कोडरमा: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. पिछले दो सालों से कोरोना के कारण आर्थिक रूप से नुकसान झेल चुके सूप और दौरा बनाने वाले तुरी समाज के लोग उत्साहित हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनका व्यवसाय अच्छा होगा और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. कोडरमा के असनाबाद तुरी टोला में रहने वाले लगभग 50 परिवार जोर शोर से बांस का सूप और दौरा तैयार कर रहे हैं, ताकि इस बार छठ में लोगों की डिमांड पूरी की जा सके.
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तुरी समाज के लोग पूरी शिद्दत के साथ अपने व्यवसाय में लगे हुए हैं. परिवार के सभी सदस्य सूप और दौरा तैयार करने में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं. कोई जंगल से बांस लाने में लगा है, तो कोई उसकी कटाई करने और उसकी छटाई करने में जुटा है. परिवार के सभी सदस्य बांस का सूप और दौरा को अंतिम रूप देने में जुटा है. बांस का सूप और दौरा बनाने वाली महिलाओं ने कहा कि प्लास्टिक का सूप बाजार में आने के कारण उनकी डिमांड थोड़ी कम जरूर हुई है. लेकिन फिर भी उनका उत्साह बना हुआ है. तुरी समाज के लोग सालोंभर सूप-दौरा बनाने के अलावा बांस के अलग-अलग आइटम तैयार करते हैं. जिसका छठ में विशेष महत्व होता है. बांस के बनाए सूप और दौरा बाजारों में तेजी से बिक्री भी हो रही है. वहीं सूप की खरीदारी के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है.
सरकार से मदद की उम्मीद
छठ पर्व में बांस के बने सूप, दौरा, डलिया, पंखा का विशेष महत्व है और इसे शुभ भी माना माना जाता है. तुरी समुदाय के लोग भी मानते हैं कि भले ही बाजार में प्लास्टिक और पीतल के सूप उपलब्ध हैं. लेकिन बांस के बने सूप और दौरा की शुद्धता और प्रमाणिकता में कभी कमी नहीं आएगी. सूप बनाने वाले लोगों ने कहा कि इस बार महंगाई के कारण बांस की कीमत दोगुनी हो गई है और सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत भी नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें मशीन उपलब्ध कराए तो उनका व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ेगा.