लोहरदगा: जिले को बॉक्साइट की नगरी कहा जाता है. यहां पर ज्यादातर लोगों की रोजी रोटी बॉक्साइट ट्रकों पर ही निर्भर करता है. ट्रक मालिक, चालक, खलासी, मजदूर सभी का काम ट्रकों के परिचालन से ही चलता है, लेकिन पिछले 6 महीने से ट्रकों का परिचालन बंद है, जिससे इनलोगों को काम नहीं मिल रहा है.
ट्रक चालक और मजदूरों को काम नहीं मिलने के कारण इन लोगों की रोजी रोटी पर आफत आ गई है. ट्रक मालिकों ने चरणबद्ध आंदोलन भी शुरू कर दिया है. लोहरदगा में ट्रक मालिक सड़क पर उतरे और हिंडाल्को कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की. ट्रक मालिकों ने इस दौरान मशाल जुलूस भी निकाले और कंपनी से बॉक्साइट ट्रकों का परिचालन शुरु करने की मांग की.
लोहरदगा और गुमला जिले के माइंस को मिलाकर लगभग 2 हजार से ज्यादा बॉक्साइट ट्रकों का परिचालन होता है. मानसून में खनन कार्य और परिवहन कार्य बंद रहने से लगभग 12 सौ बॉक्साइट ट्रक पिछले 6 माहीने से बंद पड़े हैं.