लातेहारः सरहुल का प्रसाद खाने से जिन गांवों में फूड प्वाइजनिंग के मामले सामने आए थे, उनमें अभी भी छिटपुट ग्रामीणों के बीमार पड़ने का सिलसिला जारी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तत्परता से इस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, परंतु स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग गांव पर अपनी कड़ी निगरानी बनाए हुए है. इधर गंभीर रूप से पीड़ित 30 ग्रामीणों को इलाज के बाद लातेहार सदर अस्पताल से गुरुवार को डिस्चार्ज कर दिया गया. वहीं इस घटना के बाद रामनवमी को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है.
ये भी पढ़ेंः Jharkhand News: लातेहार में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए दर्जनों ग्रामीण, चल रहा है इलाज
तत्काल मिला इलाजः दरअसल जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत सिकनी,आन, कीता आदि गांव में लोगों ने सरहुल के दिन गुड़ और चना खाया था. इसके बाद अचानक बड़ी संख्या में ग्रामीण बीमार हो गए और उन्हें उल्टी और दस्त होने लगी थी. सूचना मिलने के तत्काल बाद लातेहार सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार के निर्देश पर मेडिकल टीम गांव पहुंची थी और पीड़ित ग्रामीणों का उपचार किया था.
स्थिति नियंत्रण मेंः इस दौरान लगभग 30 ग्रामीण गंभीर रूप से बीमार पाए जाने पर उन्हें लातेहार सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लगभग 3 दिनों तक इलाज के बाद जब ग्रामीण पूरी तरह स्वस्थ हो गए तो इनमें से आधे को बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि शेष पीड़ित ग्रामीणों को गुरुवार को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. लातेहार सिविल सर्जन डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि गांव में स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है. परंतु स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित गांव पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि जिन ग्रामीणों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वह भी अब पूरी तरह स्वस्थ हैं. सभी को छुट्टी दी जा रही है.लातेहार में फूड प्वाइजनिंग की वजह से बीमार हुए लोग ठीक हो रहे हैं
अभी भी मिल रहे हैं छिटपुट बीमार ग्रामीणः हालांकि इन गांव में अभी भी छिटपुट ग्रामीणों को उल्टी और दस्त की शिकायत के मामले सामने आ रहे हैं. बुधवार को भी दो लड़कियों को इलाज के लिए लातेहार सदर अस्पताल लाया गया था. हालांकि दोनों का इलाज करने के बाद जब उनकी स्थिति बिल्कुल सामान्य हो गई तो उन्हें बुधवार को ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
चना गुड़ का सैंपल भेजा गया जांच मेंः सिविल सर्जन ने बताया कि ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार चना गुड़ खाने के बाद ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ी थी. इसलिए विभाग के द्वारा चना और गुड़ के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है. सीएस ने कहा कि संभावना भी जताई जा रही है कि सरहुल के दिन पारंपरिक पेय पदार्थ का सेवन भी ग्रामीण किए होंगे. उससे भी इस प्रकार की घटना हो सकती है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और प्रभावित गांव में लगातार मेडिकल टीम दौरा कर रही है. सीएस ने कहा कि अभी सभी प्रभावित गांव में स्थिति पूरी तरह नियंत्रित हो गई है.
रामनवमी को लेकर भी विभाग अलर्टः सरहुल में इस प्रकार की घटना होने के बाद इसकी पुनरावृति ना हो इसे लेकर रामनवमी पूजा में भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है. स्वास्थ्य विभाग अलग अलग टीम बनाकर स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह अलर्ट रखा है, ताकि किसी भी स्थिति से तत्काल निपटा जा सके. सिविल सर्जन ने कहा कि दूषित पानी पीने से भी इस प्रकार से लोग बीमार हो सकते हैं. सीएस ने कहा कि विभाग ऐसे मामलों को लेकर पूरी तरह सतर्क है.