लातेहारः जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए बनाया गया पलामू टाइगर रिजर्व का एरिया इन दिनों हिरणों के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है. पिछले 10 दिनों के अंतराल में अब तक यहां तीन हिरणों की मौत अलग-अलग कारणों से हो चुकी है. रविवार को भी एक हिरण का शव बेतला पार्क में बरामद किया गया. हालांकि इस हिरण की मौत कैसे हुई, इस पर अब तक संशय बरकरार है. विभाग का दावा है कि तेंदुए के हमले के कारण इस हिरण की मौत हुई है.
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बेतला पार्क से फिर एक हिरण का शव बरामदः पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में बड़ी संख्या में हिरण हैं. रविवार को बेतला नेशनल पार्क में भ्रमण के दौरान वन कर्मियों ने एक हिरण का शव जंगल में पड़ा हुआ देखा. मृत हिरण के शरीर पर कई जगह पर जख्म के भी निशान थे. वनकर्मियों ने इसकी सूचना तत्काल वरीय अधिकारियों को दी. जिसके बाद रेंजर समेत अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच कर हिरण के शव का अवलोकन किया. प्रथम दृष्टया देखने से ऐसा लग रहा है कि किसी जंगली जानवर के हमले के कारण हिरण की मौत हुई है. हालांकि वन विभाग के रेंजर का भी कहना है कि ऐसा लग रहा है कि तेंदुए के हमले के कारण हिरण की मौत हुई है. विभाग इसकी जांच करा रहा है.
घटनास्थल पर लगाया जा रहा है ट्रैप कैमरा: जिस स्थान पर हिरण की मौत हुई है, वहां पर वन विभाग की ओर से ट्रैप कैमरा लगाया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि तेंदुए जिस स्थान पर जानवरों का शिकार करता है वह वापस लौटकर उस स्थान पर जरूर आता है. अगर हिरण का शिकार तेंदुआ ने किया होगा तो वह निश्चित रूप से इस स्थान पर पुनः आएगा. जिससे उसकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगी.
हिरणों की मौत से वन विभाग भी चिंतित: बेतला नेशनल पार्क में हिरणों की लगातार हो रही मौत से वन विभाग भी चिंतित है. ज्ञात हो कि पिछले 10 दिनों के अंतराल में तीन हिरणों की मौत हो चुकी है. एक हिरण की मौत वाहन के धक्के से हुई थी, इस घटना के दूसरे दिन ही आवारा कुत्तों के झुंड ने एक हिरण को मार डाला था. अब रविवार को पार्क के अंदर एक अन्य हिरण का शव बरामद हुआ है.
गर्मी से राहत के लिए भटकना हिरणों के लिए बन रहा काल: बताया जाता है कि गर्मी शुरू होते ही पार्क एरिया में प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगते हैं. हालांकि वन विभाग के द्वारा जानवरों के लिए टैंकर के माध्यम से कृत्रिम जल स्रोतों में पानी भरा जाता है. लेकिन अत्यधिक गर्मी के कारण कृत्रिम जल स्रोत का पानी गर्म हो जाता है. गर्मी से बचने और ठंडे पानी की तलाश में हिरण इधर-उधर भटकते हैं. इस क्रम में कभी शिकारियों के द्वारा तो कभी आवारा कुत्तों के झुंड का शिकार हिरण हो जाते हैं.