लातेहारः लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने को लेकर सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर सामुदायिक से लेकर व्यक्तिगत शौचालय तक का निर्माण कराया जा रहे हैं, परंतु विभागीय उदासीनता के कारण निर्माण किए गए सामुदायिक शौचालय उपयोग में नहीं आ पा रहे.
ऐसा ही एक मामला लातेहार जिला मुख्यालय में भी देखा जा सकता है. यहां शहरी क्षेत्र में 7 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं परंतु शौचालय निर्माण के 2 वर्ष पूरे होने के बाद भी आज तक किसी भी शौचालय का उपयोग आम लोग नहीं कर पा रहे.
सभी शौचालयों में ताला लटक रहा है. दरअसल लातेहार नगर पंचायत द्वारा जिला मुख्यालय में सात सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है. सभी शौचालय पूरी तरह सुविधा संपन्न है, परंतु इन शौचालयों का उपयोग आम लोग नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में लोगों को मजबूरी में शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है.
शहर के बाजारताड़ शिव मंदिर के समक्ष भी सामुदायिक शौचालय बनाए गए है. बाजारटांड़ में प्रत्येक मंगलवार को सप्ताहिक हाट लगता है. इसके अलावा यहां बाजार समिति की कई दुकानें भी हैं.
इसके बावजूद यहां का शौचालय निर्माण के 2 साल बाद भी बंद रखा गया है. ऐसे में दुकानदारों के अलावा अन्य लोग जो किसी काम से यहां आते हैं उन्हें खुले में शौच करने की मजबूरी हो जाती है.
स्थानीय दुकानदार जावेद अख्तर ने कहा कि शौचालय बंद होने से उन लोगों को खुले में शौच जाने पर मजबूर होना पड़ता है. यदि यह शौचालय खोल दिया जाता तो लोगों को काफी आसानी होती.
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वहीं स्थानीय निवासी राजू ने कहा कि मंगल बाजार को यहां प्रत्येक सप्ताह हाट बाजार लगती है, जिसमें में भारी भीड़ रहती है. ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी होती है.
टैक्सी स्टैंड का भी है बंद है शौचालय
लातेहार पॉलिटेक्निक रोड में बनाए गए सामुदायिक शौचालय को भी आज तक नहीं खोला गया, जबकि यहां पर टैक्सी स्टैंड है और बड़ी संख्या में लोगों का आना- जाना यहां होता है. शौचालय बंद रहने के कारण लोगों को बगल में बह रही गायत्री नदी में खुले में शौच जाने पर मजबूर होना पड़ता है.
वार्ड पार्षद ने लिखे कई बार पत्र
इस संबंध में शहर के वार्ड नंबर 2 के पार्षद जितेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि वह अपनी ओर से 5 बार पत्र लिखकर बंद पड़े शौचालयों को खुलवाने की अपील की है, परंतु आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में शौचालय बिना उपयोग के ही जर्जर होने लगे हैं.
जल्द ही बहाल होंगे केयरटेकर
इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि सातों शौचालय का निर्माण पूरी तरह पूर्ण हो गया है. शौचालयों के संचालन के लिए केयरटेकर को आमंत्रित किया गया था. परंतु कोई भी निविदा में शामिल नहीं हुए.
इसी कारण शौचालय नहीं खुल पाए. जल्द ही सभी शौचालयों में केयरटेकर की प्रतिनियुक्ति कर शौचालय का उपयोग आरंभ करवाया जाएगा. शौचालय बन कर तैयार हैं ,परंतु उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. ऐसे में सरकार का स्वच्छ भारत अभियान का नारा भी फेल साबित हो गया है.