लोहरदगा: गुरुवार को भक्तिभाव के साथ अनंत चतुर्दशी की पूजा की गई. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक श्रद्धालुओं ने पूरे भक्तिभाव के साथ भगवान की पूजा की. अपने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की. अनंत चर्तुदशी व्रत प्रतिवर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन किया जाता है. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखकर श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. जिससे जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
अनंत चतुर्दशी की कथाः भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन गुरुवार को अनंत चतुर्दशी की पूजा पूरे श्रद्धा भाव के साथ किया गया. पुरोहितों ने यजमान को पूजा-अर्चना संपन्न कराया. विधि विधान के साथ पूजा करते हुए सभी के लिए प्रार्थना की गयी. श्रीहरि विष्णु भगवान की पूजा भक्ति भाव के साथ की गई. पुरोहितों द्वारा श्रद्धालुओं को अनंत चतुर्दशी की कथा सुनाई गयी. इसके बाद 14 गांठ वाला रक्षा सूत्र बांधा गया.
अनंत चतुर्दशी की पूजा को लेकर श्रद्धालु सुबह से ही तैयारी में जुटे रहे. स्नान, ध्यान के उपरांत स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा में शामिल हुए. पूरे परिवार के साथ लोगों ने भगवान अनंत चतुर्दशी की पूजा की. परिवार की सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की गई. कई स्थानों पर सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ. जबकि कई स्थानों पर लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूजा की. अलग-अलग मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर भी भव्य रूप से अनंत चतुर्दशी की पूजा को लेकर तैयारी की गई. पिछले कई दिनों से बाजार में अनंत चतुर्दशी के पूजा से संबंधित पूजन सामग्रियों की बिक्री हो रही थी. हिंदू धर्म संस्कृति में इस पूजा को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसे फलदाई और सभी संकटों से दूर करने वाला महत्वपूर्ण व्रत कहा गया है. यही कारण है कि लोग पूरे श्रद्धा भाव के साथ भगवान अनंत की पूजा करते हैं.