लातेहार: बाघ से लड़ने की घटना अक्सर किस्से कहानियों या फिल्मों में ही देखी सुनी जाती है. लेकिन लातेहार में एक ऐसी घटना घटी जिसमें एक ग्रामीण ने बाघ से लड़ कर अपनी जान बचा ली. हालांकि इस घटना में ग्रामीण बुरी तरह से घायल हो गया. जिसे लातेहार में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया है.
जान बचाने के लिए बाघ से भिड़ा
दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के भैंसमारा गांव निवासी शिवचरण सिंह का कहना है कि वह सोमवार को जंगल में बैल चराने गए थे. इसी बीच जंगल में उन पर बाघ ने हमला कर दिया. शिवचरण का कहना है कि बाघ के हमले के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह उससे भिड़ गए. शिवचरण ने बताया कि जैसे ही वह जंगल की तराई में पहुंचे थे वैसे ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया. उसने पहले कुल्हाड़ी से वार कर बाघ से बचने का प्रयास किया पर कुल्हाड़ी उसके हाथ से दूर जा गिरा.
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बाघ ने किया हमला
शिवचरण का कहना है कि उनके हमले के बाद फिर से बाघ ने उस झपट्टा मारा. बाघ जैसे ही उसका गर्दन पकड़ने के लिए झपटा वैसे ही शिवचरण का हाथ बाघ के मुंह में चला गया. शिवचरण ने बहादुरी दिखाते हुए बाघ के मुंह में ही हाथ डाले हुए उसके गर्दन को पकड़ लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसके चिल्लाने के बाद आसपास मवेशी चरा रहे कुछ लोग आए, पर वह भी डर कर भागने लगे. इसी बीच कुछ और लोग भी शोर मचाने लगे. लोगों का शोर सुनकर बाघ उसे छोड़कर निकल गया.
रिम्स रेफर
इस घटना में शिवचरण का हाथ और पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था. बाद में उसे ग्रामीणों ने लातेहार अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. इधर मामले की सूचना मिलते ही डीएफओ ने रेंजर जितेंद्र सिंह को सदर अस्पताल भेजा. जहां रेंजर ने घायल को रिम्स में इलाज के लिए आर्थिक मदद की.
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जांच की जाएगी
रेंजर ने कहा कि जंगली जानवर बाघ के हमले से शिवचरण घायल हुआ है. ऐसे जंगल जाकर छानबीन की जाएगी और जानवर के पद चिन्ह लिए जाएंगे. उसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि हमला करने वाला जानवर बाघ था या उसी के प्रजाति का कोई अन्य जानवर.