लातेहार: जिले के सदर प्रखंड के धनकारा गांव निवासी मजदूर हरीश सिंह की मौत महाराष्ट्र के पुणे में हो गई. जिसके बाद पुणे प्रशासन की मदद से गुरुवार को मजदूर का शव लातेहार स्थित उसके गांव में पहुंचा. विडंबना ऐसी कि मजदूर की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए भी परिजनों के पास पैसे नहीं थे. इस वजह से काफी देर तक मजदूर का शव घर में ही पड़ा रहा. जिसके बाद गांव के मुखिया और ग्रामीणों की मदद से उसका अंतिम संस्कार हुआ.
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जानकारी के अनुसार हरीश उर्फ हरिहर सिंह होली से पहले पुणे की एक कंपनी में मजदूरी करने गया था. इसी बीच देशभर में लॉकडाउन होने से वह घर नहीं लौट पाया. लॉकडाउन के बीच अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और कंपनी के अधिकारियों के माध्यम से उसे अस्पताल भेजा गया. सोमवार की रात उसकी मौत हो गई. इसके बाद पूरी जांच के बाद उसके शव को एंबुलेंस के सहारे लातेहार भेज दिया गया.
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गुरुवार को मजदूर का शव धनकारा स्थित उसके घर पहुंचा. जिसके बाद पूरे घर में मातम पसर गया. मजदूर के पिता गोविंद सिंह ने बताया कि उनका बेटा काम करने पुणे गया था. जहां उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि वे लोग इतने गरीब हैं कि अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सकते हैं.
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पत्नी का नहीं है राशन कार्ड
मजदूर हरीश का विवाह 2 साल पहले हुआ था. उसका एक छोटा बच्चा भी है. परंतु मृतक की पत्नी और बच्चे का राशन कार्ड भी नहीं बना है. जिससे कोई सरकारी मदद नहीं हो पाती है.
मुखिया ने दिया मदद का आश्वासन
इधर घटना की सूचना मिलने के बाद मुखिया प्रदीप सिंह हरीश के घर पहुंचे और उसके परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकारी प्रावधान के तहत सभी प्रकार की सहायता दिलवाई जाएगी और उनकी मदद की जायेगी.