लोहरदगा: जिले के सुदूरवर्ती जंगल और पहाड़ी इलाकों में विगत 8 फरवरी 2022 से जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवानों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन डबल बुल का असर अभी नजर आ रहा है. ऑपरेशन डबल बुल के तहत नक्सली संगठन को जबरदस्त झटका लगा है. यही कारण है कि अब तक 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. जबकि एक नक्सली मारा जा चुका है. लोहरदगा में फिर एक बार भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर ने आत्मसमर्पण किया. पुलिस लाइन में आत्मसमर्पण को लेकर प्रशासन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
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तीन जिलों में कई कांडों को दे चुका था अंजाम: भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल गांव का रहने वाला है. वह वर्ष 2013-14 में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. भाकपा माओवादी नक्सली संगठन द्वारा गांव-गांव में बैठक करते हुए बच्चे मांगे जाने का फरमान सुनाए जाने के बाद वर्ष 2013-14 में ग्रामीणों ने बैठक करते हुए महज 12 साल के सूरजनाथ खेरवार को माओवादियों को सौंपने का फैसला लिया था. तब से लेकर अब तक सूरजनाथ खेरवार माओवादी संगठन में रह रहा था.
इस दौरान उसने लोहरदगा, गुमला, लातेहार जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हत्या, रंगदारी, मारपीट, नक्सली कांडों को अंजाम देने सहित कई घटनाओं को अंजाम देने को लेकर अपनी भागीदारी निभाई थी. जिसे लेकर अलग-अलग थानों में कुल 8 मामले दर्ज हैं. ऑपरेशन डबल बुल के दौरान नक्सलियों का हश्र देखकर सूरजनाथ खेरवार ने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया था. इसी के तहत उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण नीति के तहत सूरजनाथ खेरवार को एक लाख रुपये तत्काल प्रदान किए गए. लोहरदगा उपायुक्त डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण, एसपी प्रियंका मीणा, सीआरपीएफ कमांडेंट की उपस्थिति में आत्मसमर्पण का यह कार्यक्रम आयोजित हुआ.
लोहरदगा में भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर ने पुलिस प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण किया. सरकार के आत्मसमर्पण नीति नई दिशा के तहत नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया. नक्सली को तत्काल एक लाख रुपए प्रदान किए गए. उसने पुलिस को बताया कि वह मजबूरी में माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. ऑपरेशन डबल बुल के दौरान नक्सलियों का हश्र देखकर वह वापस मुख्यधारा में लौट आया.