लातेहार: लातेहार के पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष और कोयला व्यवसायी राजेंद्र प्रसाद साहू की रांची में इलाज के दौरान सोमवार को निधन हो गया. निधन की सूचना मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए हैं और बालूमाथ में रांची चतरा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है.
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क्या है इससे जुड़ा पूरा मामला: लातेहार जिले के बालूमाथ निवासी कोयला व्यवसायी राजेंद्र प्रसाद साहू को गत 12 अगस्त को अज्ञात अपराधियों ने बालूमाथ में गोली मार दी थी. इस घटना में राजेंद्र साहू को 5 गोली लगी थी. आनन-फानन में उन्हें बालूमाथ अस्पताल लाया गया था और बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया गया था.
बाबूलाल पहुंचे थे अस्पताल: राजेंद्र साहू रांची के बड़े निजी अस्पताल में इलाजरत थे. इसी बीच अचानक रविवार की रात उनकी हालत बिगड़ने लगी. सोमवार को उन्हें एयर एंबुलेंस से इलाज के लिए दिल्ली जाना था. परंतु सोमवार की सुबह तीन बजे उनकी मौत हो गई. रविवार को ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी घायल राजेंद्र प्रसाद साहू से मिलने अस्पताल पर पहुंचे थे.
लोगों में दिख रहा आक्रोश: इधर राजेंद्र प्रसाद साहू की मौत की खबर सुनने के बाद बालूमाथ में लोगों में भारी आक्रोश है. उनके निधन की सूचना से पूरे इलाके में कोहराम मच गया. सोमवार की सुबह से ही आक्रोशित लोग सड़क पर बैठ गए हैं और सड़क जाम कर दिया है. लोगों की मांग है कि अविलंब अपराधियों की गिरफ्तारी की जाए. सड़क जाम के कारण रांची चतरा मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है. कई वाहन फंस गए हैं.
सद्भावना कमेटी के थे अध्यक्ष: बालूमाथ में सभी समुदाय के लोगों ने मिलकर एक सद्भावना कमेटी का गठन किया था, जिसके अध्यक्ष राजेंद्र साहू थे. इस कमेटी का मुख्य मकसद समाज में भाईचारा बनाए रखना और किसी भी प्रकार के सामाजिक सौहार्द बिगड़ने पर सभी समुदाय के लोगों को मिलकर शांति स्थापित करना था. बालूमाथ प्रखंड के अलावे लातेहार जिले तथा चतरा जिले में राजेंद्र प्रसाद साहू की अच्छी पकड़ थी. सभी समुदाय के लोग इनका सम्मान भी करते थे. इनकी मौत की खबर सुनने के बाद सभी समुदाय में भारी आक्रोश देखा जा रहा है.
2019 में लड़ा था लोस चुनाव: राजेंद्र साहू वर्ष 2019 में चतरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ चुके थे. राजेंद्र साहू भाजपा के बड़े नेता थे और ये भाजपा के टिकट पर चतरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे. चतरा संसदीय क्षेत्र के स्थानीय होने के कारण इन्हें पूरी उम्मीद थी कि टिकट उन्हें मिलेगा. परंतु जब भाजपा का टिकट उन्हें नहीं मिला तो विरोध स्वरूप इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था.
हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी होने के कारण इन्हें जनता का ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल पाया था. इधर गत वर्ष हुए पंचायत चुनाव में बालूमाथ जिला परिषद की दोनों सीट महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाने के कारण राजेंद्र साहू पंचायत चुनाव भी नहीं लड़ सके थे. इधर सूचना मिल रही है कि पुलिस के द्वारा घटना में संदिग्ध कुछ आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है. हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं की गई है.