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धरती का छुपा स्वर्ग है लातेहार, कदम कदम पर बिखरी है प्रकृति की अनुपम छटा

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Published : Jan 1, 2023, 10:05 AM IST

Updated : Jan 1, 2023, 10:16 AM IST

झारखंड का लातेहार नक्सल प्रभावित जिला है. इसके अलावा जिले की एक और पहचान है, वो है थरती का स्वर्ग. प्रकृति ने इसे बेहद खूबसूरती से सजाया है. लातेहार जिले में पर्यटन स्थलों की भरमार है (Latehar district is full of tourist places). लोग यहां आकर आनंदित और रोमांचित होते हैं.

Latehar district is full of tourist places
लोध जल प्रपात
देखें पूरी खबर

लातेहारः जिले को धरती का छुपा हुआ स्वर्ग भी कहा जा सकता है. जिले में प्रकृति ने अपनी अनुपम सौंदर्यता की ऐसी छटा बिखेरी है, जो लोगों को रोमांचित कर देती है. यही कारण है कि नववर्ष के आगमन पर लातेहार जिला पर्यटकों से गुलजार रहता है. लातेहार का नेतरहाट, बेतला, लोध फॉल, सुगा बांध, केचकी संगम समेत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तो पहले से ही अवस्थित है. अब इन दिनों नवागढ़ किला समेत कुछ अन्य पर्यटक स्थल भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः देवघर रोपवे हादसे को याद कर कांप जाती है रूह, बोतलों में पेशाब भरकर रखने को मजबूर हुए थे पर्यटक, अबतक नहीं आई जांच रिपोर्ट

दरअसल लातेहार जिले में पर्यटन स्थलों की भरमार है(Latehar district is full of tourist places). कई पर्यटक स्थल तो देश भर में प्रसिद्ध है तो कुछ ऐसे भी पर्यटन स्थल हैं, जिनका प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण लोग वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं. लातेहार के कुछ ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां देश के विभिन्न राज्यों से बड़े पैमाने पर पर्यटक आकर प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठाते हैं.

नेतरहाट है देश भर में प्रसिद्धः झारखंड की रानी के रूप में प्रसिद्ध नेतरहाट की पहचान देशभर में है. अपने अनुपम प्राकृतिक सौंदर्यता और सुहाने मौसम के कारण यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. नेतरहाट झारखंड के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है. नेतरहाट का सनसेट और सनराइज काफी प्रसिद्ध है. इसके अलावे नेतरहाट का शैले हाउस काष्ठ कला का अद्भुत नमूना है. पूरी तरह लकड़ी से बना दो मंजिला भवन पर्यटकों को आकर्षित करता है. नेतरहाट का आवासीय विद्यालय सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. इस विद्यालय में पढ़कर निकलने वाले सैकड़ों छात्र आईएएस और आईपीएस समेत कई अन्य बड़े पदों पर आसीन हैं. नेतरहाट का नाशपाती बागान, अपर और लोवर घघरी, सैकड़ों फीट गहरी घाटियां और यहां का सुहाना मौसम प्रसिद्ध है.

कैसे जाएं नेतरहाटः नेतरहाट सड़क मार्ग से ही जाया जा सकता है. लातेहार, गुमला और लोहरदगा जिले का बॉर्डर नेतरहाट में मिलता है. रांची से आने वाले पर्यटक सड़क मार्ग से लोहरदगा के रास्ते घाघरा और बनारी होते नेतरहाट पहुंचते हैं. रांची से नेतरहाट की दूरी लगभग 175 किलोमीटर है. वहीं लातेहार जिला मुख्यालय से नेतरहाट 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. नेतरहाट में रहने के लिए सरकारी और निजी दोनों प्रकार के होटल हैं. यहां सालों भर मौसम ठंड रहने के कारण पर्यटक गर्म कपड़े लेकर आते हैं.

पिकनिक स्पॉट के रूप में विख्यात है सुगा बांधः महुआडांड़ और गारू पथ पर सुगा बांध स्थित है. चट्टानों के बीच बूढ़ा नदी सुगा बांध से नीचे गिरती है. यह लातेहार जिले का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है. नवंबर से लेकर जनवरी माह तक यहां पर्यटकों की भारी भीड़ लगती है. महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय से सुगा बांध की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है. वहीं लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 60 किलोमीटर है.

झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है लोध फॉलः जिले के महुआडांड़ प्रखंड में लोध फॉल जलप्रपात स्थित है. छत्तीसगढ़ की पहाड़ी से सैकड़ों फीट की ऊंचाई से गिरता झरना पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. बरसात के दिनों में तो यहां का दृश्य काफी डरावना भी लगता है. महुआडांड़ मुख्यालय से लोध फॉल 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 100 किलोमीटर है.

बेतला नेशनल पार्क देशभर में है प्रसिद्धः बेतला नेशनल पार्क झारखंड ही नहीं बल्कि देश भर में प्रसिद्ध है. यहां जानवरों को पूरी तरह प्राकृतिक आबोहवा प्रदान की जाती है. खुले में विचरण करने वाले जानवरों को देखना पर्यटकों को काफी रोमांचित करता है. बेतला नेशनल पार्क में बड़े पैमाने पर जंगली जानवर खुले में विचरण करते हैं. सुरक्षित वाहनों से पर्यटक बेतला पार्क में जाते हैं और जानवरों का दीदार भी करते हैं. पलामू जिला मुख्यालय से बेतला पार्क की दूरी 30 किलोमीटर है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से बेतला की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है.

कोयल और औरंगा नदी का संगम है प्रसिद्ध पर्यटक स्थलः लातेहार पलामू जिले के सीमा पर स्थित केचकी संगम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. नव वर्ष के अवसर पर यहां बड़े पैमाने पर लोग पिकनिक मनाने आते हैं. कोयल और औरंगा नदी का यह संगम काफी मनोरम है. बताया जाता है कि यहां काफी पहले दिलीप कुमार और सायरा बानो जैसे फिल्म स्टार भी चुके हैं. पलामू जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 25 किलोमीटर है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

प्रसिद्ध होने लगा नवागढ़ का किलाः लातेहार जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नवागढ़ किला इन दिनों पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होता जा रहा है. राजा मेदिनी राय के इस किले के आसपास के इलाके को पूर्व उपायुक्त अबु इमरान ने विकसित करवाया. इसके बाद से यह किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.

कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं लातेहार जिले मेंः लातेहार जिले में ततहापानी, डातम-पातम जलप्रपात, मिर्चिया फॉल, कांति झरना, दोमुहान संगम, झरिया जंगल, तुबेद गुफा, नगर मंदिर समेत सैकड़ों वैसे स्थान है जहां नव वर्ष में पर्यटकों की भीड़ लगती है.

लातेहार जिले को प्रकृति ने जो अनुपम उपहार दिए हैं यदि उसे सजाया और संवारा जाए तो लातेहार जिला पर्यटन के क्षेत्र में काफी आगे आ सकता है. जरूरत इस बात की है कि सरकार पर्यटन स्थलों को विकसित करे और वहां सुविधा उपलब्ध कराए, ताकि पर्यटक वहां बेझिझक आ सके.

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लातेहारः जिले को धरती का छुपा हुआ स्वर्ग भी कहा जा सकता है. जिले में प्रकृति ने अपनी अनुपम सौंदर्यता की ऐसी छटा बिखेरी है, जो लोगों को रोमांचित कर देती है. यही कारण है कि नववर्ष के आगमन पर लातेहार जिला पर्यटकों से गुलजार रहता है. लातेहार का नेतरहाट, बेतला, लोध फॉल, सुगा बांध, केचकी संगम समेत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तो पहले से ही अवस्थित है. अब इन दिनों नवागढ़ किला समेत कुछ अन्य पर्यटक स्थल भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः देवघर रोपवे हादसे को याद कर कांप जाती है रूह, बोतलों में पेशाब भरकर रखने को मजबूर हुए थे पर्यटक, अबतक नहीं आई जांच रिपोर्ट

दरअसल लातेहार जिले में पर्यटन स्थलों की भरमार है(Latehar district is full of tourist places). कई पर्यटक स्थल तो देश भर में प्रसिद्ध है तो कुछ ऐसे भी पर्यटन स्थल हैं, जिनका प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण लोग वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं. लातेहार के कुछ ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां देश के विभिन्न राज्यों से बड़े पैमाने पर पर्यटक आकर प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठाते हैं.

नेतरहाट है देश भर में प्रसिद्धः झारखंड की रानी के रूप में प्रसिद्ध नेतरहाट की पहचान देशभर में है. अपने अनुपम प्राकृतिक सौंदर्यता और सुहाने मौसम के कारण यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. नेतरहाट झारखंड के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है. नेतरहाट का सनसेट और सनराइज काफी प्रसिद्ध है. इसके अलावे नेतरहाट का शैले हाउस काष्ठ कला का अद्भुत नमूना है. पूरी तरह लकड़ी से बना दो मंजिला भवन पर्यटकों को आकर्षित करता है. नेतरहाट का आवासीय विद्यालय सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. इस विद्यालय में पढ़कर निकलने वाले सैकड़ों छात्र आईएएस और आईपीएस समेत कई अन्य बड़े पदों पर आसीन हैं. नेतरहाट का नाशपाती बागान, अपर और लोवर घघरी, सैकड़ों फीट गहरी घाटियां और यहां का सुहाना मौसम प्रसिद्ध है.

कैसे जाएं नेतरहाटः नेतरहाट सड़क मार्ग से ही जाया जा सकता है. लातेहार, गुमला और लोहरदगा जिले का बॉर्डर नेतरहाट में मिलता है. रांची से आने वाले पर्यटक सड़क मार्ग से लोहरदगा के रास्ते घाघरा और बनारी होते नेतरहाट पहुंचते हैं. रांची से नेतरहाट की दूरी लगभग 175 किलोमीटर है. वहीं लातेहार जिला मुख्यालय से नेतरहाट 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. नेतरहाट में रहने के लिए सरकारी और निजी दोनों प्रकार के होटल हैं. यहां सालों भर मौसम ठंड रहने के कारण पर्यटक गर्म कपड़े लेकर आते हैं.

पिकनिक स्पॉट के रूप में विख्यात है सुगा बांधः महुआडांड़ और गारू पथ पर सुगा बांध स्थित है. चट्टानों के बीच बूढ़ा नदी सुगा बांध से नीचे गिरती है. यह लातेहार जिले का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है. नवंबर से लेकर जनवरी माह तक यहां पर्यटकों की भारी भीड़ लगती है. महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय से सुगा बांध की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है. वहीं लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 60 किलोमीटर है.

झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है लोध फॉलः जिले के महुआडांड़ प्रखंड में लोध फॉल जलप्रपात स्थित है. छत्तीसगढ़ की पहाड़ी से सैकड़ों फीट की ऊंचाई से गिरता झरना पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. बरसात के दिनों में तो यहां का दृश्य काफी डरावना भी लगता है. महुआडांड़ मुख्यालय से लोध फॉल 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 100 किलोमीटर है.

बेतला नेशनल पार्क देशभर में है प्रसिद्धः बेतला नेशनल पार्क झारखंड ही नहीं बल्कि देश भर में प्रसिद्ध है. यहां जानवरों को पूरी तरह प्राकृतिक आबोहवा प्रदान की जाती है. खुले में विचरण करने वाले जानवरों को देखना पर्यटकों को काफी रोमांचित करता है. बेतला नेशनल पार्क में बड़े पैमाने पर जंगली जानवर खुले में विचरण करते हैं. सुरक्षित वाहनों से पर्यटक बेतला पार्क में जाते हैं और जानवरों का दीदार भी करते हैं. पलामू जिला मुख्यालय से बेतला पार्क की दूरी 30 किलोमीटर है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से बेतला की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है.

कोयल और औरंगा नदी का संगम है प्रसिद्ध पर्यटक स्थलः लातेहार पलामू जिले के सीमा पर स्थित केचकी संगम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. नव वर्ष के अवसर पर यहां बड़े पैमाने पर लोग पिकनिक मनाने आते हैं. कोयल और औरंगा नदी का यह संगम काफी मनोरम है. बताया जाता है कि यहां काफी पहले दिलीप कुमार और सायरा बानो जैसे फिल्म स्टार भी चुके हैं. पलामू जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 25 किलोमीटर है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

प्रसिद्ध होने लगा नवागढ़ का किलाः लातेहार जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नवागढ़ किला इन दिनों पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होता जा रहा है. राजा मेदिनी राय के इस किले के आसपास के इलाके को पूर्व उपायुक्त अबु इमरान ने विकसित करवाया. इसके बाद से यह किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.

कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं लातेहार जिले मेंः लातेहार जिले में ततहापानी, डातम-पातम जलप्रपात, मिर्चिया फॉल, कांति झरना, दोमुहान संगम, झरिया जंगल, तुबेद गुफा, नगर मंदिर समेत सैकड़ों वैसे स्थान है जहां नव वर्ष में पर्यटकों की भीड़ लगती है.

लातेहार जिले को प्रकृति ने जो अनुपम उपहार दिए हैं यदि उसे सजाया और संवारा जाए तो लातेहार जिला पर्यटन के क्षेत्र में काफी आगे आ सकता है. जरूरत इस बात की है कि सरकार पर्यटन स्थलों को विकसित करे और वहां सुविधा उपलब्ध कराए, ताकि पर्यटक वहां बेझिझक आ सके.

Last Updated : Jan 1, 2023, 10:16 AM IST
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