कोडरमा: राफेल के भारत आगमन के साथ, जहां देश की सैन्य व्यवस्था और मजबूत हो गई है. वहीं, राफेल के भारत आगमन से कोडरमा का भी नाम जुड़ गया है. कोडरमा के सैनिक स्कूल तिलैया के कैडेट रहे रोहित कटारिया भारतीय दल के साथ राफेल लेकर भारत लौटे हैं. रोहित कटारिया 1994 में सैनिक स्कूल में नामांकन कराए थे और 1999 में वे सैनिक स्कूल से पास आउट हुए थे. 1999 में ही उनका चयन एनडीए में हुआ था. रोहित के पिता कर्नल सतवीर कटारिया सैनिक स्कूल तिलैया के प्राचार्य के रूप में भी अपना योगदान दे चुके हैं.
फ्रांस से राफेल लाने वाले भारतीय दल में रोहित कटारिया के शामिल होने से सैनिक स्कूल तिलैया के शिक्षकों के साथ-साथ युवाओं में खासा उत्साह है. सैनिक स्कूल तिलैया के सीनियर टीचर धनंजय कुमार रोहित कटारिया को पढ़ाए हुए उन दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि रोहित काफी प्रतिभाशाली थे. पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद और हर गतिविधि में उनका योगदान हुआ करता था.
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उन्होंने कहा कि राफेल लेकर भारत लौटे भारतीय दल में उनका शामिल होना उनके लिए प्राऊड मोमेंट है. इसके साथ में यह देश और राज्य के लिए भी गौरवान्वित करने वाला पल है. वहीं, कोडरमा जिले के युवाओं ने भी इस पल को गौरवशाली बताते हुए कहा कि जहां राफेल के भारत आने से भारत की सैन्य व्यवस्था और मजबूत हो गई है. वहीं, राफेल के साथ कोडरमा का भी नाम जुड़ गया है. युवाओं ने कहा कि फ्रांस से राफेल लेकर भारत लौटे भारतीय दल में कोडरमा के सैनिक स्कूल तिलैया के एक कैडेट के शामिल होने से उनका मनोबल भी बढ़ा है, जो उन्हें देश रक्षा के क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित कर रहा है.