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कोडरमाः जलसंचय में आम लोग बन रहे भागीदार, डीसी-एसपी भी कर रहे श्रमदान - झारखंड न्यूज

कोडरमा में तालाब गहरीकरण के साथ जल संचयन अभियान में जनभागीदारी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. तालाब के गहरीकरण में जिला प्रशासन के साथ स्थानीय लोग भी जुट गए हैं. स्थानीय लोगों ने तालाब के साथ-साथ जल संचयन अभियान के लिए वृक्षारोपण का काम कर रहे हैं.

वृक्षारोपण का काम करते डीसी
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Published : Jul 27, 2019, 4:40 PM IST

कोडरमाः जल संचयन के लिए शुरू किए गए अभियान में अब कोडरमा के लोगों की भागीदारी भी दिखने लगी है. इस अभियान का एक सार्थक पहल सामने आ रहा है. कोडरमा के डोमचांच में 52 एकड़ में फैले ऐतिहासिक शिव सागर तालाब को प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जन सहयोग से तैयार किया जा रहा है. तालाब के गहरीकरण में आम लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

देखें पूरी खबर

प्रशासन को आम लोगों ने भी दिया साथ

उपायुक्त रमेश घोपल की अगुवाई में प्रशासनिक अधिकारियों ने इस तालाब के गहरीकरण का बीड़ा उठाया था. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को डोमचांच के क्रशर मंडी के पत्थर व्यवसाई और आम लोगों का सहयोग मिला. जिसके बाद बड़ी-बड़ी मशीनें और ट्रकों के जरिए इस तालाब के गहरीकरण का कार्य शुरू हो गया है. इससे पहले उपायुक्त रमेश घोलप, एसपी एम तमिल वानन और वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार ने श्रमदान कर इस तालाब के गहरीकरण की शुरुआत कर वृक्षारोपन भी किया.

वृक्षारोपण कर जल संरक्षण किया जाएगा

52 एकड़ में फैले इस तालाब के गहरीकरण के साथ जल संचयन के लिए स्थानीय लोग 400 पौधे भी लगाएंगे. जिससे बारिश के पानी को इकट्ठा कर गिरते जलस्तर को रोका जा सके. डोमचांच के शिव सागर में अस्तित्व खो चुका, यह तालाब काफी ऐतिहासिक है. सूर्य उपासना के महापर्व छठ के दौरान यहां 10 दिवसीय भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है. जिसे दूरदराज से लोग देखने आते हैं.

ये भी पढ़ें- पुलिस मुख्यालय का आदेश नहीं मानते जिले के एसपी, डीजी मुख्यालय ने जताई नाराजगी

जनभागीदारी से ही मुकाम मिलना संभव होगा

ऐसे में इस तालाब के गहरीकरण और जल संचयन के इस अभियान में आम लोगों की भागीदारी से उपायुक्त रमेश घोपल खुश हैं. उनका कहना है इस भागीदारी से ना सिर्फ सरकार के अभियान को एक सार्थक मुकाम मिल रहा है, बल्कि जनभागीदारी से ही जल संचयन किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस अभियान में लोगों का साथ देने के लिए प्रतिदिन कोई ना कोई सरकारी अधिकारी जाकर श्रमदान करेगा.

कोडरमाः जल संचयन के लिए शुरू किए गए अभियान में अब कोडरमा के लोगों की भागीदारी भी दिखने लगी है. इस अभियान का एक सार्थक पहल सामने आ रहा है. कोडरमा के डोमचांच में 52 एकड़ में फैले ऐतिहासिक शिव सागर तालाब को प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जन सहयोग से तैयार किया जा रहा है. तालाब के गहरीकरण में आम लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

देखें पूरी खबर

प्रशासन को आम लोगों ने भी दिया साथ

उपायुक्त रमेश घोपल की अगुवाई में प्रशासनिक अधिकारियों ने इस तालाब के गहरीकरण का बीड़ा उठाया था. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को डोमचांच के क्रशर मंडी के पत्थर व्यवसाई और आम लोगों का सहयोग मिला. जिसके बाद बड़ी-बड़ी मशीनें और ट्रकों के जरिए इस तालाब के गहरीकरण का कार्य शुरू हो गया है. इससे पहले उपायुक्त रमेश घोलप, एसपी एम तमिल वानन और वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार ने श्रमदान कर इस तालाब के गहरीकरण की शुरुआत कर वृक्षारोपन भी किया.

वृक्षारोपण कर जल संरक्षण किया जाएगा

52 एकड़ में फैले इस तालाब के गहरीकरण के साथ जल संचयन के लिए स्थानीय लोग 400 पौधे भी लगाएंगे. जिससे बारिश के पानी को इकट्ठा कर गिरते जलस्तर को रोका जा सके. डोमचांच के शिव सागर में अस्तित्व खो चुका, यह तालाब काफी ऐतिहासिक है. सूर्य उपासना के महापर्व छठ के दौरान यहां 10 दिवसीय भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है. जिसे दूरदराज से लोग देखने आते हैं.

ये भी पढ़ें- पुलिस मुख्यालय का आदेश नहीं मानते जिले के एसपी, डीजी मुख्यालय ने जताई नाराजगी

जनभागीदारी से ही मुकाम मिलना संभव होगा

ऐसे में इस तालाब के गहरीकरण और जल संचयन के इस अभियान में आम लोगों की भागीदारी से उपायुक्त रमेश घोपल खुश हैं. उनका कहना है इस भागीदारी से ना सिर्फ सरकार के अभियान को एक सार्थक मुकाम मिल रहा है, बल्कि जनभागीदारी से ही जल संचयन किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस अभियान में लोगों का साथ देने के लिए प्रतिदिन कोई ना कोई सरकारी अधिकारी जाकर श्रमदान करेगा.

Intro:जल संचयन के लिए शुरू किए गए अभियान में अब कोडरमा के लोगों की भागीदारी भी दिखने लगी है और इस अभियान का एक सार्थक पहल सामने आ रहा है। कोडरमा के डोमचांच में 52 एकड़ में फैले ऐतिहासिक शिव सागर तालाब को प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जन सहयोग से तैयार किया जा रहा है और इस तालाब के गहरीकरण में आम लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। Body:उपायुक्त रमेश घोपल की अगुवाई में प्रशासनिक अधिकारियों ने इस तालाब के गहरीकरण का बीड़ा उठाया था लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को डोमचांच के क्रेशर मंडी के पत्थर व्यवसाई और आम लोगों का सहयोग मिला, जिसके बाद बड़ी-बड़ी मशीनें और ट्रकों के जरिए इस तालाब के गहरीकरण का कार्य शुरू हो गया है। इससे पहले उपायुक्त रमेश घोलप, एसपी एम तमिल वानन और वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार ने श्रमदान कर कर इस तालाब के गहरीकरण शुरुआत की और विरक्षारोपन भी किया। Conclusion:52 एकड़ में फैले इस तालाब के गहरीकरण के साथ जल संचयन के लिए स्थानीय लोग 400 पौधे भी लगाएंगे ताकि बारिश के पानी को इकट्ठा कर गिरते जलस्तर को रोका जा सके। डोमचांच के शिव सागर में अस्तित्व खो चुका यह तालाब काफी ऐतिहासिक है। सूर्य उपासना के महापर्व छठ के दौरान यहां 10 दिवसीय भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है जिसे दूरदराज से लोग देखने आते हैं। ऐसे में इस तालाब के गहरीकरण और जल संचयन के इस अभियान में आम लोगों की भागीदारी से उपायुक्त रमेश घोपल खुश हैं और उनका कहना है इस भागीदारी से ना सिर्फ सरकार के इस अभियान को एक सार्थक मुकाम मिल रहा है बल्कि जनभागीदारी से ही जल संचयन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में लोगों का साथ देने के लिए प्रतिदिन कोई ना कोई सरकारी अधिकारी जाकर श्रमदान करेगा।
बाइट :- रमेश घोपल, उपायुक्त, कोडरमा
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