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रजौली टू कोडरमा फोरलेन के निर्माण कार्य को लेकर विवाद, तिलैया बाईपास में रैयतों और एनएचआई के बीच गतिरोध जारी

रजौली टू कोडरमा फोरलेन के निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. लोग प्रभावितों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इस दौरान निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को लोगों ने घेर लिया और उनसे विवाद सुलझाने की मांग की.

construction work of Rajauli to Koderma Fourlane
construction work of Rajauli to Koderma Fourlane
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Published : Aug 14, 2023, 9:34 PM IST

देखें पूरी खबर

कोडरमा: बरही से कोडरमा के जेजे कॉलेज तक एनएच 31 के फोरलेन निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, लेकिन झुमरी तिलैया बाई पास में लोगों के द्वारा विवाद उत्पन्न किए जाने के कारण महज 400 मीटर फोरलेन निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है. बहरहाल, प्रशासन की मदद से एनएचएआई निर्माण कार्य कराने में जुटी हुई है. निर्माण कार्य को लेकर एनएचएआई और स्थानीय प्रभावितों के बीच गतिरोध लगातार जारी है.

यह भी पढ़ें: मंडल डैम का 12 में से 10 गेट बनकर तैयार, जल्द ही डूब क्षेत्र के परिवारों के मिलेगा मुआवजा

रैयतों का आरोप है कि नियम के विरुद्ध फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा कई लोगों को अब तक एनएचआई से मुआवजा भी नहीं मिला है. इसलिए वे विरोध कर रहे हैं. लोग प्रभावितों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वहीं जब निर्माण कार्य को लेकर जब एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीसी काहिली मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें कई घंटे तक घेरे रखा. लोगों ने उनसे विवाद सुलझाने की मांग की.

हाई कोर्ट के निर्णय का किया जाएगा अनुपालन: प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीसी काहिली ने कहा कि सिर्फ तिलैया बाई पास में 400 मीटर निर्माण नहीं होने देने के कारण फोरलेन का काम अधूरा पड़ा है, जबकि जिस जमीन पर फोरलेन का निर्माण कार्य किया जाना है, वह 1962 और 1972 में अधिग्रहित की गई है. पथ निर्माण विभाग के द्वारा एनएचएआई को सड़क बनाने के लिए यह जमीन सौंपी गई है, लेकिन लोग विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है और न्यायालय की ओर से जो भी निर्देश मिलेगा, उसका अनुपालन किया जाएगा.

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कोडरमा: बरही से कोडरमा के जेजे कॉलेज तक एनएच 31 के फोरलेन निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, लेकिन झुमरी तिलैया बाई पास में लोगों के द्वारा विवाद उत्पन्न किए जाने के कारण महज 400 मीटर फोरलेन निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है. बहरहाल, प्रशासन की मदद से एनएचएआई निर्माण कार्य कराने में जुटी हुई है. निर्माण कार्य को लेकर एनएचएआई और स्थानीय प्रभावितों के बीच गतिरोध लगातार जारी है.

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रैयतों का आरोप है कि नियम के विरुद्ध फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा कई लोगों को अब तक एनएचआई से मुआवजा भी नहीं मिला है. इसलिए वे विरोध कर रहे हैं. लोग प्रभावितों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वहीं जब निर्माण कार्य को लेकर जब एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीसी काहिली मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें कई घंटे तक घेरे रखा. लोगों ने उनसे विवाद सुलझाने की मांग की.

हाई कोर्ट के निर्णय का किया जाएगा अनुपालन: प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीसी काहिली ने कहा कि सिर्फ तिलैया बाई पास में 400 मीटर निर्माण नहीं होने देने के कारण फोरलेन का काम अधूरा पड़ा है, जबकि जिस जमीन पर फोरलेन का निर्माण कार्य किया जाना है, वह 1962 और 1972 में अधिग्रहित की गई है. पथ निर्माण विभाग के द्वारा एनएचएआई को सड़क बनाने के लिए यह जमीन सौंपी गई है, लेकिन लोग विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है और न्यायालय की ओर से जो भी निर्देश मिलेगा, उसका अनुपालन किया जाएगा.

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