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कोडरमा: महिलाओं और छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए ताईक्वांडो का दिया जा रहा हैं मुफ्त ट्रेनिंग, छात्राएं आत्मरक्षा के लिए हो रहीं हैं तैयार - Koderma students training for self defense

कोडरमा में महिलाओं और सरकारी स्कूलों के छात्राओं को ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया जा रहा. यह प्रशिक्षण न सिर्फ आत्मरक्षा और शारीरिक रूप से सशक्त के लिए है बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं इस ट्रेनिंग के प्रति छात्राएं भी उत्साहित नजर आ रही है.

students take training for self-defense in Koderma
ट्रेनिंग लेती छात्राएं
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Published : Dec 22, 2019, 3:12 PM IST

कोडरमा: जिले के सीडी मध्य विद्यालय में छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए ताईक्वांडो की ट्रेनिंग दी जा रही है. छात्राएं आत्मरक्षा के लिए न सिर्फ खुद को तैयार कर रही हैं, बल्कि शारीरिक रूप से सशक्त होने के साथ-साथ मनचलों और कमेंट पास करने वालों पर नकेल कसने के लिए भी तैयार हो रही हैं. इन छात्राओं को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर समय तैयार रहे.

देखें पूरी खबर

ट्रेनिंग ले रही छात्राओं का मानना है कि जब वह स्कूल से निकलती है या घर से कहीं बाहर जाती हैं तो सड़कों पर गलियों में लोग उन्हें देखकर कमेंट पास करते हैं. ऐसे में यह ट्रेनिंग काफी अहम है और इस ट्रेनिंग के साथ वे खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ खुद को काफी मजबूत महसूस कर रही हैं.

ये भी देखें- भ्रष्टाचारियों की चारागाह बनी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, उंगली की ठोकर से उखड़ जाती है पक्की सड़क

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से फिलहाल कोडरमा जिले के 15 स्कूलों में छात्राओं को ताइक्वांडो की यह ट्रेनिंग दी जा रही है और लगातार तीन महीने तक सप्ताह में 2 दिन 2 घंटे की यह क्लास इन छात्राओं को दी जाएगी. सीडी बालिका मध्य विद्यालय की प्राचार्य रंजीता सिंह ने छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के लिए अपने-आप निर्भर बनाने की दिशा में सरकार की इस कदम की सराहना की है और कहा कि वर्तमान समय में छात्राओं और महिलाओं को खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना जरूरी है.

निःशुल्क दी जा रही है ताइक्वांडो की ट्रेनिंग
सरकारी स्कूलों की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए ताइक्वांडो का यह प्रशिक्षण कुशल प्रशिक्षकों की निगरानी में दी जा रही है. इसके अलावे जिला ताइक्वांडो एसोसिएशन की ओर से महिलाओं और छात्राओं के लिए निःशुल्क ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. ताइक्वांडो एसोसिएशन के तकनीकी निदेशक और राष्ट्रीय रेफरी अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान परिवेश में जिस तरह से महिला हिंसा के मामले में इजाफा हो रहा है, ऐसे में छात्राएं मजबूत होंगी तो वो हर चुनौती से लड़ सकती हैं.

कोडरमा: जिले के सीडी मध्य विद्यालय में छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए ताईक्वांडो की ट्रेनिंग दी जा रही है. छात्राएं आत्मरक्षा के लिए न सिर्फ खुद को तैयार कर रही हैं, बल्कि शारीरिक रूप से सशक्त होने के साथ-साथ मनचलों और कमेंट पास करने वालों पर नकेल कसने के लिए भी तैयार हो रही हैं. इन छात्राओं को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर समय तैयार रहे.

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ट्रेनिंग ले रही छात्राओं का मानना है कि जब वह स्कूल से निकलती है या घर से कहीं बाहर जाती हैं तो सड़कों पर गलियों में लोग उन्हें देखकर कमेंट पास करते हैं. ऐसे में यह ट्रेनिंग काफी अहम है और इस ट्रेनिंग के साथ वे खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ खुद को काफी मजबूत महसूस कर रही हैं.

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झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से फिलहाल कोडरमा जिले के 15 स्कूलों में छात्राओं को ताइक्वांडो की यह ट्रेनिंग दी जा रही है और लगातार तीन महीने तक सप्ताह में 2 दिन 2 घंटे की यह क्लास इन छात्राओं को दी जाएगी. सीडी बालिका मध्य विद्यालय की प्राचार्य रंजीता सिंह ने छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के लिए अपने-आप निर्भर बनाने की दिशा में सरकार की इस कदम की सराहना की है और कहा कि वर्तमान समय में छात्राओं और महिलाओं को खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना जरूरी है.

निःशुल्क दी जा रही है ताइक्वांडो की ट्रेनिंग
सरकारी स्कूलों की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए ताइक्वांडो का यह प्रशिक्षण कुशल प्रशिक्षकों की निगरानी में दी जा रही है. इसके अलावे जिला ताइक्वांडो एसोसिएशन की ओर से महिलाओं और छात्राओं के लिए निःशुल्क ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. ताइक्वांडो एसोसिएशन के तकनीकी निदेशक और राष्ट्रीय रेफरी अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान परिवेश में जिस तरह से महिला हिंसा के मामले में इजाफा हो रहा है, ऐसे में छात्राएं मजबूत होंगी तो वो हर चुनौती से लड़ सकती हैं.

Intro:सेल्फ डिफेंस के लिए कोडरमा की छात्राएं ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ले रही है । आत्मरक्षा के लिए सरकारी स्कूलों की छात्राओं को न सिर्फ शारीरिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें मजबूत बनाने का प्रयास जारी है ।


Body:कोडरमा के एक स्कूल में ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ले रही ये कोडरमा कि वे छात्राएं हैं जो आत्मरक्षा के लिए न सिर्फ खुद को तैयार कर रही है बल्कि शारीरिक रूप से सशक्त होने के साथ-साथ मनचलों और कमेंट पास करने वालों पर नकेल कसने के लिए भी तैयार हो रही है । इन छात्राओं को 3 महीने का ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दी जा रही है और हर वह बारीकी सिखाई जा रही है जिससे वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर वक्त तैयार रहे ।

बाईट:-रौशनी छात्रा ।

ट्रेनिंग ले रही छात्राओं का मानना है कि जब वह स्कूलों से निकलती है या घर से कहीं बाहर जाती है तो सड़कों पर गलियों में लोग उन्हें देखकर कमेंट पास करते हैं , ऐसे में यह ट्रेनिंग काफी अहम है और इस ट्रेनिंग के साथ वे खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ खुद को काफी मजबूत महसूस कर रही है ।

बाईट:- ज्योति कुमारी छात्रा ।

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से फिलहाल कोडरमा जिले के 15 स्कूलों में छात्राओं को ताइक्वांडो की यह ट्रेनिंग दी जा रही है और लगातार तीन महीने तक सप्ताह में 2 दिन 2 घंटे का यह क्लास इन छात्राओं को दिया जा रहा है । सीडी बालिका मध्य विद्यालय की प्राचार्या रंजीता सिंह ने छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के लिए आप निर्भर बनाने की दिशा में सरकार के इस कदम की सराहना की है और कहा कि वर्तमान समय में छात्राओं और महिलाओं को खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना जरूरी है ।
बाईट:-रंजीता सिंह , प्राचार्या ,सीडी मध्य विद्यालय ,कोडरमा ।

सरकारी स्कूलों की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए ताइक्वांडो का यह प्रशिक्षण कुशल प्रशिक्षकों की निगरानी में दिया जा रहा है । इसके अलावे जिला ताइक्वांडो एसोसिएशन की ओर से महिलाओं और छात्राओं के लिए निशुल्क ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी दी जा रही है । जिला ताइक्वांडो एसोसिएशन के तकनीकी निदेशक और राष्ट्रीय रेफरी अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान परिवेश में जिस तरह से महिला हिंसा के मामले में इजाफा हो रहा है ऐसे में छात्राएं मजबूत होंगी तो हर चुनौती से लड़ सकती है ।

बाइट:- अशोक कुमार ,तकनीकी निदेशक ,ताइक्वांडो एसोसिएशन ।



Conclusion:कोडरमा के सरकारी स्कूलों में छात्राओं को ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के प्रति सचेत बनाया जा रहा है । वहीं इस ट्रेनिंग के प्रति छात्राएं भी उत्साहित नजर आ रही है । बहर हाल जिस तरह से समाज में विकृत मानसिकता बन रही है और महिला हिंसा के मामलों में इजाफा हुआ है ऐसे में यह ट्रेनिंग काफी अहम माना जा सकता है ।
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