ETV Bharat / state

यात्रीगण ध्यान दें! बरवाडीह के प्लेटफॉर्म 2-3 पर नहीं है शौचालय, चुप रहते हैं अधिकारी - स्टेशन पर शौचालय की समस्या

धनबाद रेल मंडल के बरवाडीह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन पर यात्रियों के सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बता दें कि यहां रोजाना डेढ़ से दो हजार यात्रियों का आवागमन होता है लेकिन एक भी शौचालय नहीं बनाया गया है.

No toilet is built at Barwadih railway station
बरवाडीह रेलवे स्टेशन
author img

By

Published : Feb 23, 2020, 12:17 PM IST

लातेहार: धनबाद रेल मंडल के प्रमुख स्टेशनों में से एक बरवाडीह रेलवे स्टेशन है जहां से रेलवे को अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति भी होती है. लेकिन बरवाडीह रेलवे स्टेशनों में यात्री सुविधाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही होती है. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो और तीन में जहां रोजाना आधे दर्जन से अधिक पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है. लगभग डेढ़ से दो हजार यात्रियों का आवागमन होता है. बावजूद इसके प्लेटफार्म संख्या दो और तीन पर एक भी शौचालय नहीं है. जिससे यात्रियों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

देखें पूरी खबर

ये भी देखें- बरियातू दुष्कर्म मामले के दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा, फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई

वहीं रेल यात्रियों की माने तो रेलवे को जहां बरवाडीह से राजस्व की प्राप्ति होती है वही यात्री सुविधा के नाम पर उसका 10 फीसदी पैसा भी खर्च होता नहीं दिखता है. जिसका उदाहरण है स्वच्छ भारत अभियान में बिना शौचालय के प्लेटफार्म का होना. इधर रेल अधिकारी भी शौचालय और यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी बोलने से साफ परहेज करते हैं और सारी जवाबदेही डिवीजन स्तर के अधिकारियों को ठहराते है.

लातेहार: धनबाद रेल मंडल के प्रमुख स्टेशनों में से एक बरवाडीह रेलवे स्टेशन है जहां से रेलवे को अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति भी होती है. लेकिन बरवाडीह रेलवे स्टेशनों में यात्री सुविधाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही होती है. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो और तीन में जहां रोजाना आधे दर्जन से अधिक पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है. लगभग डेढ़ से दो हजार यात्रियों का आवागमन होता है. बावजूद इसके प्लेटफार्म संख्या दो और तीन पर एक भी शौचालय नहीं है. जिससे यात्रियों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

देखें पूरी खबर

ये भी देखें- बरियातू दुष्कर्म मामले के दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा, फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई

वहीं रेल यात्रियों की माने तो रेलवे को जहां बरवाडीह से राजस्व की प्राप्ति होती है वही यात्री सुविधा के नाम पर उसका 10 फीसदी पैसा भी खर्च होता नहीं दिखता है. जिसका उदाहरण है स्वच्छ भारत अभियान में बिना शौचालय के प्लेटफार्म का होना. इधर रेल अधिकारी भी शौचालय और यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी बोलने से साफ परहेज करते हैं और सारी जवाबदेही डिवीजन स्तर के अधिकारियों को ठहराते है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.