लातेहारः दुर्दांत और दर्गम बूढ़ा पहाड़, नक्सलियों का गढ़ और उनके छुपने की मुफीद जगह. लेकिन लातेहार, गढ़वा और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए पुलिस पूरी तरह कमर कस चुकी है. पहाड़ की तलहटी में बसे तिसिया और नावाडीह गांव में पुलिस पिकेट स्थापित (police camp in Budha Pahad) कर नक्सलियों की चहलकदमी को पूरी तरह रोकने के लिए प्रशासन जुट गया है. बूढ़ा पहाड़ तक आवागमन सुगम करने को लेकर लातेहार एसपी अंजनी अंजन (Latehar SP Anjani Anjan) के नेतृत्व में बूढ़ा नदी पर पुल निर्माण का कार्य (police building bridge on Budha river) आरंभ कर दिया है.
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बूढ़ा पहाड़ तक जाने के लिए बूढ़ा नदी को पार करना पड़ता है. बरसाती और पथरीली नदी होने के कारण वाहनों का आवागमन इस रास्ते पर काफी मुश्किल से हो पाता है. नदी पार करने में वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बारिश के दौरान नदी में पानी भरने के बाद नदी को पार करना काफी कठिन हो जाता है. इस कठिनाई से निपटने के लिए लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने बूढ़ा नदी पर सीमेंटेड पाइप और बोरा के सहारे पुलिया निर्माण का कार्य आरंभ करवाया है. गुरुवार से नदी के ऊपर पुलिया निर्माण का कार्य भी तेजी से आरंभ किया गया. पुलिया निर्माण कार्य के समय एसपी खुद भी निर्माण स्थल के पास खड़े रहे और अपनी देखरेख में पुलिया निर्माण का कार्य करवाया.
पुलिस पिकेट स्थापित होने से नक्सली गतिविधियों पर रोकः इस पुलिया के निर्माण से बूढ़ा पहाड़ के अंदरूनी इलाकों में आसानी से प्रवेश किया जा सकता है. इसके बाद तिसिया और नावाडीह गांव में पुलिस पिकेट बनाने की योजना है. जिससे इस इलाके में नक्सलियों की गतिविधि पर काफी हद तक रोक लग सकती हैं. जिला के कई ऐसे इलाके हैं, जो कभी नक्सलियों का गढ़ (Campaign against Naxalites) समझा जाता था लेकिन जब से वहां पुलिस पिकेट बनाया गया तब से नक्सलियों के पांव वहां से उखड़ गए. पिकेट बनने के बाद मिली सफलता से उत्साहित होकर पुलिस बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे तिसिया और नावाडीह गांव में भी पुलिस पिकेट स्थापित (Police picket in village) करने की योजना बना ली है.
कुजरूम, लाटू, तिसिया में पुलिस कैंपः मिशन बूढ़ा पहाड़ (Mission Budha Pahar) के तहत कुजरूम, लाटू, तिसिया में पुलिस कैंप बनाने की योजना (Police camp to be built) है. फिलहाल इन गांव में सुरक्षा बलों के कैंप को स्थापित करना बड़ी चुनौती है. तीनों गांव में कैंप बनाए जाने के बाद जवानों के लिए रोजमर्रा की सामग्री उपलब्ध करवाना बिना पुल के मुश्किल है. इसी मुश्किल को देखते हुए इन इलाकों तक कच्ची सड़क और बूढ़ा नदी पर पुल बनाया जा रहा है. जिस इलाके में यह पुलिस कैंप स्थापित किया जाना है, वह पलामू टाइगर रिजर्व का कोर एरिया है. मिली जानकारी के अनुसार टॉप सुरक्षा अधिकारियों ने पीटीआर के अधिकारियों से कैंप स्थापित करने को लेकर बातचीत की है. हालांकि इस बातचीत में क्या निकल कर सामने आया है, इसका पता नहीं चल पाया है. पीटीआर प्रबंधन ने कुजरुम और लाटू को रिलोकेट करने की भी योजना तैयार (Budha Pahar Police camp) किया है.
बूढ़ पहाड़ में अभियान के बाद भाग गए टॉप नक्लसी कमांडर्सः बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों (Naxalites in Budha Pahar) के खिलाफ किए शुरू गए बड़े अभियान के बाद टॉप नक्सली कमांडर्स दस्ते को लेकर भाग गए हैं. बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के दस्ते का नेतृत्व 25 लाख का इनामी कमांडर सौरव उर्फ मरकस बाबा, नवीन यादव, मृत्युंजय भुइयां, रबिंद्र गंझू, नीरज सिंह खरवार कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बुढ़ा पहाड़ से निकलकर माओवादी गुमला, लातेहार और सीमावर्ती राज्य छत्तीसगढ़ के इलाके में पहुंचने की आशंका है. माओवादियों के खिलाफ अभियान में 40 से भी अधिक कंपनियों को तैनात किया गया है.