कोडरमा: जिला में बंद पड़े पत्थर खदानों को पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश से भरा जा रहा है लेकिन, फ्लाई ऐश के भराव में नियमों की अनदेखी के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. दरअसल, कोडरमा के डोमचांच प्रखंड में जिन पत्थर खदानों का लीज समाप्त हो चुका था, सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन पत्थर खदानों में बड़े पैमाने पर फ्लाई ऐश भरे जा रहे हैं.
ऐसे हो रहा पौधों को नुकसान: डोमचांच प्रखंड के अंबादाह में सालों पहले लीज समाप्त हो चुके पत्थर खदान को भरने की कार्रवाई की जा रही है, जहां नियम के अनुसार पत्थर खदानों को फ्लाई ऐश से भरने के बाद ऊपर से 3 फीट मिट्टी का भराव करना जरूरी है ताकि ऐश के धूलकण वातावरण में न फैले और आसपास के जंगली क्षेत्र को नुकसान ना पहुंच पाए. फिर भी नियमों को ताक पर रखकर काम जारी है और फ्लाई ऐश के कारण धूल और प्रदूषण का माहौल व्याप्त हो गया है और यह धूलकण बंद पड़े पत्थर खदान के आसपास जंगली इलाके के पेड़-पौधे को नुकसान पहुंचा रहे हैं. फ्लाई ऐश आसपास लगे पेड़ पौधों पर जम चुके हैं जिसके कारण पौधों का उत्सर्जन रुक गया है और जंगल भी बर्बाद हो रहे हैं.
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कही ये बात: कोडरमा वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार सिंह ने कहा है कि खदानों में फ्लाई ऐश के भराव के बाद आसपास के वन क्षेत्रों में पानी का छिड़काव कर पेड़ पौधों पर जमे ऐश के धूलकण को हटाने का काम किया जाएगा. इसके अलावा खदान मालिकों को भराव वाले क्षेत्र में पेड़ पौधे लगाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि खनन एजेंसी को पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.