लातेहार: लॉकडाउन की इस भीषण संकट के दौर में मजदूरों के लिए मनरेगा की योजनाएं वरदान साबित हो रही हैं. मनरेगा योजना से जिले भर में लगभग 10,000 मजदूरों को प्रतिदिन काम मिल रहा है. हालांकि जिला प्रशासन का पूरा प्रयास है कि अन्य मजदूरों को भी काम मिले.
दरअसल, लॉकडाउन के कारण मजदूरों के समक्ष काम की समस्या उत्पन्न हो गई थी. खासकर वैसे मजदूर जो काम की तलाश में पलायन कर जाते थे, वे लॉकडाउन में गांव वापस आ गए हैं. ऐसे मजदूरों को भी मनरेगा योजना से काम उपलब्ध कराया जा रहा है. मजदूरों के काम को लेकर जिले के प्रत्येक गांव में मनरेगा की योजनाएं आरंभ कर दी गई है. साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट आदेश दिया गया है कि समय पर काम उपलब्ध कराएं और समय पर मजदूरी भुगतान भी करें.
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इस व्यवस्था से भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके मजदूरों को काफी राहत मिल रही है. योजना में काम कर रही एक महिला मजदूर सविता कुमारी ने कहा कि गांव में काम मिलने से उन लोगों को काफी राहत मिली है. यदि काम नहीं मिलता तो वे लोग भूखे मर जाते.
अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग
मजदूरों को काम मिले इसे लेकर अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मनरेगा योजनाओं का निरीक्षण करने लातेहार के इचाक गांव पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि सभी मजदूरों को मनरेगा से काम उपलब्ध कराया जा सके.
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मनरेगा योजना में जहां मजदूरों को काम दी जा रही है वहीं इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि कुआ निर्माण में अधिकतम 4 मजदूरों को ही एक साथ लगाया जा रहा है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.
मनरेगा में काम मिलने से मजदूरों को काफी राहत मिल रही है. जरूरत इस बात की है कि बाहर से लौटे मजदूरों के बीच मनरेगा योजना को लेकर जागरूकता अभियान चलाई जाए, ताकि मजदूर अधिक से अधिक इस योजना का लाभ ले सकें.