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मिलिए लातेहार के 'दशरथ मांझी' से, सरकार ने नहीं दिया साथ तो खुद ही खोद दिया कुआं - लातेहार न्यूज

लातेहार में दशरथ मांझी की तरह ही सोमर उरांव ने पत्थर का सीना चीर कर अपने लिए कुआं खोदा है. शुरूआत में सोमर ने अकेले ही गांव में जलसंकट को दूर करने के लिए कुआं खोदने का बीड़ा उठाया. सोमर को देख उसका पूरा परिवार साथ लग गया. आज कुआं बन चुका है और प्रशासन भी सोमर के इस काम की तारिफ कर रहा है.

कुएं की खुदाई करते सोमर उरांव और उनका परिवार
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Published : Jun 16, 2019, 8:49 PM IST

लातेहारः कहा जाता है, जहां चाह होता है वहां राह अपने आप मिल जाता है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया लातेहार के सालोडीह गांव निवासी सोमर उरांव ने. सोमर ने अपने टोले के लोगों का प्यास बुझाने के लिए खुद ही कुआं खोद डाला. सोमर के इस जज्बे को लेकर आसपास के लोग सोमर को लातेहार का दशरथ मांझी कहने लगे हैं.
दरअसल, लातेहार के सालोडीह गांव के स्कूल टोला में पानी की घोर कमी थी. टोले के पास लगे चापानल काफी पहले से खराब पड़ें हैं. ऐसे में सालों भर इस टोले में पानी की घोर कमी रहती है. पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके थे. सभी जगह से मात्र आश्वासन ही मिला. अंत में टोले के सोमर उरांव ने अपने दम पर कुआं खोदने का संकल्प लिया और काम शुरू कर दिया. सोमर के इस काम को देखते हुए उसकी बूढ़ी मां के अलावा परिवार के दूसरे सदस्य भी एकजुट होकर कुआं की खुदाई में जुट गए.

मुसीबतों ने नहीं छोड़ा साथ

सोमर और उसके परिवार ने कुएं की खुदाई शुरू तो कर दी लेकिन मुसीबतों ने पीछा नहीं छोड़ा. लगभग10 फीट खुदाई के बाद ही जमीन के अंदर चट्टान मिल गया. इससे तो एक बार पूरा परिवार ही निराश हो गया. जिसके बाद भी हौसला नहीं छोड़ा और चट्टान का सीना चीरना शुरू कर दिया. करीब 6 महीने के अथक प्रयास के बाद कुएं की खुदाई पूरी हुई. अब कुएं की बंधाई का काम अंतिम चरण में है. लातेहार के दशरथ मांझी सोमर ने कहा कि टोले में पानी की घोर कमी थी. लोगों को 1 किलोमीटर दूर खेत से पानी लाना पड़ता था. कई बार मांग करने के बावजूद ना तो प्रशासन से मदद मिली न ही जनप्रतिनिधियों ने ही कोई मदद की. ऐसे में उसने खुद ही कुआं खोदने का संकल्प ले लिया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें-World Cup 2019: इंडिया Vs पाकिस्तान हाई वोल्टेज मैच को लेकर खिलाड़ियों ने कहा- जीतेगी तो इंडिया ही

सोमर की मां मनिया देवी ने कहा कि कहीं से कोई मदद नहीं मिली. उसके बेटों ने लोगों के प्यास बुझाने के लिए कुआं खोदा है. इसे पूरा करने में घर से 50 से 60 हजार रुपए भी खर्च हो गए. वहीं, सीता देवी ने कहा कि अब पानी की कमी नहीं होगी. इस संबंध में लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने ग्रामीणों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि यह कार्य निश्चित ही समाज के लिए प्रेरणादायी है.

लातेहारः कहा जाता है, जहां चाह होता है वहां राह अपने आप मिल जाता है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया लातेहार के सालोडीह गांव निवासी सोमर उरांव ने. सोमर ने अपने टोले के लोगों का प्यास बुझाने के लिए खुद ही कुआं खोद डाला. सोमर के इस जज्बे को लेकर आसपास के लोग सोमर को लातेहार का दशरथ मांझी कहने लगे हैं.
दरअसल, लातेहार के सालोडीह गांव के स्कूल टोला में पानी की घोर कमी थी. टोले के पास लगे चापानल काफी पहले से खराब पड़ें हैं. ऐसे में सालों भर इस टोले में पानी की घोर कमी रहती है. पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके थे. सभी जगह से मात्र आश्वासन ही मिला. अंत में टोले के सोमर उरांव ने अपने दम पर कुआं खोदने का संकल्प लिया और काम शुरू कर दिया. सोमर के इस काम को देखते हुए उसकी बूढ़ी मां के अलावा परिवार के दूसरे सदस्य भी एकजुट होकर कुआं की खुदाई में जुट गए.

मुसीबतों ने नहीं छोड़ा साथ

सोमर और उसके परिवार ने कुएं की खुदाई शुरू तो कर दी लेकिन मुसीबतों ने पीछा नहीं छोड़ा. लगभग10 फीट खुदाई के बाद ही जमीन के अंदर चट्टान मिल गया. इससे तो एक बार पूरा परिवार ही निराश हो गया. जिसके बाद भी हौसला नहीं छोड़ा और चट्टान का सीना चीरना शुरू कर दिया. करीब 6 महीने के अथक प्रयास के बाद कुएं की खुदाई पूरी हुई. अब कुएं की बंधाई का काम अंतिम चरण में है. लातेहार के दशरथ मांझी सोमर ने कहा कि टोले में पानी की घोर कमी थी. लोगों को 1 किलोमीटर दूर खेत से पानी लाना पड़ता था. कई बार मांग करने के बावजूद ना तो प्रशासन से मदद मिली न ही जनप्रतिनिधियों ने ही कोई मदद की. ऐसे में उसने खुद ही कुआं खोदने का संकल्प ले लिया.

देखें वीडियो

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सोमर की मां मनिया देवी ने कहा कि कहीं से कोई मदद नहीं मिली. उसके बेटों ने लोगों के प्यास बुझाने के लिए कुआं खोदा है. इसे पूरा करने में घर से 50 से 60 हजार रुपए भी खर्च हो गए. वहीं, सीता देवी ने कहा कि अब पानी की कमी नहीं होगी. इस संबंध में लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने ग्रामीणों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि यह कार्य निश्चित ही समाज के लिए प्रेरणादायी है.

Intro:मिलिए लातेहार के '' दशरथ मांझी" से---- सरकार से नहीं मिला सहायता तो खुद ही खोद दिया कुआं

लातेहार. कहा जाता है कि जहां चाह होता है वहां राह अपने आप मिल जाता है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया लातेहार के सालोडीह गांव निवासी सोमर उरांव ने। सोमर ने अपने टोले के लोगों का प्यास बुझाने के लिए खुद ही कुआं खोद दिया. सोमर के इस जज्बे को लेकर आसपास के लोग सोमर को लातेहार का दशरथ मांझी भी कहने लगे हैं.


Body:दरअसल लातेहार के सालोडीह गांव के स्कूल टोला में पानी की घोर कमी थी. टोले के पास लगे चापानल काफी पहले से खराब पड़ा है. ऐसे में सालों भर इस टोले में पानी की घोर कमी रहती है. पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके, परंतु सभी जगह से मात्र आश्वासन ही मिला. अंत में टोले के सोमर उरांव ने अपने दम पर कुआं खोदने का संकल्प लेकर काम आरंभ कर दिया. सोमर के इस कार्य को देखते हुए उसकी वृद्ध मां के अलावे परिवार के अन्य सदस्य भी एकजुट होकर कुआं की खुदाई में जुट गए.
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मुसीबतों ने नहीं छोड़ा साथ
सोमर तथा उसके परिवार वाले कुआं की खुदाई आरंभ तो कर दिए परंतु मुसीबतों ने पीछा नहीं छोड़ा. लगभग 10 फीट खुदाई के बाद ही जमीन के अंदर चट्टान मिल गया. इससे तो एक बार पूरा परिवार ही निराश हो गए. परंतु इन लोगों ने हौसला नहीं छोड़ा और चट्टान का सीना चीरना आरंभ कर दिए और लगभग 6 माह के अथक प्रयास के बाद कुएं की खुदाई पूरी कर दिए। अब कुएं की बधाई का कार्य भी अंतिम चरण में है. इस संबंध में सोमर ने कहा कि टोले में पानी की घोर कमी थी लोगों को 1 किलोमीटर दूर खेत से पानी लाना पड़ता था. कई बार मांग करने के बावजूद न तो प्रशासन से मदद मिली और न ही जनप्रतिनिधि ही कोई मदद दिए. ऐसे में उसने खुद ही कुआं खोदने का संकल्प ले लिया. वही सोमर की मां मनिया देवी ने कहा कि कहीं से कोई मदद नहीं मिली परंतु उसके बेटों ने लोगों को प्यास बुझाने के लिए कुआं खोदा है इसे पूरा करने में घर से 50 से 60 हजार रुपए भी खर्च हो गए. वही सीता देवी ने कहा कि अब पानी की कमी नहीं होगी. इस संबंध में लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने ग्रामीणों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि यह कार्य निश्चित ही समाज के लिए प्रेरणादायी है.
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byte- सोमर उरांव
byte- मनिया देवी
byte- सीता देवी
byte- प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक


Conclusion:वर्तमान समय में जहां लोग सरकारी योजनाओं पर आश्रित हो गए हैं , इस दौर में सोमर और उसके परिवार के लोगों के द्वारा जिस प्रकार अपने बल पर कुएं की खुदाई कर ली गई यह
सभी लोगों के लिए प्रेरणादायी है.
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