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लातेहार : लॉकडाउन ने मप्र से बिछुड़े बेटे को पिता से मिलाया, 2003 में हो गया था लापता

कई बार समाज में समाज में ऐसे चमत्कार होते हैं जिन पर सहजता से विश्वास नहीं किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही वाक्या मप्र के देवास जिले के शेर सिंह से हुआ. लातेहार में उन्हें 2003 में परिवार से बिछुड़ा उनका बेटा मिल गया. शेर सिंह का बेटा बरवाडीह प्रखंड के मोरवाई पंचायत में भटक रहा था. बाद में क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया.

लॉकडाउन ने मप्र से बिछुड़े बेटे को पिता से मिलाया
लॉकडाउन ने मप्र से बिछुड़े बेटे को पिता से मिलाया
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Published : May 5, 2020, 3:18 PM IST

Updated : May 5, 2020, 3:39 PM IST

लातेहार : कहते हैं धरती पर अगर किसी का बिछुड़ना लिखा है तो इसी धरती पर उसका मिलना भी लिखा है और यह बात बखूबी बैठती है मध्यप्रदेश के देवास जिले के रहने वाले शेर सिंह के बेटे देव सिंह पर. देव सिंह की मानसिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वर्ष 2003 में वह अपने परिवार से भटक गया. इस दौरान परिवार के लोगों ने उन्हें ढूंढने का प्रयास भी किया पर उन्हें सफलता नहीं मिली.

लॉकडाउन ने बिछुड़े बेटे को पिता से मिलाया.

मगर इसे संयोग कहें कि कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच जहां लोग परेशान हैं वहीं दूसरी ओर लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड के मोरवाई पंचायत में 8 अप्रैल को ग्रामीणों ने एक भटकते हुए व्यक्ति को देखा, जिसकी सूचना पुलिस को देने के बाद पुलिस ने उसे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद से प्रखंड मुख्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया जहां भर्ती किए जाने के बाद मानसिक स्थिति अच्छी न होने के कारण देव सिंह कुछ भी बताने में असमर्थ था, मगर वह कागजों में अपना अपने पिता का नाम और अपने घर का पता लिखकर जरूर बताता था.

बताए गए पते की जानकारी इकट्ठा करने के लिए बरवाडीह पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी और स्थानीय मीडिया के साथ-साथ मध्य प्रदेश की पुलिस की मदद से पुलिस देव सिंह के घर तक पहुंची जहां पुलिस को जांच के क्रम में मालूम चला देव सिंह वर्ष 2003 से ही अपने घर से मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण लापता था.

जहां परिवार के लोगों ने ढूंढने का भी प्रयास किया मगर सफलता हासिल नहीं हुई. वहीं देव सिंह के झारखंड के लातेहार में मिलने की सूचना के बाद उनके परिवार के सदस्य सड़क मार्ग से आज सोमवार को बरवाडीह थाने पहुंचे और देव सिंह से मुलाकात की.

यह भी पढ़ेंः रामगढ़ः नागौर से मजदूरों को लेकर ट्रेन बरकाकाना स्टेशन पहुंची, परिजनों ने सरकार को दिया धन्यवाद

वहीं परिवार के सदस्यों द्वारा मुलाकात करने के बाद उन्होंने बताया कि कभी उन लोगों ने कल्पना नहीं की थी कि दुबारा उनके घर के सदस्य उनकी मुलाकात होगी. यह झारखंड पुलिस की मदद से दोबारा संभव हो पाया जिसको लेकर परिवार के सदस्यों ने झारखंड पुलिस और स्थानीय मीडिया का भी आभार जताया.

दूसरी ओर कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद थाना प्रभारी दिनेश कुमार द्वारा देव सिंह को सम्मानित करके उन्हें विदा किया गया वहीं इस पूरे प्रकरण के दौरान उनकी देखरेख करने वाले पुलिस विभाग के सहायक अवर निरीक्षक महादेव उरांव , मुखिया सुनीता टोप्पो आंगनबाड़ी सेविका मीना देवी समेत अन्य कर्मियों की भी तारीफ की और उन्हें सम्मानित किया.

लातेहार : कहते हैं धरती पर अगर किसी का बिछुड़ना लिखा है तो इसी धरती पर उसका मिलना भी लिखा है और यह बात बखूबी बैठती है मध्यप्रदेश के देवास जिले के रहने वाले शेर सिंह के बेटे देव सिंह पर. देव सिंह की मानसिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वर्ष 2003 में वह अपने परिवार से भटक गया. इस दौरान परिवार के लोगों ने उन्हें ढूंढने का प्रयास भी किया पर उन्हें सफलता नहीं मिली.

लॉकडाउन ने बिछुड़े बेटे को पिता से मिलाया.

मगर इसे संयोग कहें कि कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच जहां लोग परेशान हैं वहीं दूसरी ओर लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड के मोरवाई पंचायत में 8 अप्रैल को ग्रामीणों ने एक भटकते हुए व्यक्ति को देखा, जिसकी सूचना पुलिस को देने के बाद पुलिस ने उसे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद से प्रखंड मुख्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया जहां भर्ती किए जाने के बाद मानसिक स्थिति अच्छी न होने के कारण देव सिंह कुछ भी बताने में असमर्थ था, मगर वह कागजों में अपना अपने पिता का नाम और अपने घर का पता लिखकर जरूर बताता था.

बताए गए पते की जानकारी इकट्ठा करने के लिए बरवाडीह पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी और स्थानीय मीडिया के साथ-साथ मध्य प्रदेश की पुलिस की मदद से पुलिस देव सिंह के घर तक पहुंची जहां पुलिस को जांच के क्रम में मालूम चला देव सिंह वर्ष 2003 से ही अपने घर से मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण लापता था.

जहां परिवार के लोगों ने ढूंढने का भी प्रयास किया मगर सफलता हासिल नहीं हुई. वहीं देव सिंह के झारखंड के लातेहार में मिलने की सूचना के बाद उनके परिवार के सदस्य सड़क मार्ग से आज सोमवार को बरवाडीह थाने पहुंचे और देव सिंह से मुलाकात की.

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वहीं परिवार के सदस्यों द्वारा मुलाकात करने के बाद उन्होंने बताया कि कभी उन लोगों ने कल्पना नहीं की थी कि दुबारा उनके घर के सदस्य उनकी मुलाकात होगी. यह झारखंड पुलिस की मदद से दोबारा संभव हो पाया जिसको लेकर परिवार के सदस्यों ने झारखंड पुलिस और स्थानीय मीडिया का भी आभार जताया.

दूसरी ओर कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद थाना प्रभारी दिनेश कुमार द्वारा देव सिंह को सम्मानित करके उन्हें विदा किया गया वहीं इस पूरे प्रकरण के दौरान उनकी देखरेख करने वाले पुलिस विभाग के सहायक अवर निरीक्षक महादेव उरांव , मुखिया सुनीता टोप्पो आंगनबाड़ी सेविका मीना देवी समेत अन्य कर्मियों की भी तारीफ की और उन्हें सम्मानित किया.

Last Updated : May 5, 2020, 3:39 PM IST
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