लातेहार: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण गरीबों के समक्ष भोजन पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. वहीं, सदर प्रखंड के पोचरा पंचायत अंतर्गत हूंटार गांव की महिलाओं ने गांव के असहाय लोगों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था कर इस चिंता से मुक्त कर दिया है.
दरअसल हूंटार गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां के अधिकांश लोग मजदूरी करके ही अपनी जीविकोपार्जन करते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों को काम मिलना पूरी तरह बंद हो गया है. ऐसे में उनके समक्ष भोजन की चिंता उत्पन्न हो गई थी. ऐसे में झारखंड सरकार के निर्देश पर गांव की महिलाओं ने गांव में रहने वाले असहाय लोगों को दिन का भोजन कराने का कार्य आरंभ किया. ऐसी व्यवस्था आरंभ हो जाने के बाद असहाय ग्रामीणों को काफी सुविधा मिल रही है.
हर दिन 50 से अधिक ग्रामीणों को मिलता है भोजन
समूह की महिलाओं ने गांव के माड़र में भोजन के रूप में दाल भात और सब्जी बनाया जाता है और वहीं पर असहाय ग्रामीणों के बीच वितरण किया जाता है. समूह की महिला रीता देवी ने बताया कि वर्तमान में वे लोग अपनी ओर से ग्रामीणों को मुफ्त में भोजन करा रहे हैं. वहीं यहां हर दिन भोजन करने वाली रविता कुमारी ने बताया कि यदि खाने की ऐसी व्यवस्था गांव में नहीं होती तो वे लोग भूखे मर जाते.
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सोशल डिस्टेंसिंग का हो रहा है पालन
ग्रामीणों को खाना खिलाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. ग्रामीणों को एक-एक कर भोजन दिया जाता है, उसके बाद दूर-दूर बैठा कर उन्हें भोजन कराया जाता है.
शहर में लॉक डाउन को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है. उसी तर्ज पर गांव में भी ग्रामीणों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था होने से ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिल रही है.