कोडरमाः जिले में महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपने परिवार का गुजारा करने में समर्थ बन रहीं हैं. महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज के लिए मिसाल पेश कर रही हैं. सरकार के सवयं सहायता योजना महिलाओं को स्वरोजगार दिलाकर सशक्त करने का प्रयास है.
महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर
राज्य सरकार की पहल से महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश कर रही हैं. कोडरमा के सतगावां प्रखंड के पचमोह गांव की संगीता कुमारी, आर्थिक अभाव के कारण कई परेशानियों से जूझ रही थीं. गांव की महिलाओं ने संगीता को महिला मंडल से जुड़ने की सलाह दी. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के सहयोग से संगीता स्वयं सहायता समूह से जुड़ी. समूह से बचत की आदत सीख संगीता ने महिला मंडल से लोन लेकर दुकान खोला और अच्छे से अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं.
यह भी पढ़ें- जन आशीर्वाद यात्रा का दूसरा चरण, सीएम रघुवर दास 5सौ किलोमीटर की यात्रा में करेंगे 40 जनसभा
गरीबों की शादी में करती हैं सहयोग
संगीता जिस समूह से जुड़ी, उसका नाम लक्ष्मी आजीविका महिला मंडल है. फिलहाल इस स्वयं सहायता समूह से 11 महिलाएं जुड़ी हैं. सभी महिलाएं हर सप्ताह नियमित बैठक करती हैं और 10-10 रुपए जमा भी करती हैं. ऐसे में महिलाएं जरूरत के समय किसी को ऋण देती है. इसके अलावा एक-एक मुट्ठी जमा किया गया चावल गरीबों की शादी में मदद के रुप में दिया जाता है. समूह के जरिए ही संगीता लोन लेकर दुकान खोली और सिलाई बुनाई करती हैं. वह सतगावां प्रखंड के कुछ महिलाओं को सिलाई भी सिखाती हैं. महिलाएं बताती हैं की समूह की जब बैठक होती है तब महिलाएं एक दूसरे की समस्याओं पर भी चर्चा करती हैं.