कोडरमा: जिला के डोमचांच में नाबालिग छाया कुमारी ने बाल अपनी शादी रुकवाई. उसने खुद की ही शादी रुकवाकर समाज के लिए मिसाल पेश की है. किशोरी के इस जज्बे और हिम्मत को देखते हुए प्रशासन ने छाया कुमारी को सम्मानित किया. बाल विवाह के खिलाफ उसके द्वारा लिए गए निर्णय की चर्चा हो रही है.
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छाया कुमारी कोडरमा के डोमचांच प्रखंड स्थित मसनोडीह पंचायत के बसवरिया की रहने वाली है. छाया की उम्र 17 साल है और वह 12वीं की पढ़ाई कर रही है. छाया कुमारी की शादी 6 जून को होने वाली थी लेकिन पढ़ने लिखने और समाज के लिए कुछ करने के लिए छाया इस कच्ची उम्र में शादी नहीं करना चाहती थी. इसके लिए छाया ने माता पिता को समझाया और जब वो लोग नहीं माने तो प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए खुद की शादी रुकवाने की गुजारिश की.
इसके बाद जैसे ही छाया कुमारी का आवेदन प्रशासन के पास पहुंचा, डोमचांच के बीडीओ उदय कुमार सिन्हा उसके घर पहुंचे. बीडीओ ने उसके माता पिता और छाया को पढ़ने लिखने देने और उसके बाद ही उसकी शादी करने की बात कही. जिसके बाद छाया के माता पिता उसकी शादी ना करने को राजी हुए. डोमचांच बीडीओ उदय कुमार सिन्हा ने छाया कुमारी की तारीफ करते हुए कहा कि बाल विवाह के खिलाफ छोटे-छोटे गांव की बच्चियां आज जागरूक हो चुकी हैं, जो निश्चित तौर पर आने वाले समय में एक स्वस्थ समाज के निर्माण की ओर एक सकारात्मक पहल है.
कोडरमा में बाल विवाह को लेकर खुद की शादी रुकवाने के लिए जो कदम छाया कुमारी ने उठाया है, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है. निश्चित तौर पर जब खुद के हक और अधिकार के लिए बच्चियां आगे आएंगी तो बाल विवाह जैसी कुरीतियां समाज से खत्म हो जाएंगी. इधर प्रखंड प्रशासन के द्वारा समझाए जाने के बाद छाया कुमारी की शादी रुक गई है और अब उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी निजी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन लिया है.