लातेहारः प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनकी गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी, पर लातेहार जिला के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में यह बात फिट बैठती नहीं दिख रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के मामले में संवेदक के द्वारा प्रधानमंत्री की गारंटी पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है.
जिला में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चंदवा प्रखंड के जगलदागा से बनहरदी गांव तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क की स्वीकृति प्रदान की गई थी. वर्षों पुरानी ग्रामीणों की यह मांग पूरी होने के बाद ग्रामीणों में उत्साह का माहौल था. सड़क योजना की कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लगभग 1 साल पहले धरातल पर काम भी आरंभ किया गया था. कुछ मिट्टी का कार्य किया गया और संवेदक के द्वारा पैसे की निकासी भी की गई. पैसे निकासी करने के बाद अचानक संवेदक लापता हो गया और काम को अधूरा छोड़ दिया. सबसे खराब बात तो यह रही कि संवेदक के द्वारा सड़क में मिट्टी की कटाई की गई थी जिस कारण सड़क कई स्थानों पर चलने लायक भी नहीं बचा है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो साइकिल या मोटरसाइकिल से किसी प्रकार ग्रामीण इस सड़क पर चल भी लेते थे, पर अब तो इस पर चलना भी मुश्किल हो गया है.
ग्रामीणों में भारी आक्रोशः सड़क निर्माण का कार्य अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीण संजय उरांव, सुले उरांव, मुनीलाल उरांव का कहना है कि सड़क का निर्माण अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि अब तो लोगों को इस रास्ते पर चलने में भी कठिनाई हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार जिस प्रकार योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करती है. इस प्रकार योजनाओं को पूरा करने के प्रति भी गंभीर रहे. ग्रामीण बताते हैं कि पिछले 1 वर्ष से इस सड़क का काम इसी प्रकार अधूरा छोड़ दिया गया है. कई बात इसकी शिकायत विभाग से भी की गई है, पर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है.
पैसे निकालने के बाद संवेदक फरारः सूत्रों की मानें तो सड़क में जितना कार्य हुआ है उससे अधिक पैसे के निकासी संवेदक के द्वारा कर ली गई है. विभागीय अभियंताओं के साथ मिली भगत कर संवेदक ने फर्जी माफी के सहारे मिट्टी कार्य के पैसे निकाल लिए. इसके बाद संवेदक फरार हो गया. अब संवेदक के द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाकर काम को टाला जा रहा है.
पांच बार दी गई नोटिस, इकरारनामा होगा रद्दः इस संबंध में पूछने पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश बड़ाइक ने बताया कि संवेदक के द्वारा काम को पूरा करने में काफी लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि संवेदक को कार्य को पूरा करने के लिए विभाग के द्वारा पांच बार नोटिस भेजी जा चुकी है, कुछ और नोटिस दी जाएगी. उसके बाद भी अगर संवेदक ने काम पूरा नहीं किया तो इकरारनामा को रद्द करते हुए कार्य के लिए फिर से विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
लातेहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को मजाक बना दिया गया है. ऐसे में प्रधानमंत्री की गारंटी कैसे पूरी होगी यह एक बड़ा सवाल है. जरूर इस बात की है कि गांव को जोड़ने वाली सड़कों को समय पर दुरुस्त किया जाए ताकि गांव का विकास संभव हो सके.
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