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बाघ से लड़ गया लातेहार का शिवचरण! बचा ली खुद की जान

घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचे शिवचरण सिंह को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गई. शिवचरण का दावा है कि उसने बाघ से लड़ाई की है जिससे वह घायल हुआ है, इसके बाद लोग शिवचरण की बहादुरी और साहस की तारीफ कर रहे हैं. फिलहाल उसे इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया है.

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बाघ के हमले में घायल शिवचरण
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Published : Feb 11, 2020, 12:35 PM IST

Updated : Feb 11, 2020, 12:43 PM IST

लातेहार: बाघ से लड़ने की घटना अक्सर किस्से कहानियों या फिल्मों में ही देखी सुनी जाती है. लेकिन लातेहार में एक ऐसी घटना घटी जिसमें एक ग्रामीण ने बाघ से लड़ कर अपनी जान बचा ली. हालांकि इस घटना में ग्रामीण बुरी तरह से घायल हो गया. जिसे लातेहार में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया है.

देखें पूरी खबर

जान बचाने के लिए बाघ से भिड़ा
दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के भैंसमारा गांव निवासी शिवचरण सिंह का कहना है कि वह सोमवार को जंगल में बैल चराने गए थे. इसी बीच जंगल में उन पर बाघ ने हमला कर दिया. शिवचरण का कहना है कि बाघ के हमले के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह उससे भिड़ गए. शिवचरण ने बताया कि जैसे ही वह जंगल की तराई में पहुंचे थे वैसे ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया. उसने पहले कुल्हाड़ी से वार कर बाघ से बचने का प्रयास किया पर कुल्हाड़ी उसके हाथ से दूर जा गिरा.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत की पहल: सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट कर दी जानकारी, चंद घंटों में बुजुर्ग का हुआ काम

बाघ ने किया हमला
शिवचरण का कहना है कि उनके हमले के बाद फिर से बाघ ने उस झपट्टा मारा. बाघ जैसे ही उसका गर्दन पकड़ने के लिए झपटा वैसे ही शिवचरण का हाथ बाघ के मुंह में चला गया. शिवचरण ने बहादुरी दिखाते हुए बाघ के मुंह में ही हाथ डाले हुए उसके गर्दन को पकड़ लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसके चिल्लाने के बाद आसपास मवेशी चरा रहे कुछ लोग आए, पर वह भी डर कर भागने लगे. इसी बीच कुछ और लोग भी शोर मचाने लगे. लोगों का शोर सुनकर बाघ उसे छोड़कर निकल गया.

रिम्स रेफर
इस घटना में शिवचरण का हाथ और पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था. बाद में उसे ग्रामीणों ने लातेहार अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. इधर मामले की सूचना मिलते ही डीएफओ ने रेंजर जितेंद्र सिंह को सदर अस्पताल भेजा. जहां रेंजर ने घायल को रिम्स में इलाज के लिए आर्थिक मदद की.

ये भी पढ़ें- हाथ लगाने से ही टूट रही प्लस टू स्कूल की दीवारें, सरकारी पैसों के बंदरबांट का लगा आरोप

जांच की जाएगी
रेंजर ने कहा कि जंगली जानवर बाघ के हमले से शिवचरण घायल हुआ है. ऐसे जंगल जाकर छानबीन की जाएगी और जानवर के पद चिन्ह लिए जाएंगे. उसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि हमला करने वाला जानवर बाघ था या उसी के प्रजाति का कोई अन्य जानवर.

लातेहार: बाघ से लड़ने की घटना अक्सर किस्से कहानियों या फिल्मों में ही देखी सुनी जाती है. लेकिन लातेहार में एक ऐसी घटना घटी जिसमें एक ग्रामीण ने बाघ से लड़ कर अपनी जान बचा ली. हालांकि इस घटना में ग्रामीण बुरी तरह से घायल हो गया. जिसे लातेहार में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया है.

देखें पूरी खबर

जान बचाने के लिए बाघ से भिड़ा
दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के भैंसमारा गांव निवासी शिवचरण सिंह का कहना है कि वह सोमवार को जंगल में बैल चराने गए थे. इसी बीच जंगल में उन पर बाघ ने हमला कर दिया. शिवचरण का कहना है कि बाघ के हमले के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह उससे भिड़ गए. शिवचरण ने बताया कि जैसे ही वह जंगल की तराई में पहुंचे थे वैसे ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया. उसने पहले कुल्हाड़ी से वार कर बाघ से बचने का प्रयास किया पर कुल्हाड़ी उसके हाथ से दूर जा गिरा.

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बाघ ने किया हमला
शिवचरण का कहना है कि उनके हमले के बाद फिर से बाघ ने उस झपट्टा मारा. बाघ जैसे ही उसका गर्दन पकड़ने के लिए झपटा वैसे ही शिवचरण का हाथ बाघ के मुंह में चला गया. शिवचरण ने बहादुरी दिखाते हुए बाघ के मुंह में ही हाथ डाले हुए उसके गर्दन को पकड़ लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसके चिल्लाने के बाद आसपास मवेशी चरा रहे कुछ लोग आए, पर वह भी डर कर भागने लगे. इसी बीच कुछ और लोग भी शोर मचाने लगे. लोगों का शोर सुनकर बाघ उसे छोड़कर निकल गया.

रिम्स रेफर
इस घटना में शिवचरण का हाथ और पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था. बाद में उसे ग्रामीणों ने लातेहार अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. इधर मामले की सूचना मिलते ही डीएफओ ने रेंजर जितेंद्र सिंह को सदर अस्पताल भेजा. जहां रेंजर ने घायल को रिम्स में इलाज के लिए आर्थिक मदद की.

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जांच की जाएगी
रेंजर ने कहा कि जंगली जानवर बाघ के हमले से शिवचरण घायल हुआ है. ऐसे जंगल जाकर छानबीन की जाएगी और जानवर के पद चिन्ह लिए जाएंगे. उसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि हमला करने वाला जानवर बाघ था या उसी के प्रजाति का कोई अन्य जानवर.

Intro:बाघ से लड़ गया लातेहार का शिवचरण, गंभीर रूप से हुआ घायल

लातेहार. बाघ से लड़ने की घटना अक्सर किस्से कहानियों या फिल्मों में ही देखा सुना जाता है. परंतु लातेहार में एक ऐसी घटना घटी जिसमें एक ग्रामीण बाघ से लड़ कर अपनी जान बचा ली. हालांकि इस घटना में ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गया .जिसे लातेहार में प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया.


Body:दरअसल लातेहार सदर प्रखंड के भैंसमारा गांव निवासी शिवचरण सिंह सोमवार को जंगल में बैल चराने गए थे. इसी बीच जंगल में उन पर बाघ ने हमला कर दिया. बाघ के हमले के बाद शिवचरण ने हिम्मत नहीं हारी और बाघ से भिड़ गया. शिवचरण ने बताया कि जैसे ही वह जंगल की तराई में पहुंचा था वैसे ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया. उसने पहले कुल्हाड़ी से वार कर बाघ से बचने का प्रयास किया परंतु कुल्हाड़ी उसके हाथ से छिटक कर दूर जा गिरा. इसके बाद पुनः बाघ ने उस पर हमला कर दिया. बाघ जैसे ही उसका गर्दन पकड़ने के लिए झपटा वैसे ही शिवचरण का हाथ बाघ के मुंह में चला गया. शिवचरण ने बहादुरी दिखाते हुए बाघ के मुंह में ही हाथ डाले हुए उसके गर्दन को पकड़ लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसके चिल्लाने के बाद आसपास जानवर चरा रहे कुछ लोग आए ,परंतु वह भी डर कर भागने लगे. इसी बीच जानवर चरा रहे अन्य लोग भी हल्ला मचाने लगे. लोगों के शोर सुनकर बाघ भाग गया.
इधर इस घटना में शिवचरण का हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया था. वही बाघ के हमले से शिवचरण के पैर भी जख्मी हो गए थे. बाद में उसे ग्रामीणों ने लाते अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. इधर मामले की सूचना होते ही डीएफओ ने रेंजर जितेंद्र सिंह को सदर अस्पताल भेजा. जहां रेंजर ने घायल को रिम्स में इलाज के लिए आर्थिक मदद की.
रेंजर ने कहा कि जंगली जानवर के द्वारा हमला किए जाने से ही शिवचरण घायल हुआ है. जंगल में जाकर छानबीन की जाएगी और जानवर के पद चिन्ह लिए जाएंगे उसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि हमला करने वाला जानवर बाघ था या उसी के प्रजाति का कोई अन्य जानवर.
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byte- बाघ से लड़ने वाला शिवचरण यादव
byte- रेंजर जितेंद्र सिंह


Conclusion:बाघ से लड़कर अस्पताल पहुंचे शिव चरण सिंह को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गई. लोग शिवचरण की बहादुरी और साहस की तारीफ कर रहे थे. वन अधिकारियों ने भी उनके साहस को सराहा.
Last Updated : Feb 11, 2020, 12:43 PM IST
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