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कोडरमा एसडीओ ने किया निजी क्लीनिक सील, महिला की मौत के बाद डॉक्टरों की जांच टीम ने किया निरीक्षण

कोडरमा में निजी क्लीनिक में महिला की मौत के बाद एसडीओ ने सील किया (Koderma SDO sealed private clinic) है. इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद एसडीओ के नेतृत्व में डॉक्टरों की जांच टीम ने जायजा लिया. पूरा मामला झुमरी तिलैया थाना क्षेत्र का है.

Koderma SDO sealed private clinic after woman died during treatment
कोडरमा
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Published : Oct 11, 2022, 7:54 AM IST

कोडरमा: जिला में झुमरी तिलैया थाना क्षेत्र निजी क्लीनिक में प्रसव के बाद महिला की मौत के मामले में कार्रवाई तेज हो (Koderma SDO sealed private clinic) गई है. एसडीओ मनीष कुमार की अगुवाई में 4 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने क्लीनिक का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान क्लीनिक में कई तरह की खामियां पाई गई, जिसके बाद इस क्लीनिक को सील कर दिया गया (sealed private clinic after woman died) है.

इसे भी पढ़ें- निजी क्लीनिक में महिला की मौत पर हंगामा, डॉक्टर्स और संचालक मौके से फरार

सोमवार को एसडीओ की अगुवाई में पहुंची डॉक्टरों की जांच टीम ने अस्पताल के अलग-अलग वार्ड के अलावा ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम और मेडिकल स्टोर का भी जायजा लिया. जहां जांच टीम को हर जगह खामियां मिली. हॉस्पिटल में खास तौर पर सैनिटाइजेशन का अभाव पाया गया. इसके अलावा यह भी बात सामने आई कि इस अस्पताल में डॉक्टर के बजाय कंपाउंडर और नर्सिंग स्टाफ प्रसव के लिए आई महिला का ऑपरेशन करते थे. बता दें कि इससे पहले भी इस अस्पताल में इस तरह की लापरवाही सामने आती रही है और यहां इलाज के दौरान लापरवाही से कई मरीजों की मौत हो चुकी है. फिलहाल जांच के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है और जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जाएगी. यहां बता दें कि रविवार तिलैया डैम की रहने वाली 24 वर्षीय कौशल्या देवी की प्रसव के बाद मौत (woman died during treatment) हो गई थी. यहां महिला की मौत के बाद क्लीनिक के संचालक और तमाम स्वास्थ्य कर्मी क्लीनिक छोड़कर भाग खड़े हुए थे.

देखें पूरी खबर

सोमवार को जांच के बाद एसडीओ मनीष कुमार (Koderma SDO Manish Kumar) ने बताया कि अस्पताल के निरीक्षण के बाद इसमें कई तरह की खामियां पाई गई है और यह क्लीनिक किसी भी रूप में संचालित करने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि क्लीनिक के संचालक की लापरवाही के कारण महिला की मौत की बात सामने आई थी. जिसके बाद डीसी के निर्देश पर एसडीओ के नेतृत्व में 5 सदस्य टीम का गठन किया गया था. गौरतलब है कि इस अस्पताल के बाहर कई नामी-गिरामी डॉक्टरों के बोर्ड भी लगाए गए हैं, लेकिन उन डॉक्टरों का अस्पताल से कभी कोई संबंध नहीं रहा है. बड़े-बड़े डॉक्टरों के नाम पर इस अस्पताल में कंपाउंडर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा इलाज किए जाने की बात सामने आती रही है.

कोडरमा: जिला में झुमरी तिलैया थाना क्षेत्र निजी क्लीनिक में प्रसव के बाद महिला की मौत के मामले में कार्रवाई तेज हो (Koderma SDO sealed private clinic) गई है. एसडीओ मनीष कुमार की अगुवाई में 4 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने क्लीनिक का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान क्लीनिक में कई तरह की खामियां पाई गई, जिसके बाद इस क्लीनिक को सील कर दिया गया (sealed private clinic after woman died) है.

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सोमवार को एसडीओ की अगुवाई में पहुंची डॉक्टरों की जांच टीम ने अस्पताल के अलग-अलग वार्ड के अलावा ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम और मेडिकल स्टोर का भी जायजा लिया. जहां जांच टीम को हर जगह खामियां मिली. हॉस्पिटल में खास तौर पर सैनिटाइजेशन का अभाव पाया गया. इसके अलावा यह भी बात सामने आई कि इस अस्पताल में डॉक्टर के बजाय कंपाउंडर और नर्सिंग स्टाफ प्रसव के लिए आई महिला का ऑपरेशन करते थे. बता दें कि इससे पहले भी इस अस्पताल में इस तरह की लापरवाही सामने आती रही है और यहां इलाज के दौरान लापरवाही से कई मरीजों की मौत हो चुकी है. फिलहाल जांच के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है और जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जाएगी. यहां बता दें कि रविवार तिलैया डैम की रहने वाली 24 वर्षीय कौशल्या देवी की प्रसव के बाद मौत (woman died during treatment) हो गई थी. यहां महिला की मौत के बाद क्लीनिक के संचालक और तमाम स्वास्थ्य कर्मी क्लीनिक छोड़कर भाग खड़े हुए थे.

देखें पूरी खबर

सोमवार को जांच के बाद एसडीओ मनीष कुमार (Koderma SDO Manish Kumar) ने बताया कि अस्पताल के निरीक्षण के बाद इसमें कई तरह की खामियां पाई गई है और यह क्लीनिक किसी भी रूप में संचालित करने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि क्लीनिक के संचालक की लापरवाही के कारण महिला की मौत की बात सामने आई थी. जिसके बाद डीसी के निर्देश पर एसडीओ के नेतृत्व में 5 सदस्य टीम का गठन किया गया था. गौरतलब है कि इस अस्पताल के बाहर कई नामी-गिरामी डॉक्टरों के बोर्ड भी लगाए गए हैं, लेकिन उन डॉक्टरों का अस्पताल से कभी कोई संबंध नहीं रहा है. बड़े-बड़े डॉक्टरों के नाम पर इस अस्पताल में कंपाउंडर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा इलाज किए जाने की बात सामने आती रही है.

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