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स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरी को लेकर सरकार गंभीर, नियोजन अधिनियम का पालन नहीं करने वाली आठ कंपनियों को नोटिस

Notice to companies for not following planning act. झारखंड में निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को नौकरी मिले इसे लेकर सरकार गंभीर है और अब इस नियम का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इसी क्रम में लातेहार के नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार ने नियमों का पालन नहीं करने वाली आठ कंपनियों को नोटिस भेजा है.

75 Percent Jobs In Private Sector For Local
Notice To Companies For Not Following Planning Act
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 11, 2023, 4:05 PM IST

नियोजन अधिनियम का पालन नहीं करने के मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी देते नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार.

लातेहार: निजी और पब्लिक सेक्टर में स्थानीय उम्मीदवारों को 75% नियोजन को लेकर सरकार के द्वारा बनाए गए नियोजन अधिनियम का पालन अभी भी पूरी तरह नहीं हो पा रहा है. हालांकि इस अधिनियम को पालन करवाने को लेकर नियोजनालय के द्वारा अब कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. इस कड़ी में लातेहार में चल रही आठ कंपनियों को नोटिस भेजा गया है.

वर्ष 2021 में लागू किया गया था अधिनियमः दरअसल, झारखंड सरकार के द्वारा स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम लागू करते हुए यह नियम बनाया गया है कि वैसी संस्था जहां 10 अथवा 10 से अधिक लोग कार्यरत हैं. वैसी संस्थानों में 40 हजार रुपए से कम वेतन वाले पद के कर्मियों में से 75 फीसदी कर्मी स्थानीय होंगे. वर्ष 2021 में इस अधिनियम को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. इसके बावजूद राज्य की कई कंपनियों और संस्थाएं इस अधिनियम का पूरी तरह पालन नहीं कर रही हैं. हालांकि लातेहार जिले में जिला नियोजन पदाधिकारी के द्वारा इस मामले को लेकर अब सख्ती बरतनी आरंभ कर दी गई है.

लातेहार में आठ कंपनियों को भेजा गया नोटिस: इधर, इस संबंध में जिला नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम के तहत प्रत्येक संस्था अथवा कंपनी में 40 हजार रुपए वेतन वाले कम से कम 75% कर्मी में स्थानीय होने चाहिए. जिले में कई कंपनियां इस नियम का पालन तो कर रही हैं, लेकिन अभी भी कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो नियम का पालन करने में लापरवाही बरत रही है. उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाली आठ कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. इनमें मनतासा मोटर्स, जय अम्बे बालूमाथ, सिटी अस्पताल, ट्रैक एंड टॉवर, डेवलपटो माइनिंग लिमिटेड, टाइकून इंडस्ट्रीज, केपी इंडस्ट्रीज लातेहार और बलराम स्टोन माइंस एंड कर्सर बारियातु शामिल है. उन्होंने कहा कि यदि संबंधित कंपनियों के द्वारा नियम का पालन नहीं किया जाएगा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा.

क्या है नियम: जिला नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम उन कंपनियों पर लागू होता है जहां 10 या 10 से अधिक लोग कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि ऐसी संस्थाओं में 40 हजार रुपए से कम वेतन पाने वाले सभी कर्मियों की सूची ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना है. प्रत्येक तीन माह में एक बार कंपनियों के द्वारा इसे अपडेट भी करते रहना है, ताकि पता चल सके की कंपनियों के द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिन उम्मीदवारों को स्थानीय मानकर बहाली की गई है. उनके पास अंचल स्तर से स्थानीयता का प्रमाण पत्र निर्गत होना चाहिए.

नियोजन अधिनियम का पालन नहीं करने के मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी देते नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार.

लातेहार: निजी और पब्लिक सेक्टर में स्थानीय उम्मीदवारों को 75% नियोजन को लेकर सरकार के द्वारा बनाए गए नियोजन अधिनियम का पालन अभी भी पूरी तरह नहीं हो पा रहा है. हालांकि इस अधिनियम को पालन करवाने को लेकर नियोजनालय के द्वारा अब कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. इस कड़ी में लातेहार में चल रही आठ कंपनियों को नोटिस भेजा गया है.

वर्ष 2021 में लागू किया गया था अधिनियमः दरअसल, झारखंड सरकार के द्वारा स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम लागू करते हुए यह नियम बनाया गया है कि वैसी संस्था जहां 10 अथवा 10 से अधिक लोग कार्यरत हैं. वैसी संस्थानों में 40 हजार रुपए से कम वेतन वाले पद के कर्मियों में से 75 फीसदी कर्मी स्थानीय होंगे. वर्ष 2021 में इस अधिनियम को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. इसके बावजूद राज्य की कई कंपनियों और संस्थाएं इस अधिनियम का पूरी तरह पालन नहीं कर रही हैं. हालांकि लातेहार जिले में जिला नियोजन पदाधिकारी के द्वारा इस मामले को लेकर अब सख्ती बरतनी आरंभ कर दी गई है.

लातेहार में आठ कंपनियों को भेजा गया नोटिस: इधर, इस संबंध में जिला नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम के तहत प्रत्येक संस्था अथवा कंपनी में 40 हजार रुपए वेतन वाले कम से कम 75% कर्मी में स्थानीय होने चाहिए. जिले में कई कंपनियां इस नियम का पालन तो कर रही हैं, लेकिन अभी भी कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो नियम का पालन करने में लापरवाही बरत रही है. उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाली आठ कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. इनमें मनतासा मोटर्स, जय अम्बे बालूमाथ, सिटी अस्पताल, ट्रैक एंड टॉवर, डेवलपटो माइनिंग लिमिटेड, टाइकून इंडस्ट्रीज, केपी इंडस्ट्रीज लातेहार और बलराम स्टोन माइंस एंड कर्सर बारियातु शामिल है. उन्होंने कहा कि यदि संबंधित कंपनियों के द्वारा नियम का पालन नहीं किया जाएगा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा.

क्या है नियम: जिला नियोजन पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम उन कंपनियों पर लागू होता है जहां 10 या 10 से अधिक लोग कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि ऐसी संस्थाओं में 40 हजार रुपए से कम वेतन पाने वाले सभी कर्मियों की सूची ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना है. प्रत्येक तीन माह में एक बार कंपनियों के द्वारा इसे अपडेट भी करते रहना है, ताकि पता चल सके की कंपनियों के द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिन उम्मीदवारों को स्थानीय मानकर बहाली की गई है. उनके पास अंचल स्तर से स्थानीयता का प्रमाण पत्र निर्गत होना चाहिए.

कार्रवाई से मचा हड़कंपः जिला नियोजन पदाधिकारी के द्वारा सरकार के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम को लेकर की जा रही कार्रवाई से नियम का पालन नहीं करने वाले संस्थानों में हड़कंप है.

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