लातेहार: शनिवार को बेतला नेशनल पार्क के रोड नंबर दो में बाघिन की मौत के बाद पार्क को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद बेतला नेशनल पार्क को सोमवार दोपहर दो बजे के बाद पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. वहीं, इस दौरान वन विभाग के वरीय अधिकारियों के निर्देश पर रेंजर प्रेम प्रसाद के नेतृत्व में गठित चार टीमों ने पार्क क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में सघन जांच अभियान चलाया. इस क्रम में कई बिंदुओं पर जांच की गई, जिसके बाद जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को देने के बाद घटना को लेकर सील किए गए पूरे पार्क क्षेत्र को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया.
घटना को लेकर स्थानीय व्यवसायियों और लोगों में काफी मायूसी देखी जा रही है. स्थानीय लोगों की माने तो टाइगर प्रोजेक्ट के नाम से विख्यात बेतला नेशनल पार्क में लंबे समय से बाघ के होने की तस्वीरें वन विभाग के ट्रैक कैमरा के माध्यम से आते रहती थी, मगर एकाएक बाघिन की मौत की घटना पूरे क्षेत्र के लिए दुखद है. इस घटना के बाद वन विभाग को बेहतर तरीके से काम करते हुए बाघों के संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस पर्यटन स्थल में पर्यटक बाघों को देखने के लिए विशेष तौर पर आते हैं.
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उधर घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता से घूमने आए पर्यटक ने घटना के संदर्भ में कहा कि घटना वाले दिन वह उसी रोड से गुजर रहे थे, जहां इस दौरान उन्होंने बाघिन के रोने की आवाज दुखी अवस्था में सुनी थी. साथ ही साथ उस क्षेत्र में लगभग 7 से 8 की संख्या में बायसन को भी देखा था. पर्यटकों ने घटना पर दुख जताते हुए बाघों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की मांग सरकार से की है.
वन क्षेत्र के रेंजर प्रेम प्रसाद ने कहा कि वन क्षेत्र की सघन जांच के बाद पर्यटकों के लिए बेतला नेशनल पार्क को खोल दिया गया है. वहीं, घटना बायसन और बाघिन के बीच हुई लड़ाई के दौरान घटित हुई है, पशु चिकित्सकों ने बताया कि बाघिन की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है. साथ ही साथ मृत बाघिन के अवशेष को पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों की विशेष टीम अपने साथ जांच के लिए ले गई है.