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हाथी के हमले से ध्वस्त हुए घर के मलबे में तीन घंटे तक दबे रहे वृद्ध, नहीं आई कोई आंच - etv news

लातेहार में हाथियों के हमले के बीच एक बुजुर्ग मलबे में दब गए और उन पर आंच भी नहीं आई. जब उन्हें मलबे से बाहर निकाला गया तो वह पूरी तरह ठीक थे. ना ही मकान का मलबा उन्हें कोई नुकसान पहुंचा पाया और ना ही हाथियों का झुंड.

elephant attack in Latehar
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Published : Jul 7, 2023, 7:59 PM IST

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लातेहार: कहा जाता है कि जिसे भगवान बचाते हैं, उसे कोई नहीं मार सकता. लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के बलबल गांव में यह बात पूरी तरह चरितार्थ हुई है. बलबल गांव निवासी वृद्ध रमेश भगत 3 घंटे तक ध्वस्त घर के मलबे के अंदर दबे रहे. इस दौरान जंगली हाथी भी उनके आसपास से गुजरे. लेकिन जब वृद्ध को मलबे से बाहर निकाला गया तो वह पूरी तरह सुरक्षित थें.

यह भी पढ़ें: धनबाद के स्कूल में हाथियों ने मचाया उत्पात, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

दरअसल, बालूमाथ थाना क्षेत्र के बलबल गांव में बीती रात जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया था. इस दौरान हाथियों ने रमेश भगत के घर को भी ध्वस्त कर दिया. जिस हिस्से को हाथियों ने ध्वस्त किया. उसी के नीचे रमेश भगत रात में सो रहे थे. घर का हिस्सा ध्वस्त होने से रमेश भगत मलबे में दब गए. हालांकि हाथियों के आक्रमण के बाद घर के अन्य सदस्य किसी प्रकार जान बचाकर घर से बाहर भागने में सफल रहे.

ग्रामीणों के हल्ला के बाद जंगल की ओर भागे हाथी: इस दौरान जंगली हाथी ध्वस्त घर में रखें अनाज को भी चट कर गए. बाद में ग्रामीणों के द्वारा हल्ला करने के बाद जंगली हाथी जंगल की ओर भागे. हाथियों के भागने के बाद जब लोग वापस घर के पास आए तो देखा कि मलबे में रमेश भगत दबे पड़े हैं. इसके बाद काफी मशक्कत से रमेश भगत को मलबे से बाहर निकाला गया. गनीमत रही कि मलबे में दबे रहने के कारण हाथियों की नजर उन पर नहीं पड़ी और उनकी जान बच गई. मलबे में दबे रहने के कारण उन्हें हल्की चोट जरूर आई.

हाथियों के आतंक से ग्रामीणों में आक्रोश: जिले में हाथियों का आतंक इन दिनों चरम पर पहुंच गया है. सबसे अधिक हाथियों ने बालूमाथ, बारियातू, हेरहंज और चंदवा प्रखंड में आतंक मचा रखा है. इसके अलावा गारू, बरवाडीह और महुआडांड़ प्रखंड भी हाथियों के आतंक की चपेट में है. बालूमाथ में तो हाथियों के द्वारा प्रतिदिन किसी न किसी ग्रामीण के घर को ध्वस्त किया जा रहा है. बलबल गांव की घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण कुशवाहा और अमित कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को भी दी गई.

वन विभाग पर लापरवाही का आरोप: सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है. वन विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रतिदिन नुकसान हो रहा है. हाथियों के हमले के कारण कई लोगों की जान भी चली गई है. इसके बावजूद अभी तक विभाग के अधिकारी हाथियों के आतंक से ग्रामीणों को बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहे हैं.

घटना की सूचना के काफी देर बाद पहुंचे अधिकारी: इधर हाथियों के हमले की घटना की सूचना मिलने के काफी देर के बाद वन विभाग के कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि हाथियों को क्षेत्र से भगाने के लिए वन विभाग पूरा प्रयास कर रहा है. बाहर से एक्सपर्ट टीम को भी बुलाई जा रही है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली हाथियों का आतंक चरम पर है. बताया जाता है कि लगभग 10 से 15 की संख्या में जंगली हाथी झुंड बनाकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में उत्पात मचा रहे हैं.

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लातेहार: कहा जाता है कि जिसे भगवान बचाते हैं, उसे कोई नहीं मार सकता. लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के बलबल गांव में यह बात पूरी तरह चरितार्थ हुई है. बलबल गांव निवासी वृद्ध रमेश भगत 3 घंटे तक ध्वस्त घर के मलबे के अंदर दबे रहे. इस दौरान जंगली हाथी भी उनके आसपास से गुजरे. लेकिन जब वृद्ध को मलबे से बाहर निकाला गया तो वह पूरी तरह सुरक्षित थें.

यह भी पढ़ें: धनबाद के स्कूल में हाथियों ने मचाया उत्पात, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

दरअसल, बालूमाथ थाना क्षेत्र के बलबल गांव में बीती रात जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया था. इस दौरान हाथियों ने रमेश भगत के घर को भी ध्वस्त कर दिया. जिस हिस्से को हाथियों ने ध्वस्त किया. उसी के नीचे रमेश भगत रात में सो रहे थे. घर का हिस्सा ध्वस्त होने से रमेश भगत मलबे में दब गए. हालांकि हाथियों के आक्रमण के बाद घर के अन्य सदस्य किसी प्रकार जान बचाकर घर से बाहर भागने में सफल रहे.

ग्रामीणों के हल्ला के बाद जंगल की ओर भागे हाथी: इस दौरान जंगली हाथी ध्वस्त घर में रखें अनाज को भी चट कर गए. बाद में ग्रामीणों के द्वारा हल्ला करने के बाद जंगली हाथी जंगल की ओर भागे. हाथियों के भागने के बाद जब लोग वापस घर के पास आए तो देखा कि मलबे में रमेश भगत दबे पड़े हैं. इसके बाद काफी मशक्कत से रमेश भगत को मलबे से बाहर निकाला गया. गनीमत रही कि मलबे में दबे रहने के कारण हाथियों की नजर उन पर नहीं पड़ी और उनकी जान बच गई. मलबे में दबे रहने के कारण उन्हें हल्की चोट जरूर आई.

हाथियों के आतंक से ग्रामीणों में आक्रोश: जिले में हाथियों का आतंक इन दिनों चरम पर पहुंच गया है. सबसे अधिक हाथियों ने बालूमाथ, बारियातू, हेरहंज और चंदवा प्रखंड में आतंक मचा रखा है. इसके अलावा गारू, बरवाडीह और महुआडांड़ प्रखंड भी हाथियों के आतंक की चपेट में है. बालूमाथ में तो हाथियों के द्वारा प्रतिदिन किसी न किसी ग्रामीण के घर को ध्वस्त किया जा रहा है. बलबल गांव की घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण कुशवाहा और अमित कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को भी दी गई.

वन विभाग पर लापरवाही का आरोप: सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है. वन विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रतिदिन नुकसान हो रहा है. हाथियों के हमले के कारण कई लोगों की जान भी चली गई है. इसके बावजूद अभी तक विभाग के अधिकारी हाथियों के आतंक से ग्रामीणों को बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहे हैं.

घटना की सूचना के काफी देर बाद पहुंचे अधिकारी: इधर हाथियों के हमले की घटना की सूचना मिलने के काफी देर के बाद वन विभाग के कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि हाथियों को क्षेत्र से भगाने के लिए वन विभाग पूरा प्रयास कर रहा है. बाहर से एक्सपर्ट टीम को भी बुलाई जा रही है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली हाथियों का आतंक चरम पर है. बताया जाता है कि लगभग 10 से 15 की संख्या में जंगली हाथी झुंड बनाकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में उत्पात मचा रहे हैं.

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