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Farmers in Latehar: लातेहार के इस गांव में खूंटे से बंधे रहते हैं जानवर, खुले में छोड़ना है मना, जानिए क्यों

लातेहार के मोंगर गांव में किसानों को जानवरों से फसल नुकसान की चिंता नहीं रहती है. क्योंकि यहां वो फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं. वजह यह है कि जानवरों को गांव में खुला छोड़ना मना है. यहां हमेशा उन्हें बांध कर रखा जाता है.

Farmers in Latehar
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Published : Mar 29, 2022, 12:11 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 2:27 PM IST

लातेहारः जानवर और इंसान हमेशा एक दूसरे के पूरक रहे हैं. जानवरों की मदद से किसान खेती करते हैं और लोगों की भूख मिटाते हैं. परंतु कई बार यही जानवर किसानों के लिए सिर दर्द भी बन जाते हैं. खुले में घूमने वाले जानवर किसानों के फसलों को नष्ट कर उनकी कमर तोड़ देते हैं. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लातेहार सदर प्रखंड के मोंगर गांव के ग्रामीणों ने एक निर्णय लिया है, इसके तहत गांव के ग्रामीण अपने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ेंगे. ग्रामीणों की व्यवस्था से किसानों को काफी लाभ हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः लातेहार के कोने गांव में किसान हो रहे हाईटेकः सोलर आधारित लिफ्ट इरिगेशन से लहलहा रही फसल

समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने लिए निर्णयः लातेहार जिले का मोंगर पंचायत खेती के मामले में जिले के बेहतर गांव में से एक है. इस गांव में बड़ी संख्या में किसान मौसमी खेती करते हैं. सालों भर यहां के खेतों में खेती होती है. परंतु जानवरों के कारण किसानों का अक्सर नुकसान हो जाता था. खुले में घूमने वाले जानवर किसानों के खेत में पहुंचकर फसल को खा जाते थे. मवेशियों के द्वारा लगातार किए जा रहे फसलों के नुकसान से बचने के लिए ग्रामीणों ने एक बैठक की और सामूहिक निर्णय लिया कि अब गांव के कोई भी पशुपालक अपने मवेशी को खुला नहीं छोड़ेंगे. सभी पशुपालक अपने मवेशियों को बांध कर रखेंगे तथा उसकी निगरानी भी करेंगे ताकि किसी किसान को नुकसान ना हो.

दंड का भी रखा प्रावधानः ग्रामीणों ने इसके लिए दंड का भी प्रावधान रखा. ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लिया कि जो लोग अपने मवेशियों को बांधकर नहीं रखेंगे और उनके मवेशियों के द्वारा किसी किसान के फसल को नुकसान पहुंच जाता है तो पशु पालक पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके बावजूद अगर कोई पशुपालक दोबारा इस प्रकार की लापरवाही करते पकड़ा जाएगा तो उसके लिए समाज की एक बैठक कर उसे दंडित किया जाएगा. गांव के पूर्व मुखिया कामेश्वर सिंह, महिला मानमती देवी आदि ने बताया कि गांव में मवेशियों को बांधकर रखने का सामूहिक निर्णय लेने के बाद ग्रामीणों को काफी सहूलियत हुई है. अब फसल को नुकसान नहीं होता है वही गांव में बिना मतलब छोटे-छोटे विवाद भी रुक गए हैं.

देखिए पूरी खबर
ग्रामीणों के निर्णय का अधिकारी भी कर रहे हैं तारीफः ग्रामीणों के इस निर्णय का जिले के अधिकारी भी तारीफ कर रहे हैं. लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव ने कहा कि इस पंचायत के ग्रामीणों ने जो व्यवस्था की है उससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि अन्य गांव और पंचायत में ग्रामीण इसी प्रकार की व्यवस्था लागू करें ताकि किसानों को नुकसान न उठाना पड़े.ग्रामीणों के आपसी सामंजस्य के कारण लातेहार के मोगर गांव में वर्तमान में किसान खुशहाल हैं. किसानों को मवेशियों के द्वारा होने वाले नुकसान की चिंता अब बिल्कुल नहीं रहती. जरूरत इस बात की है कि जिले के अन्य गांवों में भी इसी प्रकार की व्यवस्था लागू हो. ताकि लातेहार के किसान चिंतामुक्त माहौल में खुलकर खेती करे और आर्थिक रूप से सशक्त हो.

लातेहारः जानवर और इंसान हमेशा एक दूसरे के पूरक रहे हैं. जानवरों की मदद से किसान खेती करते हैं और लोगों की भूख मिटाते हैं. परंतु कई बार यही जानवर किसानों के लिए सिर दर्द भी बन जाते हैं. खुले में घूमने वाले जानवर किसानों के फसलों को नष्ट कर उनकी कमर तोड़ देते हैं. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लातेहार सदर प्रखंड के मोंगर गांव के ग्रामीणों ने एक निर्णय लिया है, इसके तहत गांव के ग्रामीण अपने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ेंगे. ग्रामीणों की व्यवस्था से किसानों को काफी लाभ हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः लातेहार के कोने गांव में किसान हो रहे हाईटेकः सोलर आधारित लिफ्ट इरिगेशन से लहलहा रही फसल

समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने लिए निर्णयः लातेहार जिले का मोंगर पंचायत खेती के मामले में जिले के बेहतर गांव में से एक है. इस गांव में बड़ी संख्या में किसान मौसमी खेती करते हैं. सालों भर यहां के खेतों में खेती होती है. परंतु जानवरों के कारण किसानों का अक्सर नुकसान हो जाता था. खुले में घूमने वाले जानवर किसानों के खेत में पहुंचकर फसल को खा जाते थे. मवेशियों के द्वारा लगातार किए जा रहे फसलों के नुकसान से बचने के लिए ग्रामीणों ने एक बैठक की और सामूहिक निर्णय लिया कि अब गांव के कोई भी पशुपालक अपने मवेशी को खुला नहीं छोड़ेंगे. सभी पशुपालक अपने मवेशियों को बांध कर रखेंगे तथा उसकी निगरानी भी करेंगे ताकि किसी किसान को नुकसान ना हो.

दंड का भी रखा प्रावधानः ग्रामीणों ने इसके लिए दंड का भी प्रावधान रखा. ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लिया कि जो लोग अपने मवेशियों को बांधकर नहीं रखेंगे और उनके मवेशियों के द्वारा किसी किसान के फसल को नुकसान पहुंच जाता है तो पशु पालक पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके बावजूद अगर कोई पशुपालक दोबारा इस प्रकार की लापरवाही करते पकड़ा जाएगा तो उसके लिए समाज की एक बैठक कर उसे दंडित किया जाएगा. गांव के पूर्व मुखिया कामेश्वर सिंह, महिला मानमती देवी आदि ने बताया कि गांव में मवेशियों को बांधकर रखने का सामूहिक निर्णय लेने के बाद ग्रामीणों को काफी सहूलियत हुई है. अब फसल को नुकसान नहीं होता है वही गांव में बिना मतलब छोटे-छोटे विवाद भी रुक गए हैं.

देखिए पूरी खबर
ग्रामीणों के निर्णय का अधिकारी भी कर रहे हैं तारीफः ग्रामीणों के इस निर्णय का जिले के अधिकारी भी तारीफ कर रहे हैं. लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव ने कहा कि इस पंचायत के ग्रामीणों ने जो व्यवस्था की है उससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि अन्य गांव और पंचायत में ग्रामीण इसी प्रकार की व्यवस्था लागू करें ताकि किसानों को नुकसान न उठाना पड़े.ग्रामीणों के आपसी सामंजस्य के कारण लातेहार के मोगर गांव में वर्तमान में किसान खुशहाल हैं. किसानों को मवेशियों के द्वारा होने वाले नुकसान की चिंता अब बिल्कुल नहीं रहती. जरूरत इस बात की है कि जिले के अन्य गांवों में भी इसी प्रकार की व्यवस्था लागू हो. ताकि लातेहार के किसान चिंतामुक्त माहौल में खुलकर खेती करे और आर्थिक रूप से सशक्त हो.
Last Updated : Mar 29, 2022, 2:27 PM IST
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