पलामूः जिले में सरकारी स्कूल के बच्चे भी स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करेंगे. इसकी शुरुआत पलामू के 10 स्कूलों से की गई है और जिला स्तर पर स्टूडियो भी बनाया गया है. जिला प्रशासन ने इस पूरे अभियान को 'प्रयास' नाम दिया है. नक्सलियों के गढ़ में चार स्कूलों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, सांसद वीडी राम, डीसी डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने स्मार्ट क्लास की शुरुआत की.
मंत्री और सांसद ने बच्चों को स्मार्ट क्लास के लिए बधाई भी दी. स्मार्ट क्लास के माध्यम से 11वीं और 12वीं के बच्चों की पढ़ाई होगी. स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाई के लिए जिला प्रशासन ने स्पेशल 25 शिक्षकों की टीम को तैयार किया है. टीम सभी छात्रों का क्लास लेगी.
100 स्कूलों तक ले जाने का लक्ष्य
वहीं, जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि स्मार्ट क्लास के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी छात्रों को तैयार किया जाए. स्मार्ट क्लास के माध्यम से गणित, अंग्रेजी, विज्ञान की पढ़ाई होगी. पलामू के डीसी डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने बताया कि इंटर की परीक्षा में पलामू ने बेहतर किया था. स्मार्ट क्लास के माध्यम से पलामू और बेहतर करेगा. डीसी ने बताया कि इसकी शुरुआत 10 स्कूलों से की गई है, इसको 100 स्कूलों तक ले जाने का लक्ष्य है.
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नक्सलियों के गढ़ में बना है स्मार्ट क्लास रूम
स्मार्ट क्लास रूम पलामू के नक्सल हीट इलाके में भी बनाया गया है. झारखंड-बिहार सीमा पर मौजूद चक गांव जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. वहां भी स्मार्ट क्लास रूम बनाया गया है. 2008 में नक्सलियों ने चक के सभी स्कूल भवनों को विस्फोट से उड़ा दिया था.