लातेहार: जिले के गारू थाना क्षेत्र के पीरी जंगल में शनिवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए युवक पर विवाद शुरू हो गया है. पुलिस एनकाउंटर पर ग्रामीणों ने सवाल उठाया है. आरोप लगाया है निर्दोष ग्रामीण जो जंगल में शिकार करने गया था, पुलिस ने हत्या कर दी. वहीं पुलिस का दावा है कि मारा गया युवक भाकपा माओवादी का दस्ता सदस्य था.
लातेहार के पीरी जंगल में नक्सली एनकाउंटर पर विवाद ये भी पढ़ें-लातेहार में पुलिस-माओवादियों में मुठभेड़, एनकाउंटर में उग्रवादी मरा या ग्रामीण जांच जारी
पुलिस का दावा
पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह झारखंड जगुआर की टीम को सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी के कमांडर छोटू खैरवार का दस्ता पीरी जंगल में रूका हुआ है. इसी सूचना पर जगुआर की टीम जंगल में छापामारी करने पहुंची. पुलिस जैसे ही जंगल में पहुंची वहां हथियार के साथ कुछ लोग दिखाई दिए. जिन्हें रुकने का इशारा पुलिस के ने किया तो परंतु हथियारबंद युवक फायरिंग करते हुए भागने लगे. जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें पीरी गांव निवासी ब्रह्म देव सिंह मारा गया. पुलिस का दावा है कि मारा गया युवक माओवादियों का दस्ता सदस्य है.
ग्रामीण बोले-सरहुल के लिए गए थे जंगलघटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीणों का दावा है कि जिस युवक की मौत पुलिस की गोली से हुई है. वह युवक आम ग्रामीण है. मृत युवक की मां ने बताया कि गांव में आज सरहुल का त्योहार मनाया जाना था. गांव की परंपरा है कि सरहुल के दिन जंगल से शिकार कर पुरुष सदस्य घर लाते हैं जिसे बनाकर सभी लोग खाते हैं. इसी परंपरा को लेकर ब्रह्मदेव सिंह कुछ अन्य ग्रामीणों के साथ जंगल में शिकार करने देसी हथियार के साथ गया था. इसी दौरान पुलिस वहां पहुंची और बिना कुछ कहे पूछे गोली चलाने लगी. युवकों ने भागते हुए पुलिस को इशारा भी किया कि वे लोग ग्रामीण हैं परंतु तब तक ब्रह्मदेव सिंह को गोली लगी और वहीं वह ढेर हो गया.
लातेहार के पीरी जंगल में नक्सली एनकाउंटर पर विवाद घटना के 5 घंटे बाद पहुंची स्थानीय पुलिसइस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की उदासीनता साफ दिखी. मुठभेड़ की घटना शनिवार सुबह 8:50 बजे की है.उसके बाद वायरलेस से स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई .परंतु घटना के 5 घंटे बाद तक कोई भी पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था. इधर घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी और ग्रामीण उग्र भी होते जा रहे थे. बाद में लगभग 2:30 बजे जिला पुलिस के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. परंतु कोई भी अधिकारी मीडिया को कुछ भी बताने से इनकार किया. घटना के बाद पुलिस के अधिकारी पूरे मामले की छानबीन में जुट गए हैं. उधर ग्रामीणों के आक्रोश के कारण पुलिस को मृतक के शव को घटनास्थल से लाने में भी परेशानी हो रही थी