साफ किया कि वह दोनों पक्षों से बात कर मामले को सुलझाएंगे. फिलहाल महिला के परिजनों और उनके समाज से बातचीत कर शव को उनके चिन्हित स्थल पर दफनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

हालांकि विवाद के कई घंटे बाद भी प्रशासन मामले को सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाई. दोनों ही समुदाय अपनी मांगों पर अड़े हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी गई.

लोहरदगा: शहरी क्षेत्र के कचहरी मोड पर आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल पर दूसरे समुदाय की महिला का शव दफनाए जाने से विवाद उत्पन्न हो गया. मामले में जिला प्रशासन भी कोई फैसला नहीं कर पाई है जिसकी वजह से तनाव की स्थिति बनी हुई है.

देखें पूरी वीडियो, दो समुदाय में विवाद

आदिवासी समुदाय शव को किसी अन्य जगहों पर दफनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. वह लोग लगातार प्रशासन के सामने विरोध कर रहे हैं. लोगों का साफ कहना है कि वह किसी दूसरे धर्म को मानने वाली महिला का अंतिम संस्कार अपने स्थल पर नहीं होने देंगे.

मामले में एसडीपीओ जितेंद्र कुमार सिंह ने साफ किया कि वह दोनों पक्षों से बात कर मामले को सुलझाएंगे. फिलहाल महिला के परिजनों और उनके समाज से बातचीत कर शव को उनके चिन्हित स्थल पर दफनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

हालांकि विवाद के कई घंटे बाद भी प्रशासन मामले को सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाई. दोनों ही समुदाय अपनी मांगों पर अड़े हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी गई.

Intro:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_NAHI SULJH HAI SHAV VIVAD
स्टोरी- आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल में शव गाड़े जाने के बाद खत्म नहीं हुआ है विवाद, कायम है तनाव
बाइट-शानिचारो उरांव, आदिवासी महिला
बाइट- सुनील उरांव, आदिवासी युवक
बाइट- जितेंद्र कुमार सिंह, एसडीपीओ, लोहरदगा
एंकर- लोहरदगा शहरी क्षेत्र के कचहरी मोड में आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल में एक ईसाई धर्म को मानने वाली महिला का शव दफनाए जाने को लेकर उत्पन्न विवाद अब तक खत्म नहीं हुआ है. पुलिस प्रशासन अब तक शव को किसी दूसरे स्थान में ले जाकर दफनाने को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाई है. जिसकी वजह से तनाव की स्थिति बनी हुई है. आदिवासी समुदाय के लोग अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. आदिवासी समुदाय के लोगों का साफ कहना है कि वे दूसरे धर्म को मानने वाली किसी महिला को अपने अंतिम संस्कार स्थल में किसी भी हाल में दफनाने नहीं देंगे. पुलिस प्रशासन और ईसाई धर्म के लोग चाहे उसे जहां भी ले जाएं. आदिवासी समुदाय के लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि वे अपने पंचायत क्षेत्र में इस शव को कहीं भी स्थान नहीं दे सकते हैं. चाहे तो मृतक के परिजन शव अपने घर में ले जाकर दफना दे. इधर इस मामले में एसडीपीओ जितेंद्र कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि मामले को लेकर दोनों पक्षों से बात की जा रही है. जल्द ही स्थिति सुलझने की उम्मीद है. फिलहाल ईसाई धर्म के लोगों से भी बात कर शव को उनके चिन्हित स्थल में ले जाकर दफनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. हालांकि विवाद के कई घंटे बाद भी पुलिस प्रशासन की ओर से मामले को सुलझाने को लेकर कोई निर्णय तक नहीं पहुंच पाना विवाद को और भी गहरा रहा है. दोनों ही समुदाय के लोग अपनी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. कचहरी स्थित आदिवासी समुदाय के अंतिम संस्कार स्थल में दोनों समुदाय के लोगों की भीड़ लगी हुई है. विवाद की स्थिति ऐसी थी कि दोनों पक्षों की ओर से धक्का-मुक्की भी हुई. हालांकि पुलिस प्रशासन की मौजूदगी की वजह से स्थिति को नियंत्रित किया गया है. इस मामले की स्थिति में स्थिति और भी भयावह हो सकती है. पुलिस प्रशासन पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि नदिया करचा टोली निवासी स्वर्गीय संजय उरांव की पत्नी रजंती उरांव की मौत के बाद उसके शव को आदिवासी समुदाय के अंतिम संस्कार स्थल में लाकर गाड़ दिया गया था. आदिवासी समुदाय के लोगों का कहना था कि रजंती उरांव ने ईसाई धर्म को मानना शुरू कर दिया था. जबकि राजंती के परिजन कह रहे हैं कि रजंती कुछ दिन ही चर्च गई थी. फिलहाल उसने चर्च जाना भी बंद कर दिया था. रजंती उरांव के पति संजय उरांव कि 6 साल पहले मौत भी हो चुकी है.


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स्टोरी- आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल में शव गाड़े जाने के बाद खत्म नहीं हुआ है विवाद, कायम है तनाव


Conclusion:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_NAHI SULJH HAI SHAV VIVAD
स्टोरी- आदिवासी अंतिम संस्कार स्थल में शव गाड़े जाने के बाद खत्म नहीं हुआ है विवाद, कायम है तनाव
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