लातेहारः देश को आजादी दिलाने के लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपनी प्राणों की आहुति हंसते-हंसते दे दी थी. परंतु आजाद भारत की जिस स्वरूप की परिकल्पना शहीदों ने की थी, वह अभी तक पूरी नहीं हुई है. शहीदों के सपनों के भारत से देश की युवा पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए हरियाणा के रहने वाली तस्वीर फोगाट पिछले 7 वर्षों से लगातार प्रयत्नशील हैं. तस्वीर साइकिल पर सवार होकर भारत यात्रा पर निकले हैं. इनका एकमात्र उद्देश्य शहीदों का सम्मान है. इस यात्रा के क्रम में तस्वीर फोगाट लातेहार पहुंचे हैं.
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दरअसल हरियाणा के रहने वाले तस्वीर फोगाट पिछले 7 वर्षों से लगातार साइकिल पर सवार होकर देश के विभिन्न राज्यों के गांव-गांव और गली-गली घूम रहे हैं. तस्वीर फोगाट बताते हैं कि हमारे देश को आजादी अंग्रेजों ने किसी थाल में सजाकर नहीं दी थी. बल्कि इसके लिए हमारे शहीद क्रांतिकारियों ने अपने लहू का एक-एक कतरा बहा दिया था. शहीदों के बलिदान का परिणाम ही हमारी आजादी है. परंतु जिन शहीदों ने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उन लोगों को ही आज हम सब भूल गए हैं.
मन व्यथित हुआ तो निकल गए भारत यात्रा परः तस्वीर फोगाट बताते हैं कि उन्होंने कुछ ऐसी किताबें पढ़ी, जिसमें हमारे क्रांतिकारियों ने स्वतंत्र भारत के तस्वीर का वर्णन किया था. आजादी के दीवानों का एक ही सपना था कि हमारा देश विश्व पटल पर सूर्य की तरह चमके. परंतु आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बावजूद आज तक शहीदों ने जो सपना देखा था वह संपूर्ण रूप से धरातल पर नहीं उतर पाया. ऐसे में उनका मन काफी व्यथित हुआ और शहीदों के सपनों से देश के लोगों को रूबरू कराने के लिए साइकिल से भारत यात्रा कर निकल गए.
स्वदेशी ही एकमात्र संपूर्ण विकास का उपायः तस्वीर फोगाट कहते हैं कि देश की सरकार देश के विकास के लिए लगातार प्रयास करती रही है. परंतु जब तक स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए देश के नागरिक खुद आगे नहीं आ जाते तब तक शहीदों का सपना पूरा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग और उपभोग होने से हमारा देश सिर्फ सोने की चिड़िया नहीं बल्कि सोने का बब्बर शेर बन जाएगा.
7 वर्षों से साइकिल पर सवार होकर कर रहे हैं देश भ्रमणः तस्वीर फोगाट पिछले 7 वर्षों से साइकिल की सवारी के माध्यम से पूरे देश के भ्रमण पर निकले हैं. उनका लक्ष्य है कि जब तक उनका शरीर साथ देगा तब तक देश के गांव-गांव में जा जाकर लोगों को शहीदों के सम्मान और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के प्रति जागरूक करेंगे. उन्होंने कहा कि अब तक उन्होंने लगभग 7 राज्यों का भ्रमण कर लिया है. वर्तमान में झारखंड राज्य के गांव में जा जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
कोरोनावायरस का काल रहा कठिनाइयों से भराः उन्होंने बताया कि 7 वर्ष की भारत यात्रा के दौरान उन्हें सबसे अधिक कठिनाई का सामना कोरोनावायरस के प्रकोप के काल में करना पड़ा. उस दौरान तो उन्हें कई स्थानों पर पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी थी. ग्रामीण उन्हें अपने गांव में भी घुसने नहीं देते थे. उसके बाद भी उन्होंने अपनी यात्रा नहीं रोकी.
शहीदों के सम्मान और स्वदेशी जागरण के उद्देश्य के साथ जिस कठिन तपस्या पर हरियाणा के तस्वीर फोगाट लगे हुए हैं, वह कितना सफल होगा यह तो भविष्य की गर्त में है. परंतु उनके सपनों को सलाम किए बिना नहीं रह सकते.