लातेहार: जिले के नेतरहाट आवासीय विद्यालय के छात्र झारखंड एकेडमिक काउंसिल की परीक्षा में स्टेट टॉपर रहे. विद्यालय के छात्र मनीष कुमार कटिहार ने 98% मार्क्स लाकर पूरे राज्य में टॉप किया. वहीं, इसी स्कूल के कुंदन कुमार, सिद्धार्थ कुमार और आयुष कुमार हिंद 97% मार्क्स लाकर संयुक्त रुप से राज्य भर में दूसरे टॉपर रहे. इसी विद्यालय के छात्र आदित्य हर्ष और जतिन राज 487 मार्क्स लाकर संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर रहे. इस विद्यालय की छात्रा सुहाना सिंह 486 मार्क्स लाकर लड़कियों में टॉपर रही. वहीं, पूरे राज्य भर में ओवरऑल उसे टॉपर की सूची में चौथा स्थान मिला.
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दरअसल, नेतरहाट आवासीय विद्यालय शिक्षा के मामले में पूरे राज्य में विख्यात है. इस विद्यालय की खासियत यह है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे आईएएस और आईपीएस अफसर के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य बड़े पदों पर आसीन होते हैं. इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1954 ई में की गई थी. उस समय इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का चयन बिहार राज्य में होने वाले प्रतियोगी परीक्षा से किया जाता था. झारखंड राज्य अलग बनने के बाद इस विद्यालय में झारखंड के बच्चों का नामांकन किया जाता है. विद्यालय में नामांकन छठी क्लास में होता है. जिसमें कुल 60 बच्चों का नामांकन प्रतिवर्ष होता है. बच्चों को यहां पूरी तरह मुफ्त आवासीय शिक्षा दी जाती है. नेतरहाट विद्यालय की सफलता से यहां के प्राचार्य डॉ. संतोष कुमार सिंह काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों और छात्रों के मेहनत का नतीजा है कि विद्यालय ने अपनी वर्षों पूर्व बनी परंपरा को कायम रखा. विद्यालय के सभी 60 छात्रों को 80% से अधिक मार्क्स प्राप्त हुए हैं. झारखंड राज्य के टॉप टेन में पहले 7 स्थानों पर इसी विद्यालय के बच्चे हैं.
75.01 फीसदी बच्चे हुए पास
बता दें कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने बुधवार दोपहर करीब सवा एक बजे मैट्रिक रिजल्ट घोषित कर दिया है. नतीजे शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जारी किए. इस बार पिछले साल की तुलना में करीब 5 फीसदी बच्चे अधिक पास हुए हैं. पिछले साल जहां 70.81 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए थे, वहां इस साल 75.01 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए हैं. परीक्षार्थी अपना परिणाम jac.jharkhand.gov.in पर चेक कर सकते हैं. नतीजे जारी होने के साथ ही राज्य के मैट्रिक कक्षा के 3.86 लाख छात्र-छात्राओं का इंतजार खत्म हो गया है. इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा 11 से 28 फरवरी तक आयोजित की गई थी. लॉकडाउन के कारण मूल्यांकन कार्य बढ़ाना पड़ा था. इस कारण रिजल्ट आने में विलंब हुआ.