लोहरदगा: रघुवर दास सरकार में वर्ष 2017 में अनुबंध पर नियुक्त सहायक पुलिस आंदोलन की राह पर हैं. जिले में आंदोलन को लेकर सहायक पुलिसकर्मियों की बैठक हुई, जिसमें आगामी 7 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई है. सहायक पुलिसकर्मी अपनी उपेक्षा से आक्रोशित हैं. उन्होंने कहा कि बात नहीं मानी गई तो राज्य स्तरीय आंदोलन के तहत मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक अपनी बात पहुंचाएंगे.
3 दिनों तक काला बिल्ला लगाकर सहायक पुलिसकर्मी करेंगे काम
बैठक में कहा गया कि स्थायीकरण की मांग को लेकर अब आर या पार की लड़ाई शुरू हो चुकी है. सहायक पुलिस को अनुबंध पर नियुक्त किया गया था, जिसमें उनके 3 साल का अनुबंध समाप्त हो चुका है. अभी तक अनुबंध विस्तार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. सहायक पुलिसकर्मी मजबूर होकर 4 से 6 सितंबर तक काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी करेंगे. इसके बाद 7 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. यदि इसके बाद भी मांगे पूरी नहीं हुई तो राजभवन और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे. साल 2017 में झारखंड के अति नक्सल प्रभावित 12 जिलों में कुल 25 सौ सहायक पुलिस की बहाली 2 साल के अनुबंध पर की गई थी. इसके बाद फिर 1 साल का अनुबंध विस्तार किया गया. कहा गया था कि कुल 3 साल सेवा के बाद झारखंड सहायकपुलिस कर्मी को आरक्षी के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. 3 साल पूरे होने के बावजूद अभी तक वर्तमान सरकार ने सहायक पुलिस की ना तो सेवा स्थाई की है और ना ही कोई मानदेय में वृद्धि. सहायक पुलिसकर्मी मात्र 10 हजार रुपए मासिक मानदेय की राशि में दिन-रात सभी तरह की ड्यूटी कर रहे हैं. उन्हें ट्रैफिक ड्यूटी, वीआईपी ड्यूटी, आकस्मिक ड्यूटी, चुनावी ड्यूटी, कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ड्यूटी में काम लिया जा रहा है. अब वे आंदोलन के लिए विवश हो गए हैं.
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सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. उनकी मांग है कि उन्हें स्थाई किया जाए साथ ही उनका मानदेय भी बढ़ाया जाए. उन्होंने 3 साल तक अनुबंध पर काम कर लिया है. यदि सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो वे 7 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इसके बाद भी यदि उनकी नहीं सुनी गई तो राजभवन और मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी करेंगे.