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लातेहार के 5 दिव्यांगों को मिले 'दिव्य अंग', आंखों से छलके खुशी के आंसू - jharkhand news

लातेहार के 5 दिव्यांगों के जीवन में नया सवेरा आया है. वर्षों से लाचारी और बेबसी में जिंदगी बिता रहे 5 दिव्यांगों को उपायुक्त अबू इमरान की पहल पर 'दिव्य अंग' मिल गया. कृत्रिम अंग मिलने के बाद दिव्यांगों के आंखों में खुशी के आंसू छलक गए.

five divyans got divine limb in Latehar
लातेहार के 5 दिव्यांगों को मिला 'दिव्य अंग
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Published : Mar 26, 2021, 5:37 PM IST

लातेहारः जिले के कुल 71 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान करने को लेकर उपायुक्त अबु इमरान ने पहल की है. इसी के तहत पहले चरण में 5 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग मिला. डीसी अबू इमरान अपने हाथों से दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान किया.

उपायुक्त अबू इमरान ने कहा कि अपनी पदस्थापना के बाद ही उन्होंने संकल्प कर लिया था कि जिले के कोई भी दिव्यांग को लाचारी और बेबसी का जीवन नहीं जीने देंगे. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को कृत्रिम अंग देने का यह उनका छोटा सा प्रयास है. उनका प्रयास होगा कि जहां तक हो सके, दिव्यांगों को स्वालंबन की राह पर ले जाएं.

15 साल बाद अजय अपने पैरों पर हुआ खड़ा

सदर प्रखंड के पांडेयपुरा गांव निवासी अजय प्रसाद 15 वर्ष पूर्व एक दुर्घटना में अपने पैर खो दिए थे. उसके बाद से उन्हें लगने लगा था कि अब उनकी जिंदगी ताउम्र दूसरों के सहारे पर आश्रित रह जाएगी. अपने पैरों पर खड़ा होना उनके लिए सपना हो गया था. लेकिन 15 साल बाद जब कृत्रिम पैर लगे, तो वह अपने पैरों पर खड़े हुए. ऐसा लगा जैसे सपने साकार हो गए.

हाथ से उठाए बोतल, तो आंखों से छलके आंसू

वहीं, लातेहार निवासी मुनेश्वर उरांव बचपन से ही बिना हाथ के जीवन जी रहे थे. जब डीसी की पहल पर उन्हें कृत्रिम हाथ लगाया गया, तो उन्होंने अपने हाथों से पहली बार एक बोतल को उठाया. इस दौरान उनके आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे थे. जिले के चिन्हित सभी 71 दिव्यांगों को मुफ्त में जिला प्रशासन की ओर से कृत्रिम अंग प्रदान किया जा रहा है.

लातेहारः जिले के कुल 71 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान करने को लेकर उपायुक्त अबु इमरान ने पहल की है. इसी के तहत पहले चरण में 5 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग मिला. डीसी अबू इमरान अपने हाथों से दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान किया.

उपायुक्त अबू इमरान ने कहा कि अपनी पदस्थापना के बाद ही उन्होंने संकल्प कर लिया था कि जिले के कोई भी दिव्यांग को लाचारी और बेबसी का जीवन नहीं जीने देंगे. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को कृत्रिम अंग देने का यह उनका छोटा सा प्रयास है. उनका प्रयास होगा कि जहां तक हो सके, दिव्यांगों को स्वालंबन की राह पर ले जाएं.

15 साल बाद अजय अपने पैरों पर हुआ खड़ा

सदर प्रखंड के पांडेयपुरा गांव निवासी अजय प्रसाद 15 वर्ष पूर्व एक दुर्घटना में अपने पैर खो दिए थे. उसके बाद से उन्हें लगने लगा था कि अब उनकी जिंदगी ताउम्र दूसरों के सहारे पर आश्रित रह जाएगी. अपने पैरों पर खड़ा होना उनके लिए सपना हो गया था. लेकिन 15 साल बाद जब कृत्रिम पैर लगे, तो वह अपने पैरों पर खड़े हुए. ऐसा लगा जैसे सपने साकार हो गए.

हाथ से उठाए बोतल, तो आंखों से छलके आंसू

वहीं, लातेहार निवासी मुनेश्वर उरांव बचपन से ही बिना हाथ के जीवन जी रहे थे. जब डीसी की पहल पर उन्हें कृत्रिम हाथ लगाया गया, तो उन्होंने अपने हाथों से पहली बार एक बोतल को उठाया. इस दौरान उनके आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे थे. जिले के चिन्हित सभी 71 दिव्यांगों को मुफ्त में जिला प्रशासन की ओर से कृत्रिम अंग प्रदान किया जा रहा है.

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