लातेहार: बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत मंगरा गांव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत सोलर आधारित सिंचाई सुविधा बहाल करने की योजना स्वीकृत की गई थी. इसके लिए रांची की एक एजेंसी को कार्य सौंपा गया था. एजेंसी के द्वारा सोलर आधारित सिंचाई योजना में पंप सेट की आपूर्ति टेंडर के नियम और शर्त के विरुद्ध किया गया. मामले की जानकारी होने के बाद ईटीवी भारत के द्वारा ग्राउंड पर जाकर पूरे मामले की जानकारी ली गई. इस मामले में लातेहार उपायुक्त से भी आवश्यक जानकारी ली गई.
जिसके बाद डीसी हिमांशु मोहन ने मामले में संज्ञान लेते हुए बताया था कि वह इस मामले की जांच करवा लेंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी करेंगे. उपायुक्त के द्वारा मामले की जांच करवाई गई. जिसमें संबंधित एजेंसी के द्वारा पंप सेट आपूर्ति में टेंडर के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने की पुष्टि हुई. इसके बाद डीसी ने कार्रवाई करते हुए संबंधित एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया. वहीं निविदादाता को भुगतना पर भी रोक लगा दी गयी.
कंपनी ने भी लगाए थे एजेंसी पर आरोप: जानकारी के अनुसार जिस एजेंसी को सोलर आधारित सिंचाई सुविधा लगाने का कार्य आवंटित किया गया था. उस एजेंसी के द्वारा टेंडर के समय एक कंपनी का सैंपल प्रस्तुत किया गया था और कहा गया था कि इसी कंपनी का पंप सेट लगाया जाएगा. लेकिन जब सोलर आधारित सिंचाई सुविधा को लगाया गया तो पंप सेट किसी दूसरे कंपनी का लगा दिया गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद पंप सेट के आपूर्तिकर्ता ने डीसी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने का अनुरोध किया. इस खबर को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से प्रकाशित किया. इधर मामले की जांच के बाद निविदादाता को सामान आपूर्ति में गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया. जिसके आधार पर डीसी ने निविदादाता पर कार्रवाई की है.
50% राशि कर दिया गया है भुगतान: इधर, कार्य आवंटित होने के बाद जिला प्रशासन के पूर्व के अधिकारियों के द्वारा नियम के विरुद्ध निविदादाता को 50% राशि का भुगतान कर दिया गया था. बताया जाता है कि मंगरा पंचायत में कुल 28 यूनिट सोलर आधारित सिंचाई योजना को पूर्ण करना था. प्रत्येक यूनिट लगभग 9 लाख 50 हजार रुपए का था. इस प्रकार आधे पैसे संवेदक को पहले ही दिए जा चुके हैं.
विकास योजनाओं में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं: लातेहार डीसी हिमांशु मोहन ने स्पष्ट कहा है कि विकास योजनाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच में सिचाई योजना में अनियमितता पायी गयी है. संबंधित एजेंसी को जिले में अब किसी भी प्रकार का कार्य आवंटित नहीं करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, निविदादाता से स्पष्टीकरण किया जा रहा है. उपायुक्त के द्वारा नियम विरुद्ध काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है.
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